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कोलकाता कांड: 'पत्नी को बेरहमी से पीटता, हर किसी से झगड़ने को तैयार...', संदीप घोष को लेकर पड़ोसियों का खुलासा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष को लेकर पड़ोसियों ने बड़ा दावा किया है. पड़ोसियों का कहना है कि डॉ. संदीप घोष बारासात स्थित अपने पूर्व आवास पर अपनी पत्नी को पीटते थे. घोष ने अपनी पत्नी को इतनी बुरी तरह पीटा कि वह लहूलुहान हो गई थी. उस वक्त 14 दिन पहले उनकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. प्रत्यक्षदर्शियों को लगभग 12 साल पहले बारासात की भयावहता याद है.

आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (फाइल फोटो) आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (फाइल फोटो)
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 20 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

कोलकाता में लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर केस को लेकर देशभर में गुस्सा है. डॉक्टर सड़कों पर हड़ताल कर रहे हैं और अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. इस बीच इस केस के घटनास्थल यानी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष को लेकर पड़ोसियों ने बड़ा दावा किया है. पड़ोसियों का कहना है कि डॉ. संदीप घोष बारासात स्थित अपने पूर्व आवास पर अपनी पत्नी को पीटते थे. घोष ने अपनी पत्नी को इतनी बुरी तरह पीटा कि वह लहूलुहान हो गई थी. उस वक्त 14 दिन पहले उनकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. प्रत्यक्षदर्शियों को लगभग 12 साल पहले बारासात की भयावहता याद है.

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आजतक ने बारासात के हृदयपुर में उस इलाके के लोगों से बातचीत की है, जहां संदीप घोष 2 साल तक रुके थे. उन दिनों संदीप घोष बारासात के अर्जुन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल थे. दो साल तक वो बारासात रहे. पड़ोसियों के मुताबिक उन्होंने एक घर खरीदा था और वह वहां अपनी पत्नी के साथ रह रहे था, जिसे वह बेचकर चले गए. उनके पड़ोसियों के अनुसार, घोष अपनी पत्नी के साथ अक्सर मारपीट और बदतमीजी करते थे. जानकारी के मुताबिक घोष द्वारा यह घर बेचने के बाद वह मकान दो बार और बेचा जा चुका है. वर्तमान मालिक को संदीप घोष के मामले में कोई जानकारी नहीं है कि घोष या उनके परिवार ने यहां क्या किया. हालांकि, पड़ोसियों का ऐसा दावा है कि उनका व्यवहार शुरू से ही ठीक नहीं था. 

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चश्मदीदों ने बताई 12 साल पुरानी घटना

आजतक से एक्सक्लूसिव बात करते हुए पड़ोसियों ने बताया कि वे संदीप घोष और उनकी पत्नी के बीच बुरी झड़प के प्रत्यक्षदर्शी थे. उन्होंने दावा किया कि बच्चे को जन्म देने के 14 दिन बाद घोष ने अपनी पत्नी को बुरी तरह पीटा. पड़ोसियों ने दावा किया कि सिजेरियन टांके फटने के बाद महिला को बहुत अधिक रक्तस्राव हुआ. कई पड़ोसियों ने इसका विरोध भी किया था. 

संदीप घोष के पूर्व पड़ोसी आशीष बनर्जी ने कहा कि अपनी पत्नी के प्रति उनका रवैया ठीक नहीं था. वे मारपीट के भी चश्मदीद गवाह हैं.

बनर्जी ने कहा, 'एक बार मेरे और संदीप घोष के बीच जमकर बहस हुई थी, उनका व्यवहार खराब था. मुझे बाद में पता चला कि वह एक डॉक्टर थे. घोष लगभग दो साल तक इस घर में रहे और वहां एक ऐसी घटना घटी, जहां उन्होंने अपनी पत्नी को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनके खून तक बहने लगा था. पहले तो स्थानीय लोगों ने कुछ नहीं कहा क्योंकि यह पारिवारिक मामला था, लेकिन बाद में सभी लोग बाहर आ गए और जो हुआ उसका विरोध करने लगे, रात में भी कई लोग बाहर आ गए थे. यह मारपीट उस वक्त हुई थी. जब घोष की पत्नी ने 14 दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया था.'

