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केंद्र पर CBI और ED के गलत इस्तेमाल आरोप, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे 14 विपक्षी दल

देश के 14 विपक्षी दलों ने केंद्र पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इस मामले पर शीर्ष अदालत 5 अप्रैल को सुनवाई के लिए तैयार हो गई है. सभी दलों को एक मंच पर लाने की पहल अरविंद केजरीवाल ने की है.

14 विपक्षी दलों की SC में अर्जी, CBI, ED के दुरुपयोग का आरोप 14 विपक्षी दलों की SC में अर्जी, CBI, ED के दुरुपयोग का आरोप
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

देश के 14 राजनीतिक दलों ने केद्र सरकार पर सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग लगाते हुए अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर गाइडलाइंस बनाए. 14 पॉलिटिकल पार्टियों को एक मंच पर लाने का काम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया है. खास बात यह है कि इन 14 पॉलिटिकल पार्टियों में देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी शामिल है.

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लगाया ये आरोप

सुप्रीम इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है और 5 अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी. विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि 2014 के बाद जब केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई है तो उसके बाद से ही बड़े पैमाने पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. जिन 14 दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, उनके नाम हैं-

1. कांग्रेस
2. तृणमूल कांग्रेस
3. आम आदमी पार्टी
4. झारखंड मुक्ति मोर्चा
5. जनता दल यूनाइटेड
6. भारत राष्ट्र समिति 
7.राष्ट्रीय जनता दल
8.  समाजवादी पार्टी
9.  शिवसेना (उद्धव)
10. नेशनल कॉन्फ्रेंस
11. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी
12. सीपीआई
13. सीपीएम
14.  डीएमके

पहले पीएम को लिखा था पत्र

इन सभी राजनीतिक दलों का कहना है कि लोकतंत्र खतरे में है और केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.कुछ दिन पहले ही विपक्ष के नेताओं ने लगातार गैर-बीजेपी सियासी दलों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के एक्शन को कटघरे में खड़ा किया था. विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर CBI और ED का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है. जांच एजेंसी की साख खराब हो रही है. इस चिट्ठी में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधा गया है. पत्र में लिखा गया है कि विपक्ष के जो नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं, उनके खिलाफ जांच धीमी गति से होती है.

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