कर्ज के फंदे में झूल जाने वाले किसानों के लिए ही हर राज्य की राजधानी से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक राजनीति ही फलती-फूलती है. जिसकी गवाही ये है कि महाराष्ट्र जहां किसानों पर 1 लाख 54 हजार रुपए का कर्ज है. महाराष्ट्र जहां देश में सबसे ज्यादा 38 फीसदी किसान खुदकुशी के लिए मजबूर होते हैं. उसी महाराष्ट्र में 76 प्रतिशत मंत्री अपनी कमाई का जरिया खेती-किसानी बताते हैं. ये बात सुनकर ही अचंभा होता है. दावा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से लेकर उनके बेटे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे डिप्टी सीएमअजित पवार ताकतवर मंत्री छगन भुजबल स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे समेते महाराष्ट्र के मंत्रियों और उनके परिजनों के नाम पर जितनी कंपनियां हैं, उनमें सबसे ज्यादा कृषि से जुड़ी हैं. तो सवाल उठता है कि आखिर जब मंत्री और उनके घरवाले किसानों के नाम पर अलग अलग फैक्ट्री खोलकर कमा लेते हैं तो किसान क्यों नहीं कमा पाता है?