
महाराष्ट्र की सियासत रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला. एनसीपी विधायको के साथ बैठक करने के बाद राजभवन पहुंचे अजित पवार ने 9 विधायकों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह राजनीतिक घटनाक्रम इतनी तेजी से घटा कि किसी को पहले से इसकी भनक तक नहीं लगी. शपथ लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि पार्टी का नाम और सिंबल भी मेरे पास ही रहेगा. मैंने बांकी विधायकों से भी संपर्क किया है और कई सारे विधायक आज शाम तक यहां पहुंचेगे.
अजित पवार के इस बयान से वो अटकलें खारिज होती प्रतीत हो रही हैं जिसमें कहा जा रहा था कि एनसीपी में टूट हो गई है. नागालैंड का जिक्र करते हुए अजित पवार ने कहा कि NCP अगर शिवसेना के साथ जा सकती है, नागालैंड में भाजपा के साथ जा सकती है तो महाराष्ट्र राज्य के विकास के लिए भाजपा के साथ क्यों नहीं जा सकती है.
क्या हुआ था नागालैंड में
नागालैंड में इसी साल विधानसभा चुनाव हुए थे. 60 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत (37 सीटें) मिला और नेफ्यू रियो के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ. बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने नागालैंड में एनडीपीपी-भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने की घोषणा की जिसके सात विधायक चुनकर आए थे. तब पार्टी प्रमुख शरद पवार ने नागालैंड के व्यापक हित में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार करने का फैसला किया था. पवार ने कहा था कि उनकी पार्टी ने बीजेपी को नहीं बल्कि नागालैंड के मुख्यमंत्री का समर्थन किया है जो एनडीपीपी से हैं.
तब पार्टी के महासचिव और पूर्वोत्तर के प्रभारी नरेंद्र वर्मा ने कहा था, 'नवनिर्वाचित विधायकों और उसकी स्थानीय इकाई की राय है कि राज्य के व्यापक हित और उसके विधायकों के श्री के साथ अच्छे संबंधों को देखते हुए पार्टी को सरकार का हिस्सा बनना चाहिए.'
पवार ने किया नागालैंड मॉडल का जिक्र
अब अजित पवार ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसी 'नागालैंड मॉडल' का जिक्र किया. पवार ने कहा कि हम बीजेपी गठबंधन वाली सरकार का नागालैंड में समर्थन कर सकते हैं तो फिर महाराष्ट्र में क्यों नहीं कर सकते हैं. जिस तरह नागालैंड में एनडीपीपी नेता नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली सरकार में बीजेपी शामिल है, ठीक उसी तरह के हालात महाराष्ट्र में भी हैं. महाराष्ट्र में भले ही बीजेपी बड़ी पार्टी हैं लेकिन सरकार का नेतृत्व शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कर रहे हैं और बीजेपी इस सरकार में शामिल हैं. अब पवार ने इसी मॉडल की आड लेते हुए कहा कि यहां भी समर्थन देने में क्या हर्ज है.
फिर डिप्टी सीएम बने पवार
आपको बता दें रविवार को NCP नेता अजित पवार ने बगावत कर भाजपा व शिवसेना सरकार से हाथ मिलाया और डिप्टी सीएम की शपथ ली. उनके साथ 9 9 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. डिप्टी सीएम बनते ही अजित पवार ने तुरंत अपने ट्विटर बायो में भी बदलाव कर डिप्टी सीएम बता दिया है. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की और कहा कि पार्टी का नाम और सिंबल भी मेरे पास ही रहेगा. मैंने बाकी विधायकों से भी संपर्क किया है और कई सारे विधायक आज शाम तक यहां पहुंचेगे. उन्होंने साफ कहा कि इसके आगे हम चाहे भी चुनाव चाहे वो जिला परिषद के हों या अन्य पंचायत चुनाव हो उसे हम पार्टी (NCP) के सिंबल पर लड़ेंगे.