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संसद में महिला आरक्षण बिल की मांग पर BRS नेता कविता ने बुलाया धरना, 17 विपक्षी दल होंगे शामिल

बीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता ने महिला आरक्षण बिल की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना बुलाया है. इसमें लगभग 17 विपक्षी दल शामिल होंगे. कांग्रेस इसमें हिस्सा नहीं लेगी.

BRS नेता कविता (फाइल फोटो) BRS नेता कविता (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:56 AM IST

संसद में महिला आरक्षण बिल की मांग पर बीआरएस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता ने जंतर मंतर पर एकदिवसीय सांकेतिक धरना बुलाया है. ऐसे में 10 मार्च को जंतर मंतर पर विपक्षी दलों का जमावड़ा लगेगा. दरअसल, कांग्रेस के अलावा लगभग सभी 17 विपक्षी दलों के प्रतिनिधि केसीआर की बेटी और बीआरएस नेता कविता के वुमेन रिजर्वेशन बिल की मांग में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होंगे. इसमें NC PDP, अकाली दल, TMC, JDU, RJD, SP CPI, cpm, NCP,शिवसेना (उद्धव) JMM, AAP और कुछ निर्दलीय सांसदों के साथ-साथ 29 राज्यों से महिलाओं के संगठन शामिल होंगे.

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बताते चलें कि इधर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली शराब नीति मामले में 11 मार्च को कविता से पूछताछ करेगी. पहले ये पूछताछ 9 मार्च को यानी आज होनी थी. लेकिन कविता ने ईडी से वक्त मांगा था.

शराब नीति घोटाला में जांच के लिए ईडी ने बुलाया

प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली शराब नीति में घोटाले के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है. निदेशालय के समन के बाद के कविता बुधवार शाम को नई दिल्ली पहुंच गईं. उन्होंने कहा कि वह जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करेंगी. बताया जा रहा है कि कविता को हैदराबाद के कारोबारी रामचंद्र पिल्लई के सामने बैठाकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी ने पिल्लई को सोमवार को गिरफ्तार किया था. ईडी PMLA एक्ट के तहत कविता के बयान दर्ज करेगी. ईडी के पास पिल्लई की हिरासत 12 मार्च तक है. 13 मार्च को उन्हें फिर से दिल्ली की अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.

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इससे पहले दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सिसोदिया अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें दिल्ली की कोर्ट ने 10 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा था. आरोप है कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 2021-22 के लिए लाई गई आबकारी नीति में गुटबंदी को बढ़ावा दिया गया और कुछ शराब कारोबारियों का पक्ष लिया गया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. हालांकि, यहां AAP ने इन आरोपों को खारिज किया है.

 

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