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'अभी पुलिस को दिखा देंगे...' नागपुर में दंगाइयों ने कैसे मचाया आतंक, FIR में दर्ज है पूरा किस्सा

नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के मामले में पुलिस लगातार एक्शन ले रही है. अब तक 5 एफआईआर दर्ज हुई हैं. 51 लोग गिरफ्तार हुए हैं. 32 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए, इनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी थे. इलाज के बाद ज्यादातर पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है. अभी भी नागपुर में 11 पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू जारी है.

नागपुर हिंसा में पुलिस ने एक्शन लिया और 51 लोगों को गिरफ्तार किया है. नागपुर हिंसा में पुलिस ने एक्शन लिया और 51 लोगों को गिरफ्तार किया है.
योगेश पांडे
  • नागपुर,
  • 19 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा थमने के बाद पुलिस एक्शन तेज होता जा रहा है. हिंसा में दर्ज एफआईआर की कॉपी से कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. एफआईआर में 51 आरोपियों को नामजद किया गया है. 10 टीमें उपद्रवियों की तलाश कर रही हैं. एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने भड़काऊ नारे लगाए और झूठी अफवाहें फैलाते हुए कहा- हम पुलिस को अब दिखा देंगे. हम उन्हें या किसी भी हिंदू को नहीं छोड़ेंगे. जानिए FIR की बड़ी बातें...

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नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में आज भी कर्फ्यू जारी है. हालांकि नागपुर में हालात सामान्य हैं. ऐहतियात के दौर पर पुलिस की निगरानी है. मंगलवार रात पुलिस कमिश्नर की अगुआई में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. नागपुर पुलिस इलाकों का जायजा ले रही है. कर्फ्यू खोलने पर जल्द फैसला लिया जा सकता है. नागपुर में सोमवार को अफवाह के बाद दो समुदाय में हिंसक झड़प हुई थी. उपद्रवियों ने कई गाड़ियां फूंक दी थीं. 

सुनियोजित साजिश के एंगल पर जांच

पथराव में 32 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हो गए थे, जिनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं. उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. अश्लील इशारे और अश्लील टिप्पणियां की गईं. पुलिस जांच कर रही है कि क्या हिंसा के पीछे कहीं कोई सुनियोजित साजिश तो नहीं थी. 

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एफआईआर में क्या-क्या दावे...

- नागपुर हिंसा में 57 धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है. इनमें BNS की 46 धाराएं लगाई गई हैं. मामले में 51 आरोपी नामजद हैं. 

- FIR में कहा गया कि भीड़ ने भड़काऊ नारे लगाने शुरू कर दिए और झूठी अफवाहें फैलाते हुए कहा- अभी पुलिस को दिखा देंगे. हम उन्हें या किसी भी हिंदू को नहीं छोड़ेंगे.

- पुलिस की चेतावनी के बावजूद भीड़ ने कुल्हाड़ियों, पत्थरों, डंडों और अन्य घातक वस्तुओं समेत खतरनाक हथियारों से खुद को लैस किया था. उपद्रवियों ने पूरे इलाके में आतंक मचाया. भीड़ ने जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की.

- भीड़ ने पुलिस पर घातक हथियारों से हमला किया, उन पर पत्थर और यहां तक ​​कि पेट्रोल बम फेंके, ताकि ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों को मार डाला जाए.

- इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों को सांप्रदायिक ताने दिए गए और मौखिक रूप से गाली दी गई. कहा गया कि आप हिंदू पुलिस अधिकारी हैं. आपने हमारे धार्मिक कपड़े को जलाने में मदद की.

- उपद्रवियों ने यौन हिंसा की भी कोशिश की. एक महिला पुलिस कांस्टेबल पर हमला किया गया. भीड़ ने उसे अनुचित तरीके से छुआ. उसकी वर्दी उतारने की कोशिश की और अश्लील टिप्पणियां कीं.

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- अन्य महिला अधिकारियों को भी यौन उत्पीड़न, अश्लील इशारे और मौखिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा.

किन धाराओं में FIR

भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 45, 49, 50, 61(2), 74, 76, 79, 109, 115 (2), 117 (2), 117 (4), 118 (1), 118 (2), 121 (1), 121 (2), 125, 126 (2), 127 (2), 132, 135, 189 (2), 189 (3), 189 (4), 189 (5), 189 (5), 190, 191 (2), 191 (3), 192, 195 (1), 195 (2), 196 (1), 197 (1), 223, 296, 324 (2), 324 (3), 324 (4), 324 (5), 324 (6), 326 (F), 326 (G), 351 (2), 351 (3), 352, 353 (2) के तहत FIR दर्ज की गई है.

इसके अलावा, फौजदारी कायदा (सुधारणा) अधिनियम की धारा 7, सार्वजनिक संपत्ती नुकसान प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 3 और 4, बारीपदार्थ अधिनियम की धारा 3, 4, 5, शस्त्र अधिनियम की धारा 4 और 25, महाराष्ट्र पुलीस अधिनियम की धारा 37(1), 135, पुलिस (अप्रीतीची भावना चेतावणे) अधिनियम की धारा 3 में केस दर्ज हुआ है.

पुलिस FIR में और क्या-क्या लिखा...

FIR में कहा गया कि घटना के वक्त 500-600 मुस्लिम लोग छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पहुंच गए थे. भीड़ एकत्रित हुई तो पुलिस ने एनाउंस किया कि यहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं. ये नियम विरुद्ध है. आप लोग अपने घर चले जाएं. यह लोग किसी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं थे और एक-दूसरे को उकसाने में लगे थे. पुलिस पर आरोप लगा रहे थे. चिल्ला रहे थे कि अभी पुलिस को दिखाते हैं. इनको और किसी भी हिंदू को छोड़ने का नहीं. इन्होंने ही सारा खेल किया है. इन्होंने ही ये सब किया है. भीड़ उग्र हो गई और पुलिस की तरफ आगे बढ़ने लगी. उस वक्त महिला पुलिस कर्मचारी भी ड्यूटी पर मुस्तैद थीं. घातक हथियार हवा में लहराए. पेट्रोल बम पुलिस वालों की तरफ फेंके.

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पुलिस के साथ गाली-गलौज किया और कहा, तुम हिंदू समाज के पुलिस हो. तुमने जानबूझकर हमारे धर्म के कपड़े जलाने में मदद की. महिला पुलिस कर्मी को बुरी नीयत से छूने की कोशिश की. वहां खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. इनमें सरकारी वाहन भी हैं. सड़क पर आतंक मचाया. लोगों के घरों पर पत्थर फेंके. होर्डिंग तोड़ दिए और बवाल किया.

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