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देश की पहली वॉटर मेट्रो को पीएम मोदी आज दिखाएंगे हरी झंडी, इस राज्य को मिलने जा रही सौगात

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST
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25 अप्रैल यानी मंगलवार को केरल वासियों को देश की पहली वॉटर मेट्रो मिलने जा रही है. प्रधानमंत्री इस परियोजना को हरी झंडी दिखाएंगे. इस मेट्रो की खास बात है कि ये पटरी की बजाय पानी पर दौड़ेगी. 1,136.83 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए इस प्रोजेक्ट में कुल 78 बोट्स और 38 टर्मिनल तैयार किए गए हैं. सरकार द्वारा शुरू की जा रही ये वॉटर मेट्रो इको फ्रेंडली होगी. ये केरल के आसपास के द्वीपों को एक साथ जोड़ेगी.

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इस प्रोजेक्ट के तहत 15 रूट्स पर इलेक्ट्रक बोट चलाने की प्लानिंग की गई है. यह 10 आइलैंड्स को आपस में जोड़ेंगी. ये रूट 78 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. लोगों को एक सिरे से दूसरे सिरे तक जाने के लिए परेशानी न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है. इसकी सुविधा रोजाना सुबह 7 बजे शुरू हो जाएगी जो कि रात 8 बजे तक जारी रहेगी. जबकि पीक आवर्स के दौरान हर 15 मिनट में वॉटर मेट्रो मिलेगी. 

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KWM यानी कोच्चि वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए इलेक्ट्रिक बोट्स तैयार की गई हैं. इसके लिए खास मॉडल बनाया गया है. ये पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगी. केरल में इस बोट के जरिए  पॉल्यूशन में कमी लाने की कोशिश की जाएगी.

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यात्रियों को वॉटर मेट्रो से ट्रैवल करने के लिए साप्ताहिक,  मासिक और त्रैमासिक पास भी उपलब्ध कराए जाएंगे. इन पासों पर छूट का लाभ भी ले सकते हैं. 12 यात्राओं के साथ साप्ताहिक यात्रा पास की कीमत 180 रुपये है. 50 ट्रिप के साथ 30 दिनों का पास 600 रुपये का है. 90 दिनों के लिए 150 ट्रिप वाला पास 1500 रुपये में दिया जाएगा. यात्री कोच्चि वन कार्ड का उपयोग कर सकेंगे. इसके अलावा यात्री कोच्चि वन ऐप के जरिए मोबाइल क्यूआर टिकट बुक कर सकते हैं.

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बता दें इस मेट्रो के पहले रूट यानी हाई कोर्ट-वायपिन पर परिचालन 26 अप्रैल सुबह 7 बजे से शुरू होगा. वहीं, दूसरे रूट वायटिला-कक्कनाड टर्मिनल पर  27 अप्रैल की सुबह 7 बजे से परिचालन शुरू किया जाएगा. 

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हाई कोर्ट-वाइपिन रूट के लिए सिंगल जर्नी टिकट का किराया 20 रुपये होगा. वहीं, वायटिला-कक्कानाड  के बीच का किराया 30 रुपये होंगे. हाई कोर्ट वॉटर मेट्रो टर्मिनल से वाइपिन पहुंचने में 20 मिनट से भी कम का वक्त लगेगा. वहीं, व्य्त्तिला से कक्कनाड टर्मिनल तक की दूरी लगभग 25 मिनट में तय की जा सकेगी. 

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कोच्चि शहर के लिए तैयार किए गए इस प्रोजेक्ट का इस्तेमाल न सिर्फ सार्वजनिक परिवहन के साधन के रूप में किया जाएगा, बल्कि वॉटरवेज यानी जलमार्गों से जुड़े क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा देगी. यह मेट्रो सेवा जिन द्वीपों तक पहुंचेगी, वहां सड़कों का निर्माण भी कराया जाएगा, ताकि टर्मिनल तक आने-जाने में यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो. इसके अलावा व्यावसायिक तौर पर भी इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा.

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बोट टर्मिनल को आकार और क्षमता के आधार पर तीन हिस्सों में बांटा गया है. मेजर, इंटरमीडिट और माइनर टर्मिनल. - कोच्चि वाटर मेट्रो टर्मिनल को इस हिसाब से तैयार किया गया है कि जब पीक आवर्स हों तो यहां भीड़ आसानी से नियंत्रित हो सके. इन्हें तीन हिस्सों में बांटा गया है. पीक ऑवर ट्रैफिक (PHT) के आधार पर मेजर टर्मिनल 1000PHT, इंटरमीडिएट टर्मिनल 300PHT और माइनर टर्मिनल 300-1000PHT के अंतर्गत आते हैं.

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यात्री सेवा के लिए 78 ईको-फ्रैंडली बोट्स होंगी. इसमें से 23 बोट्स ऐसी हैं, जिसमें एक बार में 100 लोग यात्रा कर सकेंगे, जबकि शेष बोट्स में एक बार 50 से 55 लोग यात्रा कर सकेंगे. इन पैसेंजर्स बोट्स के अलावा आपातकालीन स्थिति और मुख्य बेड़े के ऑप्शन के रूप में में भी चार बोट्स रहेंगे.

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