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'सिद्धारमैया की वजह से 2019 में गिरी कांग्रेस-JDS सरकार', कर्नाटक के पूर्व मंत्रियों का बड़ा दावा

कर्नाटक की बसवराज सरकार में मंत्री रहे के सुधाकर और एस टी सोमशेखर ने बड़ा दावा किया है. ये दोनों पहले कांग्रेस में थे और उन 17 कांग्रेस-जेडीएस विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. इसके चलते कर्नाटक में 14 महीने की गठबंधन सरकार गिर गई थी और फिर इन विधायकों के सहयोग से बीजेपी सत्ता में आई थी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2023,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

कर्नाटक में ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस में सीएम को बैठकों का दौर जारी है. अब तक तय नहीं है कि कर्नाटक की कुर्सी सिद्धारमैया को मिलेगी या फिर डीके शिवकुमार को. इस सबके बीच सत्ता खो चुकी बीजेपी की सरकार में मंत्री रहे दो नेताओं ने दावा किया है कि 2019 में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार गिरने के लिए सिद्धारमैया जिम्मेदार थे.

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बसवराज सरकार में मंत्री रहे के सुधाकर और एस टी सोमशेखर ने ये दावा किया है. दरअसल, ये दोनों ही पहले कांग्रेस में थे और उन 17 कांग्रेस-जेडीएस विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. इसके चलते कर्नाटक में 14 महीने की गठबंधन सरकार गिर गई थी और फिर इन विधायकों के सहयोग से बीजेपी सत्ता में आई थी. 

न्यूज एजेंसी के मुताबिक सुधारकर ने दावा किया, "2018 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के दौरान जब भी विधायक (कांग्रेस) तत्कालीन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धारमैया के पास अपनी समस्याओं को लेकर जाते थे तो वे इस पर अपनी बेबसी व्यक्त करते और कहते थे कि वे उनकी सहायता नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा, सिद्धारमैया विधायकों को 2019 के लोकसभा चुनावों तक इंतजार करने का आश्वासन देते थे और कहते थे कि वह 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद एक दिन भी तत्कालीन गठबंधन सरकार को चलने नहीं रहने देंगे."

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'सिद्धारमैया तथ्य से इनका नहीं कर सकते'

उन्होंने दावा किया कि आखिरकार उनके अलावा कुछ और विधायकों को अनिवार्य रूप से कांग्रेस छोड़नी पड़ी और उपचुनावों में लोगों के पास वापस जाना पड़ा, ताकि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में उनके कार्यकर्ता और समर्थकों की रक्षा की जा सके. उन्होंने कहा कि क्या सिद्धारमैया इस तथ्य से इनकार कर सकते हैं कि परोक्ष रूप से या स्पष्ट रूप से कांग्रेस विधायकों द्वारा पार्टी छोड़ने के इस कदम में उनकी कोई भूमिका नहीं थी?

'सिद्धारमैया ने समस्याओं को दूर करने में लाचारी व्यक्त की'

वहीं सोमशेखर ने कहा कि समन्वय समिति के अध्यक्ष होने के बावजूद सिद्धारमैया ने हमेशा कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के दौरान विधायकों की समस्याओं को दूर करने में अपनी लाचारी व्यक्त की. उन्होंने कहा, "कोई भी इस सच्चाई से इनकार नहीं कर सकता है कि इसी के चलते हममें से कुछ विधायकों को पार्टी छोड़ना पड़ा और उपचुनाव कराना पड़ा."

सुधाकर की हार तो सोमशेखर ने दर्ज की जीत 

बता दें कि सुधाकर और सोमशेखर ने कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी का दामन था. इसके बाद बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की. फिर दोनों को बसवराज सरकार में मंत्री बनाया गया था. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनावों में सुधाकर चिक्काबल्लापुरा सीट से हार गए, जबकि सोमशेखर ने बेंगलुरु की यशवंतपुर सीट से जीत हासिल की है.

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