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ट्रेन में घुसने का चैलेंज, रिजर्व सीट पर अवैध कब्जे, खिड़की-दरवाजों से लटके लोग... छठ पर घर जाना जंग जीतने जैसा!

उदय गुप्ता
  • चंदौली,
  • 14 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST
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फिर छठ का त्योहार है. दिल्ली-मुंबई-सूरत जैसे शहरों में बिहार और यूपी जाने वालों का बैग पैक है... लेकिन नजरें मोबाइल के स्क्रीन पर लगातार जा रही हैं. टिकट का जुगाड़ मुश्किल है, ट्रेनें फुल हैं, वेटिंग के कन्फर्म होने का कोई चांस नहीं है. स्पेशल ट्रेनें हैं तो उनमें जगह मिल जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है. स्टेशन पहुंच गए तो प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह नहीं है. ट्रेन आ गई तो टिकट जेब में रखकर भी अपनी बोगी में घुस पाएंगे- इसकी कोई गारंटी नहीं है. 

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हर स्टेशन पर एक जैसा हाल है. हर ट्रेन में घुसने की एक जैसी जंग है और अगर घुस भी गए तो ट्रेन में रिजर्वेशन के बावजूद कोई रिजर्व सीट नहीं है. जितनी सीटें हैं उसके 10 गुना पैसेंजर अंदर हैं. एक सीट पर जितने सट-सटकर बैठ सकते हैं उतने तो घुसेंगे ही, नीचे चलने की जगह पर, बोगी के गेट पर, खिड़की पर और टॉयलेट में भी हाउसफुल है.

नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके देखें रेलवे स्टेशनों का हाल

सिर पर सामान, ट्रेन में घुसने के लिए घमासान... छठ पर रेलवे स्टेशनों का बुरा हाल
 

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 छठ के त्योहार पर ये मारामारी हर साल दिखती है और तमाम नई ट्रेनों के ऐलान के बादजूद इस बार भी फिर यही जंग जारी है. चाहे शहर कोई भी हो... हाल एक जैसा है. आलम ये है कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रेनों के दरवाजे पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं.

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यह तस्वीरें दिल्ली हावड़ा रेल रूट के सर्वाधिक व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में शुमार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की है. इस स्टेशन से होकर बिहार बंगाल और झारखंड की तरफ जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ दिखाई दे रही है. चाहे नई दिल्ली से चलकर इस्लामपुर जाने वाली मगध एक्सप्रेस हो, दिल्ली से चलकर पुरी को जाने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस हो या फिर पूजा स्पेशल ट्रेन, सभी ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ है. 

छठ पूजा के लिए घर जाने की होड़, ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्रियों में मारपीट
 

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ट्रेनों में भीड़ का आलम यह है कि जो लोग ट्रेन के अंदर किसी तरह बैठ गए हैं उनको पैर हिलाने तक की जगह नहीं मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ जो लोग प्लेटफार्म पर हैं और ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं वह ट्रेनों में चढ़ नहीं पा रहे हैं और अधिकांश लोगों की ट्रेन छूट जा रही हैं.

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हालांकि यात्रियों की सुविधा के नाम पर भारतीय रेलवे हर साल त्यौहारी सीजन में पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करता है. इस साल भी दिवाली और डाला छठ के मौके पर भारतीय रेल ने सैकड़ो की तादाद में पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है. लेकिन यात्रियों की भीड़ के सामने इन ट्रेनों की संख्या नाकाफी साबित हो रही है और यात्री दरवाजे से लटकते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर अपने घरों को जाने को मजबूर हैं.

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रंजीत वर्मा (यात्री) का कहना है- "हम छठ मनाने के लिए घर जा रहे हैं, मैं सूरत से आ रहा हूं तो मुझे गिरिडीह जाना है. इस ट्रेन से मैं नहीं जा पाऊंगा तो अगली ट्रेन 6:00 बजे है इसलिए मैं इस स्थिति में जा रहा हूं. मजबूरी में खतरनाक तरीके से यात्रा कर रहा हूं. अंदर बहुत भीड़ है इसलिए अंदर नहीं जा पा रहा हूं."

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वहीं, दीपू कुमार (यात्री) का कहना है- "मैं दिल्ली से गया जा रहा हूं ट्रेन के अंदर बहुत ज्यादा भीड़ है. बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है क्या करें मजबूरी में घर जाना है. रेलवे को और ज्यादा ट्रेन चलानी चाहिए.

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सिकंदर (यात्री) का कहना है-"मुझे अनुग्रह नारायण रोड जाना है बहुत भीड़ है इसकी वजह से हम ट्रेन में नहीं चढ़ पा रहे हैं. हम छठ पूजा के लिए घर जा रहे हैं. स्पेशल ट्रेन में भी टिकट नहीं मिल रहा है, बहुत धक्का मुक्की है. हम कल सुबह से चले हैं लेकिन अभी तक घर नहीं पहुंच पाए.

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राहुल पाण्डेय (यात्री) ने बताया- "ट्रेन की हालत बहुत जर्जर है और दुर्दशा बहुत है, कोडरमा जाना है, ट्रेनों में भीड़ बहुत ज्यादा थी... दो ट्रेनें मेरी छूट गई है और छठ पूजा में बहुत जबरदस्त भीड़ हो रही है."
 

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हालांकि, स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए काफी इंतजाम किए गए हैं. आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए इस बार प्रशासन ने मेन स्टेशन के गेट पर अनारक्षित टिकट के अस्थाई काउंटर बनाए हैं, पूछताछ काउंटर बनाए गए हैं, लोगों के लिए एक लंबा चौड़ा टेंट लगाया गया है ताकि जो लोग समय से काफी पहले रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं, वह अंदर ना जाकर बाहर ही इंतजार करें.

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