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एक अन्य महिला जो बारासात के मल्लिकबागान में संदीष घोष के पुराने घर के ठीक पीछे रहती है, उसने बताया कि, वह और उसके बेटे ने भी घोष और उनकी पत्नी की पिटाई की घटना को देखा था और इसका विरोध भी किया था. 

'मिलनसार नहीं था घोष का व्यवहार'

एक अन्य पड़ोसी ने कहा, 'घोष यहां बहुत कम समय के लिए रहे और फिर अपना घर बेच दिया. इसी घर में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मारपीट की थी. पूरा इलाका इकट्ठा हो गया था. मुझे ठीक से याद नहीं है लेकिन या तो यह तब की बात है जब उनकी पत्नी गर्भवती थी या बच्चे के जन्म के ठीक बाद की बात है. वह कभी किसी से घुलते-मिलते नहीं थे.'

गौरतलब है कि फिलहाल संदीप घोष की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं. सीबीआई उनसे लगातार पूछताछ कर रही है. इसी बीच कोलकाता पुलिस ने संदीप घोष के खिलाफ ताला थाने में भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज किया है. पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ विशेष सचिव देबल कुमार घोष ने एक लिखित शिकायत के जरिए संदीप घोष के खिलाफ यह केस दर्ज कराया है.

अब तक 53 घंटे हुई पूछताछ

जानकारी के अनुसार, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर अनियमितता, अवैध कमीशन लेने और नियुक्तियों में हेरफेर के आरोप लगे हैं. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से जांच एजेंसी लगातार पूछताछ कर रही है. सोमवार को सीबीआई ने डॉ. घोष से 13 घंटे तक पूछताछ की थी. पिछले 4 दिनों में संदीप घोष से 53 घंटे की पूछताछ हो चुकी है. सीबीआई की जांच में संदीप घोष को अहम कड़ी माना जा रहा है. इस पूरे घटनाक्रम में अस्पताल की भूमिका और अस्पताल से जुड़े तमाम किरदार पर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं.

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यह भी पढ़ें: दो बार वापस लेना पड़ा ट्रांसफर ऑर्डर, साथी डॉक्टर कहते हैं 'माफिया'... कौन है आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष?

अस्पताल की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए SIT गठित

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए आईपीएस डॉक्टर प्रणव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद इसका गठन किया गया है.

पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गठित टीम का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी और पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर प्रणव कुमार करेंगे. टीम में मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रजा, सीआईडी ​​के डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस की डीसीपी इंदिरा मुखर्जी जैसे सदस्य भी शामिल होंगे. इस टीम को संस्था के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच का काम सौंपा गया है.

संदीप घोष का भी हो सकता है पॉलीग्राफी टेस्ट

उल्लेखनीय है कि लेडी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में संदीप घोष की भूमिका भी जांच के घेरे में है. इसी मामले में सीबीआई उनका भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है. मसलन, पीड़िता के परिवार और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के बयान में विसंगतियां पाई गई हैं. अलग-अलग बयानों की वजह से कहा जा रहा है कि सीबीआई उनका पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है. हालांकि, कोर्ट से उनके पॉलीग्राफी का अप्रूवल फिलहाल नहीं मिला है.

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कौन हैं संदीप घोष?

संदीप घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल हैं. कोलकाता का ये वही अस्पताल है जहां काम करने वाली ट्रेनी डॉक्टर के साथ हैवानियत को अंजाम दिया गया. कोलकाता से लगभग 80 किमी दूर स्थिति बनगांव में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. घोष ने अपनी पढ़ाई 1989 में बनगांव हाई स्कूल से पूरी की. बाद में उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की शिक्षा हासिल की और 1994 में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की. शुरुआती शिक्षा और व्यावसायिक यात्रा काफी अच्छी रही. हालांकि डॉ. घोष का बाद का करियर विवादों से भरा हुआ है.

घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को कई शिकायतें भेजी जा चुकी हैं. एक जांच भी बिठाई गई थी. नतीजा यह हुआ कि दो बार घोष का ट्रांसफर हुआ और दोनों बार वह ट्रांसफर ऑर्डर को पलटवाने में कामयाब रहे. संदीप घोष पर पोस्टमार्टम के लिए रखी गई लाशों के गैर-कानूनी इस्तेमाल जैसे गंभीर मामले शामिल हैं. कई बार कॉलेज के स्टाफ ने स्वास्थ्य विभाग को इसे लेकर पत्र लिखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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