
जीशान सिद्दीकी ने मुंबई पुलिस को दिए अपने बयान में खुलासा किया कि उनके पिता और पूर्व कांग्रेस विधायक बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए नामांकित किया जाना था. लेकिन इससे पहले 12 अक्टूबर को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई और उनकी हत्या के कुछ दिनों बाद 15 अक्टूबर 2024 विधान परिषद के लिए नामांकित नेताओं को शपथ ली थी. उन्होंने पुलिस को दिए बयान में अपने पिता की एक डायरी का ज्रिक किया हैं.
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने डायरी में बीजेपी नेता मोहित कंबोज का नाम लिखा देखा है. हालांकि, मुंबई पुलिस का पूरा मामला अनमोल बिश्नोई एंगल और यह कि कैसे अभिनेता सलमान खान के साथ सिद्दीकी की निकटता के कारण उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन जीशान सिद्दीकी के बयान में उस एंगल का जिक्र नहीं किया है.
'डायरी में लिखा है मोहित कंबोज का नाम'
जीशान सिद्दीकी ने पुलिस को अपने बयान में बताया कि उनके पिता कई लोगों के संपर्क में थे, जिसमें बीजेपी नेता मोहित कंबोज समेत कई बड़े नेता शामिल हैं. जो बांद्रा ईस्ट में एक स्लम एरिया को पुनर्विकास के संबंध में चर्चा कर रहे थे. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके पिता अपनी डेली एक्टिविटी को डायरी में लिखने की आदत थी और हत्या के दिन 12 अक्टूबर 2024 को उन्होंने मोहित कंबोज का नाम अपनी डायरी में लिखा था.
जीशान सिद्दीकी ने अपने बयान में कहा, 'कंबोज मेरे पिता के नियमित संपर्क में थे. मेरे पिता को नियमित रूप से अपने डेली के कामों के बारे में एक डायरी लिखने की आदत थी. मेरे पिता की हत्या के दिन, 12/10/2024 को डायरी में मोहित कंबोज का नाम था और मुझे पता चला कि मोहित कंबोज से मेरे पिता के फोन पर व्हाट्सएप के जरिए शाम 05.30 से 06.00 बजे के बीच संपर्क हुआ था.'
उन्होंने कहा कि मोहित कंबोज मेरे पिता से मुंद्रा बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को लेकर मिलना चाहते थे जो बांद्रा ईस्ट इलाके में शुरू होने वाला था. मुझे बिल्डर का एक वीडियो मिला था, जिसमें स्लम इलाके में रहने वाले लोगों से बात करते वक्त मेरे पिता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे.
मोहित कंबोज ने क्या कहा?
कंबोज ने कहा, दिवंगत बाबा सिद्दीकी मेरे प्रिय मित्र थे. हम एक-दूसरे को पिछले 15 वर्षों से जानते थे. वे एनडीए का हिस्सा थे (बाबा सिद्दीकी 2024 में एनसीपी अजित पवार में शामिल हो गए थे). हम चुनाव समेत विभिन्न मुद्दों पर नियमित रूप से बात करते थे. जब यह घटना घटी तो मैं स्तब्ध रह गया और कठिन समय में परिवार के साथ अस्पताल में था. दुर्भाग्य से यह सभी दोस्तों के लिए क्षति है और सच्चाई सामने आनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए.
अनिल परब का भी किया ज्रिक
जीशान सिद्दीकी ने अपने बयान में कई बिल्डरों के नामों का भी उल्लेख किया जो स्लम पुनर्वास की विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहे थे और कैसे झुग्गीवासियों को बिल्डर्स के साथ कांटेक्ट पर साइन करने से पहले इन प्रोजेक्टों के बारीक प्रिंट को देखने के लिए कहने के लिए उनके खिलाफ एक झूठा मामला भी दर्ज किया गया था. चार पेज के बयान में जीशान ने शिवसेना (यूबीटी) एमएलसी अनिल परब का भी जिक्र किया गया है, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह भी एक प्रोजेक्ट के लिए लोगों को एक अच्छा बिल्डर या डेवलपर लाने का आश्वासन देने में शामिल थे.
'पार्टी नेता ने दी घटना की जानकारी'
घटना वाले दिन के बारे में बात करते हुए जीशान सिद्दीकी ने कहा कि वह शाम करीब 6 बजे अपने ऑफिस पहुंचे थे, जबकि उनके पिता शाम 7 बजे के आसपास आए थे. रात 9 बजे के थोड़ी देर बाद जीशान को भूख लगी और उसने अपने पिता से कहा कि वह 10-15 मिनट में वापस आ जाएगा. जब जीशान सिद्दीकी बांद्रा पूर्व इलाके में कलेक्टर कार्यालय के पास एक रेस्तरां में थे, तो उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने उन्हें बताया कि उनके पिता पर फायरिंग की गई है और उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया है. रास्ते में जीशान सिद्दीकी भी अपनी मां और बहन को सूचित करते हुए वहां पहुंचे. जैसे ही जीशान सिद्दीकी और उनका परिवार अस्पताल पहुंचा तो उन्हें बताया गया कि बाबा सिद्दीकी को आईसीयू में ले जाया गया है, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
मामले की हो विस्तृत जांच
जीशान सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी से पूछा था कि जब यह गोलीबारी हुई थी तब वह क्या कर रहे थे. तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह कैसे हुआ. बयान में अंत में उन्होंने कहा, "मेरे पिता की हत्या की जांच में, मेरे द्वारा ऊपर उल्लिखित सभी (स्लम पुनर्वास) मामलों के संबंध में विस्तृत जांच की जानी चाहिए."
आपको बता दें कि मुंबई के बांद्रा इलाके में 12 अक्टूबर 2024 को पूर्व कांग्रेस विधायक बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 24 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में मुंबई पुलिस ने सिद्दीकी का बयान दर्ज किया था. बाद में 25 अक्टूबर 2024 को उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान एनसीपी अजित पवार गुट के नेता के रूप में बांद्रा पूर्व से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था. हालांकि, वह यह सीट शिवसेना यूबीटी नेता वरुण सरदेसाई से हार गए.