जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर चंद रुपयों के लालच में कुछ स्वार्थी तत्व देश की सुरक्षा को दांव पर लगाकर उससे खिलवाड़ कर रहे हैंं. इन चोरों को करगिल युद्ध के समय बनाये भारतीय पाक सीमा के नज़दीक स्थापित सेना के बड़ी संख्या में बंकरोंं को चुराकर ले जाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है. (जैसलमेर से विमल भाटिया की रिपोर्ट)
ये चोर पहले भी सेना के बंकरों को चुराकर बेचने का दुस्साहस कर चुके हैं. करगिल युद्ध के समय पश्चिमी राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव व युद्ध की स्थितियां बन गई थीं. उस समय सेना ने नोख व नाचना क्षेत्र सहित कई सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में देश की सुरक्षा के लिए बंकरों का निर्माण किया था.
इन बंकरो की साफ-सफाई व मेंटेनेंस हर साल सेना के जवान कैम्प लगाकर करते हैं. पिछले साल भी सेना ने इन बंकरों की साफ-सफाई की थी. बंकरों में करीब 2 से 2.5 टन लोहा व अन्य महत्वपूर्ण धातुएं लगती हैं. लेकिन सुनसान इलाके में व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन बंकरों पर अब चोरों की नज़र पड़ गई है और कुछ पैसों के लालच में इसमें तोड़फोड़ कर इसे चुराया जा रहा है.
ग्रामीणों के अनुसार, इन सीमावर्ती इलाकों में स्थित बंकरों को चुराने की भनक पशु चराने वाले चरवाहा को लगी तो उसने इसकी सूचना गांव के लोगों को दी. इसके बाद गांव के लोग चोरों पर नज़र रखने लगे. बीती रात जब चोर आये और बंकरों को खोल कर ट्रैक्टरों में भरने लगे तो तुरंत पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस के आने तक ग्रामीणों ने चोरों को वहां रोके रखा.
पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि नोख थाना अंतर्गत लूणायत गांव से भारेवाला की तरफ जा रही सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा कवच को मजबूत करने के लिए करगिल युद्ध के समय बड़ी संख्या में बंकर बनाये गए थे. सुनसान इलाके में होने के कारण कुछ स्वार्थी तत्व बंकरों से बड़ी मात्रा में लोहा चुरा रहे हैं. ऐसा ये पिछले 15 दिन से कर रहे हैं. जानकारी मिलने पर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
इस गंभीर घटना के सम्बन्ध में सेना द्वारा उनके 13 बंकर चुराये जाने की रिपोर्ट पुलिस थाने में दी है तथा 6 बंकर खोलकर रखे हुए हैं. इन बंकरों का वजन 20 से 25 टन होता है तो पुलिस इस संबंध में जांच पड़ताल कर रही है क्योंकि इतने भारी बंकर 3 लोग अकेले नहीं ले जा सकते, ये पूरा गिरोह है जो चोरी का कार्य कर रहा है.