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PM पर यशवंत का तंज- अगले साल 100 फीसदी हो जाएगी मोदी की पॉपुलैरिटी

यशवंत सिन्हा ने कहा, 'दुनिया में कोई ऐसी ताकत नहीं है जो भारत के प्रजातंत्र को हानी पहुंचाए. प्रजातंत्र की जड़ें हमारे देश में इतनी मजबूत हो चुकी है कि जो उसे हिलाने की कोशिश करेगा वो खुद नष्ट हो जाएगा. मैं चुनावी राजनीति और दलगत राजनीति से अलग रहना चाहता हूं.' 

यशवंत सिन्हा (फाइल) यशवंत सिन्हा (फाइल)
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 24 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:42 PM IST

बीजेपी के सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है. महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा- भारत की अर्थव्यवस्था अगर सालाना 8 प्रतिशत की दर से बढ़े तो भी गरीबी से मुक्ती पाने के लिए 21 साल लगेंगे. सिर्फ जुमलेबाजी से काम नहीं होगा. मैं सरकार की आलोचना करता हूं तो कहते हैं कि खुद के लिए नौकरी ढूंढ रहा हुं. मैं चुनावी राजनीति और दलगत राजनीति से अलग रहना चाहता हूं.

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देश में प्रजातंत्री की जड़ें मजबूत

यशवंत सिन्हा ने कहा, 'दुनिया में कोई ऐसी ताकत नहीं है जो भारत के प्रजातंत्र को हानि पहुंचाए. प्रजातंत्र की जड़ें हमारे देश में इतनी मजबूत हो चुकी है कि जो उसे हिलाने की कोशिश करेगा वो खुद नष्ट हो जाएगा. मैं चुनावी राजनीति और दलगत राजनीति से अलग रहना चाहता हूं.'  

जुमलेबाजी से काम नहीं होगा

उन्होंने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था अगर सालाना 8 प्रतिशत की दर से बढ़े तो भी गरीबी से मुक्ती पाने के लिए 21 साल लगेंगे. सिर्फ जुमलेबाजी से काम नहीं होगा. क्रूड ऑयल में आंतराष्ट्रीय बाजार में कमी आने की वजह से सरकार को कई लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ. लेकीन इस फायदे का उपयोग जनता के लिए नहीं हुआ. तो सवाल खड़ा होता है कि इस फायदे का क्या हुआ. इस तरह का फायदा भारत को दशक के बाद हुआ था.'

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हमारी अर्थव्यवस्था की हालत नाजुक

सिन्हा ने अर्थव्यवस्था पर चिंता जातते हुए कहा, 'हमारी अर्थव्यवस्था काफी नाजुक हालात में है. इसी तरह से चलता रहा तो हालात गंभीर हो जाएगी. 8 नवंबर के भाषण में प्रधानमंत्री ने 18 बार काले धन शब्द का इस्तेमाल किया. एक बार भी डिजिटल मनी और कैशलेस की बात नहीं की. जहां रेलवे लाइन नहीं है वहां कहा जा रहा है कि ऑन लाइन करो. महाराष्ट्र की कर्ज माफी के फॉर्म में 66 कॉलम हैं, जिसने ये फॉर्म तैयार किया वो भी इसे भर नहीं पाया.'

नोटबंदी से गरीब मारे गए

यशवंत सिन्हा ने आगे कहा, 'नोटबंदी के दौरान सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग ने जो छापे डाले, जो कार्रवाइयां की हैं उसके मामले कई साल तक अदालत में चलेंगे. लेकिन गरीब को बताया गया की नोटबंदी से अमीर का नुकसान हुआ. लेकिन अमीरों का कोई नुकसान नहीं हुआ, गरीब मारे गए.'

कहते हैं मैं नौकरी ढूंढ रहा हूं

उन्होंने कहा, 'मैं आलोचना करता हूं तो कहते हैं कि खुद के लिए नौकरी ढूंढ रहा हूं. मेरी उम्र 80 साल हो गई है. जीवन के थोड़े दिन बचे हैं, लेकिन इस उम्र में भी खड़े रहकर भाषण देता हूं. संसद में कुर्सी पर बैठकर भाषण नहीं पढ़ता.'

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जीएसटी पर लिखी जाए किताब

यशवंत ने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा, 'किसी को किताब लिखनी चाहिए कि जीएसटी भारत में सबसे गलत तरीके से लागू किया गया. जीएसटी बहुत जटिल बनाया गया है. इसे सुधारने के लिए अर्थशास्त्री विजय केलकर को फिर से बुलाया जाए. विजय केलकर की टीम के सुझाव जीएसटी में लागू किए जाएं.'

सिन्हा ने रिसर्च का उड़ाया मजाक

यशवंत सिन्हा ने प्यु रिसर्च का मजाक उड़ाते हुए कहा, 'प्यु रिसर्च ने 600 लोगों से बात की और कहा कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बढ़ रही है. उनकी लोकप्रियता अस्सी प्रतिशत हो गयी है. अगले साल आएंगे तो 100 प्रतिशत से भी ज्यादा लोकप्रियता हो जाएगी. उसके लिए आधी रात को संसद का विशेष अधिवेशन बुलाना चाहिए.'

बीजेपी सांसद ने भी अपनी पार्टी के नेताओं पर लगाए आरोप

वहीं, इसी कार्यक्रम में भंडारा गोंदिया निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी सांसद नाना पटोले ने भी अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, 'सरसंघचालक को संगीन मामले में फ़ंसाने की कोशिश हुई थी और उन्हीं लोगों के साथ बीजेपी नेता मिल जुलकर बातें करते हैं. उनकी सलाह ली जाती है. दुश्मन दोस्त से प्यारा है ऐसा भी बोलते हैं.'

सांसद नाना पटोले ने कहा कि, 'मालेगाव ब्लास्ट मामले के आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी ने ऐसा आरोप लगाया था कि योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंवसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को इस मामले में फंसाने की चाल चली गई थी. चतुर्वेदी ने बताया कि शरद पवार ने ही हिन्दू आतंकवाद की बात शुरू की. ये आश्चर्य की बात है कि जो शख्स सरसंघचालक को फ़ंसाने की बात कर रहा था, उस शख्स के साथ फडणवीस और गडकरी मिलकर रहते हैं.'

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