पेट्रोल-डीजल की कीमतें, रसोई गैस के दाम और जरूरी सामानों के भाव लगातार लोगों की जेब पर बोझ बढ़ा रहे हैं. बढ़ती महंगाई के बीच अब आपके लोन भी महंगे हो जाएंगे, क्योंकि RBI ने रेपो रेट बढ़ा दिए हैं. दलील ये कि बढ़ोतरी महंगाई को काबू में करने के लिए की गई है. अब सवाल यही कि क्या महंगे लोन से रुकेगी महंगाई? बीते कुछ दिनों में ही ईंधन की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है. आपको बताते हैं कि ईंधन से लेकर चॉकलेट-बिस्किट तक बीते कुछ ही दिनों के भीतर कितनी तेजी से महंगे हो गए हैं. कई वस्तुएं तो ऐसी हैं कि दाम भी बढ़ गए और आपको पता भी नहीं चला. ऐसे प्रोडक्ट्स की कीमत वही रखी गई लेकिन वजन कम कर दिया गया.
दिल्ली में इस साल 21 मार्च को पेट्रोल की कीमत 95 रुपये 41 पैसे प्रति लीटर थी, लेकिन 6 अप्रैल को 105 रुपये 41 पैसे हो गई. यानी 15 दिनों में करीब 10 रुपये की बढ़ोतरी.
दिल्ली में 21 मार्च को डीजल 86 रुपये 67 पैसे प्रति लीटर था लेकिन 6 अप्रैल को 96 रुपये 67 पैसे हो गया. यानी 15 दिनों में करीब 10 रुपये की बढ़ोतरी.
दिल्ली में 3 अप्रैल को CNG की कीमत 61 रुपये 11 पैसे प्रति किलो थी जो 14 अप्रैल को बढ़कर 71 रुपये 61 पैसे हो गई. यानी 10 दिनों में करीब 10 रुपये की बढ़ोतरी.
अब दिल्ली में पीएनजी यानी रसोई तक पाइप से पहुंच रही गैस की कीमत देखिए. 24 मार्च को इसकी कीमत 35 रुपये 61 पैसे प्रति SCM थी जो 14 अप्रैल को 45 रुपये 86 पैसे हो गई. यानी करीब 20 दिनों में 10 रुपये प्रति SCM की बढ़ोतरी.
बढ़ती महंगाई की वजह से खाद्य पदार्थों को वजन में कमी आई है. पहले 10 रुपये में 80 ग्राम भीकाजी नमकीन आता था, लेकिन अब उसी कीमत में नमकीन का वजन घटकर 40 ग्राम यानी घटकर आधा हो गया है.
इसी तरह 100 रुपये में पहले 150 ग्राम कैडबरी चॉकलेट आती थी लेकिन अब उतने ही दाम में 100 ग्राम कैडबरी चॉकलेट मिलती है.
तो वहीं पहले 10 रुपये में 25 ग्राम कोलगेट मिलती थी, लेकिन अब 18 ग्राम मिलती है.
ऐसा ही कुछ पारले जी बिस्किट के मामले में है. 5 रुपए में पहले 64 ग्राम पारले जी बिस्किट के पैकेट का वजन हुआ करता था लेकिन वही अब 55 ग्राम का रह गया है.
लोग पहले से ही लगातार बढ़ रही महंगाई से परेशान हैं. 1 मई को कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत में अचानक 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई जिसके बाद होटलों और ढाबे में खाने-पीने की कीमते बढ़ गई. आलू पराठे पहले 40 रुपए में मिलते थे अब 50 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमत अभी लोगों को बेहाल कर ही रही थी कि रिजर्व बैंक ने एक और झटका दे दिया. रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर दी. आपके मन में सवाल होगा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी से महंगाई का क्या लेना देना है. या फिर ये बढ़ोतरी आपकी जेब पर कैसे असर डालेगी. तो ध्यान से सुनिए. रेपो रेट बढ़ाए जाने से आपकी EMI बढ़ जाएगी.
आपने अगर कर्ज लेकर घर या गाड़ी खरीदी है या फिर किसी भी दूसरे चीज के लिए लोन लिया है तो आपको हर महीने बैंक को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. RBI ने 40 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाया है. अगर बैंक भी 40 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा करते हैं तो आइए देखते हैं आपका EMI कितनी बढ़ जाएगी.
अगर आपने 20 लाख का होम लोन ले रखा है तो अभी आपकी EMI 15 हजार 148 होगी लेकिन रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद 15 हजार 626 हो जाएगी यानी हर महीने 478 रुपये का बोझ. अगर आपने 30 लाख लोन ले रखा है और अभी 22 हजार 722 रुपये EMI चुकाते हैं तो बढ़ोतरी के बाद 23 हजार 439 रुपये चुकाने होंगे यानी हर महीने 717 रुपये का बोझ. अगर आपने 40 लाख को लोन ले रखा है और आपको 30 हजार 296 की EMI देनी होती है तो बढ़ोतरी के बाद 31 हजार 253 रुपये चुकाने होंगे यानी हर महीने 957 रुपये की बढ़ोतरी.
ध्यान देने वाली बात है कि RBI ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है, लेकिन बैंक कम से कम 60-70 बढ़ा सकते हैं.
इसकी वजह ये है कि RBI ने CRR भी आधा फीसदी बढ़ाकर साढ़े 4 परसेंट कर दिया है.
CRR यानी कैश रिजर्व रेशियो इसका मतलब है कि बैंक को अपनी इतनी नकदी RBI के पास सुरक्षित रखनी होगी.
इस रकम पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है. अब बैंक के पास कर्ज देने के लिए कम रकम होगी तो बैंकों की लागत बढ़ जाएगी यानी बैंकों की कॉस्ट ऑफ फंडिंग बढ़ जाएगी जिससे उन्हें लोन ज्यादा महंगा करना होगा.
आपको जानकर हैरानी होगी कि बढ़ती महंगाई ने RBI को रेपो रेट बढ़ाने के लिए मजबूर किया है. RBI की मॉनिटरिंग प़ॉलिसी की बैठक जून में होनी थी. लेकिन महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक ने आपात बैठक बुलाई और फैसला ले लिया. बेकाबू महंगाई ने सरकार और रिजर्व बैंक को वाकई परेशान कर दिया है क्योंकि विपक्ष लगातार मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है- आए दिन धरना और प्रदर्शन हो रहे हैं और विपक्षी नेता निशाना साध रहे हैं.