
मुंबई लोकल ट्रेनों में हर रोज़ लाखों लोग यात्रा करते हैं और अपनी-अपनी मज़िल तक पहुंचते हैं. मुंबई में लोकल ट्रेन को लाइफ लाइन माना जाता है. लोकल ट्रेन में मुंबई की लाखों महिलाएं यात्रा करती हैं. मुंबई की लोकल ट्रेन में यात्रा करना किसी भी वक्त सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में अब सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए मध्य रेलवे की मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे और टॉक बैक सिस्टम की सुविधा जल्द ही शुरू होने जा रही है.
771 कोचों में सीसीटीवी कैमरे और 480 कोचों में टॉक बैक सिस्टम
मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में 771 महिला कोचों में सीसीटीवी कैमरे और 480 महिला कोचों में टॉक बैक सिस्टम की सुविधा जल्द ही शुरू हो जाएगी. महिला डिब्बों में 199 सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगाए गए हैं, इन सभी महिला डिब्बों में टॉक बैक सिस्टम लगाया जाएगा. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में मध्य रेलवे ने मुंबई उपनगरीय ट्रेनों के 589 कोचों में सीसीटीवी लगाने की योजना बनाई है.
वर्तमान में मुंबई उपनगरीय ट्रेनों के 199 डिब्बों में क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरे (सीसीटीवी) लगाए गए हैं. फिलहाल 39 महिला कोचों पर काम चल रहा है. इन्फ्रारेड (आईआर) विजन के साथ महिला यात्रियों के लिए उन्नत सुरक्षा सुविधाओं वाले ये कैमरे महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकेंगे, आपराधिक मामलों की जांच में मदद करेंगे और हाल ही में स्थापित कोचों में सीसीटीवी फुटेज की लाइव स्ट्रीमिंग की भी सुविधा है.
कैसे काम करता है टॉक बैक सिस्टम?
टॉक बैक प्रणाली की सुविधा महिला यात्रियों को आपात स्थिति के दौरान स्थानीय ट्रेन गार्ड से बात करने में सक्षम बनाएगी. इस सिस्टम में एक बटन होता है, जिसे इनबिल्ट माइक्रोफोन के माध्यम से गार्ड (वह जो ट्रेन के नॉन-ड्राइविंग छोर पर केबिन का प्रबंधन करता है) से बात करने के लिए दबाए जाने की आवश्यकता होती है. गार्ड के केबिन में एक और टॉक बैक सिस्टम स्थापित किया गया है, जो गार्ड को जवाब देता है और बाद में यात्रियों को परेशानी होने पर मोटरमैन को सचेत करता है.
प्रत्येक लोकल ट्रेन में प्रथम श्रेणी के डिब्बों सहित छह महिला डिब्बे होते हैं. रेलवे ने अगले दो वर्षों में अपने उपनगरीय बेड़े में सभी महिला डिब्बों में सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है.