
दिल्ली पुलिस ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 6 महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है. 1500 पेज की इस चार्जशीट में 200 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों के बयानों को विस्तृत सबूतों के साथ पेश किया गया है.
चार्जशीट में जांच के दौरान 200 से अधिक गवाहों के बयानों में केवल प्रासंगिक लोगों और पीड़ितों द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन करने वाले बयानों का जिक्र किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, मामले के लिए सिर्फ 100 गवाहों के बयान प्रासंगिक पाए गए, लेकिन इनमें से बहुत कम गवाहों के बयान ही पीड़ितों द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि करते हैं.
पुलिस ने ये सबूत कोर्ट में किए पेश
समाचार एजेंसी के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि सभी 6 महिला शिकायतकर्ताओं के विस्तार से बयान दर्ज किए गए हैं और इसके साथ ही पुलिस ने चार्जशीट में कॉल डिटेल रिकॉर्ड, फोटो और वीडियो को भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया है. सूत्रों ने कहा कि चार्जशीट में पुलिस ने हर शिकायतकर्ता के मामले को अलग-अलग सबूतों के साथ पेश किया है. इतना ही नहीं चार्जशीट में चश्मदीद गवाहों, सह-प्रतिभागियों, टूर्नामेंट रेफरी और कर्मचारियों के बयान को दर्ज किया गया है. इस मामले में अगर और अधिक गवाह बयान दर्ज कराते हैं, तो पुलिस पूरक चार्जशीट फाइल करेगी.
उधर, दिल्ली पुलिस 28 मई को हुए बवाल के लिए पहलवानों पर दर्ज केस वापस लेने के लिए 1-2 दिन में कोर्ट का रुख करेगी. 7 जून को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि उनके खिलाफ दर्ज केस वापस ले लिए जाएंगे. जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने 5 देशों के कुश्ती महासंघों को पत्र लिखकर सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न की कथित घटनाओं के संबंध में ब्योरा मांगा है. हालांकि, अभी किसी का जवाब नहीं मिला है. सूत्रों के मुताबिक, जब ये डिटेल मिल जाएगी, तो इन्हें भी चार्जशीट में शामिल किया जाएगा.
पुलिस ने इन धाराओं के तहत दर्ज की चार्जशीट
दिल्ली पुलिस ने रॉउज एवन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A एवं D के तहत चार्जशीट दाखिल की है. जानिए इन धाराओं में कितनी सजा का प्रावधान है.
IPC की धारा 354
अगर किसी महिला की मर्यादा और सम्मान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो.
सजा: इस धारा के तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर उसे कम से कम एक साल की सजा और अधिकतम 5 साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.
गैर जमानती धारा: इसके तहत किया गया अपराध एक संज्ञेय और गैर-जमानती होता है यानी मजिस्ट्रेट कोर्ट ही मामले पर विचार करने और अभियोजन पक्ष और शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद जमानत दे सकता है.
IPC की धारा-354 ए
अगर कोई व्यक्ति शारीरिक संपर्क या अवांछित और स्पष्ट यौन संबंध का प्रस्ताव देता है या यौन अनुग्रह की मांग या अनुरोध करता है, महिला की इच्छा के बिना उसे अश्लील कंटेंट दिखाता या यौन संबंधी टिप्पणियां करता है, तो वह यौन उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा.
सजा: अगर कोई उप-धारा (1) के खंड (i) या खंड (ii) या खंड (iii) के तहत दोषी पाया जाता है तो, उसे कठोर कारावास की सजा सुनाई जा सकती है. इस सजा को तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों ही सजा सुनाई जा सकती है. अगर कोई उप-धारा (1) के खंड (iv) में दोषी पाया जाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है, जिसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है.
जमानती अपराध: यह मामला संज्ञेय है लेकिन जमानती अपराध है, जिसका अर्थ है कि शिकायत मिलने पर पुलिस को शिकायत दर्ज करनी होगी, लेकिन आरोपी को पुलिस स्टेशन से ही जमानत मिल सकती है.
आईपीसी की धारा 354 डी
अगर कोई पुरुष किसी महिला का पीछा करता है और संपर्क करता है, या महिला की इच्छा के विरुद्ध या साफ मना करने के संकेत के बावजूद बार-बार व्यक्तिगत बातचीत को बढ़ाने के लिए संपर्क करने का प्रयास करता है; या इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार के किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल कर महिला की निगरानी करता है, वह स्टॉकिंग के तहत दोषी माना जाएगा.
सजा: अगर आरोपी पहली बार दोषी पाया जाता है तो उसे तय कारावास की सजा हो सकती है, जिसके तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या उस पर जुर्माने ठोका जा सकता है. वहीं दूसरी या उससे ज्यादा बार दोषी पाए जाने पर तय कारावास की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है.
जमानती-गैरजमानती: अगर कोई इस धारा के तहत पहली बार दोषी पाया जाता है तो उसे जमानत मिल सकती है, लेकिन अगर कोई एक से ज्यादा बार यह हरकत करता है तो यह अपराध गैर जमानती हो जाता है.
पहलवानों ने अपनी शिकायत में क्या कहा था?
पहली शिकायत- होटल के रेस्तरां में रात के खाने के दौरान मुझे अपनी मेज पर बुलाया, मुझे टच किया, छाती से पेट तक छुआ. रेसलिंग फेडरेशन के ऑफिस में बिना मेरी इजाजत के मेरे घुटनों, मेरे कंधों और हथेली को छुआ गया. अपने पैर से मेरे पैर को भी टच किया गया. मेरी सांसों के पैटर्न को समझने के बहाने से छाती से पेट तक टच किया गया.
दूसरी शिकायत- जब मैं चटाई पर लेटी हुई थी, आरोपी (बृजभूषण सिंह) मेरे पास आया, मेरे कोच उस वक्त नहीं थे, मेरी अनुमति के बिना मेरी टी-शर्ट खींची, अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया छाती पर और मेरी श्वास की जांच के बहाने इसे मेरे पेट के नीचे सरका दिया. फेडरेशन के ऑफिस में मैं अपने भाई के साथ थी, मुझे बुलाया और भाई को रुकने को कहा गया, फिर कमरे में अपनी तरफ खींचा जबरदस्ती करने की कोशिश की.
तीसरी शिकायत- उसने मुझे मेरे माता-पिता से फोन पर बात करने के लिए कहा, क्योंकि उस समय मेरे पास मेरा मोबाइल फोन नहीं था . आरोपी (सिंह) ने मुझे अपने बिस्तर की ओर बुलाया जहां वह बैठा था और फिर अचानक, मेरी अनुमति के बिना उसने मुझे गले लगा लिया. अपने यौन इरादों को पूरा करने के लिए, उसने मुझे सप्लीमेंट खरीदने की पेशकश करके मुझे रिश्वत देने की भी कोशिश की.
चौथी शिकायत - बृजभूषण सिंह ने मुझे बुलाया और मेरी टी-शर्ट खींची और अपना हाथ मेरे पेट के नीचे खिसका दिया. मेरी सांस की जांच के बहाने मेरी नाभि पर हाथ रख दिया.
5वीं शिकायत- मैं लाइन में सबसे पीछे थी, तभी गलत तरीके से छुआ, मैने जब दूर जाने की कोशिश की तो कंधे को पकड़ लिया.
छठी शिकायत- तस्वीर के बहाने कंधे पर हाथ रखा, मैने विरोध किया.