
करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई की तलोजा जेल में बंद DHFL कंपनी के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन को मेडिकल के नाम पर सुविधाएं देने वाले पुलिसकर्मियों पर एक्शन हुआ है. मुंबई पुलिस ने जेल एस्कॉर्ट टीम के एक अधिकारी और छह कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है. यही अधिकारी मेडिकल चेकअप के लिए उन्हें जेल से बाहर ले जाने के लिए जिम्मेदार थे.
आजतक ने मंगलवार को खुलासा किया था कि देश की 17 बैंकों को 34,614 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले वधावन बंधुओं को मेडिकल जांच के नाम पर हफ्ते में कई बार अस्पताल लेकर जाया जाता है, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. इस दौरान वधावन परिवार के सदस्य भी मौजूद रहते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं. घर से लाया गया खाना खाते हैं.
आजतक के ऑपरेशन में सामने आया था कि दोनों भाइयों को मेडिकल चेकअप के नाम पर हफ्ते में 3-4 बार जेल से अस्पताल ले जाया जाता है. पिछली बार 7 अगस्त को मुंबई के KEM हॉस्पिटल में कपिल को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया था. जबकि 9 अगस्त को धीरज वधावन जेजे हॉस्पिटल पहुंचे थे. यहां वधावन बंधु इलाज के बजाय अपनी अपनी कारों में बैठकर परिवार और आपसी लोगों के साथ मुलाकात करते हैं. कार में पारिवारिक से लेकर बिजनेस से जुड़ीं मीटिंग होती हैं. ये सिलसिला कई घंटों तक चलता है. आजतक के ऑपरेशन में दोनों भाइयों की तस्वीरें भी सामने आई हैं. इन दोनों का ये स्पेशल ट्रीटमेंट तब से चल रहा है, जब से दोनों को तलोजा जेल भेजा गया है.
दोषियों पर होगी कार्रवाई: फडणवीस
वहीं आजतक के स्टिंग पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी बयान दिया था. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी. इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डीसीपी बोले- दोषी पुलिसकर्मियों पर लेंगे एक्शन
डीसीपी संजय पाटिल ने आजतक से बातचीत में कहा कि वधावन भाइयों को जो कर्मचारी अस्पताल लेकर जाते हैं, वह नवी मुंबई पुलिस डिपार्टमेंट का ही स्टाफ है और इस खबर को हमने देखा है, वह PRIMA FACIE सही लग रही है . सब पर कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में इस तरह की घटना ना हो इस पर भी ध्यान देंगे, जो गाड़ियां आरोपियों को लेकर जाती हैं, उन गाड़ियों में जीपीएस लगा हुआ है, इसके साथ ही हर गाड़ी में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा. जिन-जिन तारीखो पर अस्पताल ले जाया गया है उन सब की जांच होगी.
34 हजार करोड़ के घोटाले में आरोपी हैं दोनों भाई
वधावन बंधुओं पर 17 बैंकों से 34 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. धीरज वधावन को 26 अप्रैल 2020 को यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. ये केस यस बैंक के सीईओ राणा कपूर के साथ मिलकर कथित 3700 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी से जुड़ा है. अपनी गिरफ्तारी के बाद वधावन ने जेल से ज्यादा समय अस्पताल में रहकर बिताया.
सीबीआई द्वारा 7 मार्च को वधावन बंधुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि येस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और वधावन बंधुओं ने एक-दूसरे को लाभ पहुंचाया है. येस बैंक के द्वारा 'अनियमित तरीके से' वधावन बंधुओं को लोन दिया गया.
सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड, दो भाइयों ने बैंकों को लगाया 34615 करोड़ रुपये का चूना
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वधावन बंधुओं, राणा कपूर, कपूर की पत्नी बिंदू कपूर, उनकी बेटियों रोशनी और रेखा तथा उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म डीके जैन ऐंड एसोसिएट्स के खिलाफ 15 जुलाई को मामला दर्ज किया था.
वधावन बंधुओं पर दर्ज हैं ये केस
34,615 करोड़ का यूनियन बैंक घोटाला (सीबीआई), येस बैंक रिश्वत केस (CBI), यूपी पावर कॉर्पोरेशन घोटाला (सीबीआई), 14 करोड़ का PMAY स्कैम (सीबीआई), इकबाल मिर्ची मनी लॉन्ड्रिंग केस (ED), यूपी पावर कॉर्पोरेशन घोटाला (ईडी), येस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग (ईडी), 34,615 करोड़ का यूनियन बैंक घोटाला (ईडी), लॉकडाउन उल्लंघन (सतारा पुलिस).