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पाकिस्तान की हिरासत में हैं 194 भारतीय मछुआरे, 123 सिर्फ गुजरात से, केंद्र सरकार ने संसद में रखे आंकड़े

आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की जेल में अभी 194 मछुआरे बंद हैं जिनमें से 123 गुजरात के हैं. सरकार ने कहा कि साल 2021 में 33 मछुआरे, साल 2022 में 68 मछुआरे, साल 2023 में 9 मछुआरे और साल 2024 में 13 मछुआरे पकड़े गए.

(सांकेतिक तस्वीर) (सांकेतिक तस्वीर)
ब्रिजेश दोशी
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

राज्य सभा सांसद परिमल नाथवानी ने संसद में पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय मछुआरों के बारे में सवाल पूछा था, जिसका जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने आंकड़े सामने रखे. आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की जेल में अभी 194 मछुआरे बंद हैं जिनमें से 123 गुजरात के हैं. सरकार ने कहा कि साल 2021 में 33 मछुआरे, साल 2022 में 68 मछुआरे, साल 2023 में 9 मछुआरे और साल 2024 में 13 मछुआरे पकड़े गए.

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मंत्री के बयान के अनुसार, भारत और पाकिस्तान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को एक-दूसरे की जेलों में बंद मछुआरों और नागरिक कैदियों की सूचियों का आदान-प्रदान करते हैं. 01 जनवरी, 2025 को आदान-प्रदान की गई सूचियों के अनुसार, पाकिस्तान ने 217 भारतीय मछुआरों की हिरासत को स्वीकार किया. इन सूचियों के आदान-प्रदान के बाद से, 01 भारतीय मछुआरे की मृत्यु हो गई और 22 भारतीय मछुआरों को रिहा कर भारत वापस भेज दिया गया.

'भारतीय मछुआरों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता'

मंत्री ने कहा कि भारत सरकार भारतीय मछुआरों के कल्याण, सुरक्षा और संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. जैसे ही पाकिस्तान द्वारा भारतीय मछुआरों को पकड़े जाने के मामले सामने आते हैं, इस्लामाबाद स्थित भारतीय मिशन द्वारा पाकिस्तान सरकार से काउंसलर एक्सेस प्राप्त करने और उनकी शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाते हैं. 

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उन्होंने कहा कि भारतीय मछुआरों को कानूनी सहायता सहित हर संभव सहायता प्रदान की जाती है. भारतीय मछुआरों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का मामला लगातार पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाया जाता है और यह बताया जाता है कि इस मुद्दे पर विशुद्ध रूप से मानवीय और आजीविका के आधार पर विचार किया जा सकता है.

मछुआरों के परिवारों को वित्तीय सहायता देती है गुजरात सरकार

'भारत-पाकिस्तान काउंसलर एक्सेस समझौता 2008' के तहत पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार किए गए मछुआरों की रिहाई और स्वदेश वापसी की प्रक्रिया की जाती है. कैदियों और मछुआरों के साथ मानवीय व्यवहार और उनकी शीघ्र रिहाई के लिए कदम उठाने की सिफारिश करने के लिए दोनों पक्षों के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों वाली 'भारत-पाकिस्तान न्यायिक समिति' का गठन 2008 में भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा किया गया था. समिति ने अब तक 07 बैठकें की हैं.

मंत्री के जवाब में आगे कहा गया है कि मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार मछुआरों के कल्याण के लिए विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम चलाती है. गुजरात सरकार भी हिरासत में लिए गए मछुआरों के परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक राहत योजना चलाती है.

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