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Akash Missile: एयरफोर्स को मिला 100वां लॉन्चर, जानिए मिसाइल ने कितनी बढ़ाई सेना की ताकत

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:47 PM IST
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भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के आकाश एयर फोर्स लॉन्चर के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (Tata Advanced Systems) और एल एंड टी (L&T) ने 100वां लॉन्चर बनाकर दे दिया है. इसके पहले टाटा ने भारतीय सेना (Indian Army) को 49 आकाश लॉन्चर दे चुकी है. अभी हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर जिले को पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में आकाश मिसाइल के एडवांस वर्जन की सफल टेस्टिंग की थी. (फोटोः DRDO)

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आकाश मिसाइल (Akash Missile) जमीन से हवा में मार करने वाली भारत की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है. इस मिसाइल को भारतीय सेना ने अपनी हवाई सुरक्षा के लिए के लिए तैयार कराया है. पिछले साल सितंबर के महीने में भी इस मिसाइल की ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने मानवरहित हवाई टारगेट को ट्रैक करके उसे हवा में ही ध्वस्त कर दिया. आइए समझते हैं कि आकाश प्राइम यानी आकाश का नया वर्जन किस तरह से दुश्मन का काल बनेगा.

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आकाश प्राइम (Akash Prime) मिसाइल में स्वदेशी एक्टिव RF सीकर लगा है, जो दुश्मन के टारगेट को पहचानने की सटीकता को बढ़ाता है. इसके अलावा इसमें अत्यधिक ऊंचाई पर जाने के बाद तापमान नियंत्रण के यंत्र को अपग्रेड किया गया है. ग्राउंड सिस्टम को अपग्रेड किया गया है. इसके अलावा राडार, EOTS और टेलीमेट्री स्टेशन, मिसाइल ट्रैजेक्टरी और फ्लाइट पैरामीटर्स को सुधारा गया है. लेकिन इससे ज्यादा जानकारी अभी तक सेना, सरकार या डीआरडीओ की तरफ से दी नहीं गई है. (फोटोः PTI)

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इससे पहले पिछले साल जुलाई में आकाश-एनजी यानी आकाश न्यू जेनरेशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. आकाश-एनजी जमीन से हवा में मार करना वाली मिसाइल है. इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया है.  आकाश-एनजी (Akash-NG यानी Akash New Generation) में डुअल पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर है, जो इसकी गति को बढ़ाता है. इसकी रेंज 40 से 80 किलोमीटर है. साथ ही इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे मल्टी फंक्शन राडार (MFR) लगा है जो एकसाथ कई दुश्मन मिसाइलों या विमानों को स्कैन कर सकता है. (फोटोः PTI)

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आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल को मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है. आकाश-एनजी का कुल वजन 720 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 19 फीट और व्यास 1.16 फीट है. ये अपने साथ 60 किलोग्राम वजन का हथियार ले जा सकता है. 

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फिलहाल भारत में इसके तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30KM है. दूसरा आकाश एमके.2 - इसकी रेंज 40KM है. तीसरा आकाश-एनजी - इसकी रेंज 80KM है. आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को नष्ट कर सकती है. सबसे ज्यादा खतरनाक इसकी गति है. ये दुश्मन को बचने की तैयारी का मौका नहीं देता. इसकी गति 2.5 मैक यानी 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेंकेंड में करीब एक किलोमीटर की दूरी तय करता है. (फोटोः DRDO) 

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आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल के पुराने संस्करण साल 2009 से भारतीय सेनाओं को अपनी सेवा दे रहे हैं. आकाश-एनजी मिसाइल को T-72 या BMP चेसिस या टाटा मोटर्स के हैवी मोबिलिटी ट्रक्स पर बनाए गए मोबाइल लॉन्च सिस्टम से दागा जा सकता है. इस मिसाइल के मोबाइल लॉन्च सिस्टम के लिए गाड़िया टाटा मोटर्स और BEML-Tatra कंपनियां बनाती हैं. (फोटोः विकिपीडिया) 

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आकाश-एनजी (Akash-NG) मिसाइल के पुराने संस्करण को पिछले साल चीन के साथ हुए सीमा विवाद के दौरान लद्दाख स्थित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भी तैनात किया गया था. इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने आकाश मिसाइलों को ग्वालियर, जलपाईगुड़ी, तेजपुर, जोरहाट और पुणे बेस पर भी तैनात कर रखा है. (फोटोः PTI) 

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कुछ समय पहले ऐसी खबरें भी आईं थी कि फिलिपींस, बेलारूस, मलेशिया, थाईलैंड, यूएई और वियतनाम जैसे देश आकाश मिसाइलों को भारत से खरीदना चाहते हैं.  30 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की बैठक में इन मिसाइलों के निर्यात करने का फैसला लिया था. यानी अब इस मिसाइल को दुनिया के बाकी देश भी खरीद सकते हैं.  

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