
महादेव सट्टेबाजी ऐप केस में गिरफ्तार एक्टर साहिल खान को मुंबई की एक कोर्ट ने एक मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. साइबर सेल की एसआईटी ने साहिल को शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से हिरासत लिया था. इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी. पुलिस ने बताया कि साहिल को जगदलपुर से मुंबई लाया गया और रविवार को गिरफ्तार किया गया. मामले के संबंध में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हाल ही में खान से पूछताछ की थी. जानिए इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ...
'स्टाइल' और 'एक्सक्यूज़ मी' जैसी फिल्मों के लिए चर्चित साहिल खान एक फिटनेस विशेषज्ञ भी हैं. मुंबई साइबर सेल की एसआईटी ने कोर्ट में कहा कि साहिल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए रिमांड पर लेकर पूछताछ की जरूरत है. पुलिस ने कहा कि हमने 2000 से ज्यादा सिम कार्ड बरामद किए हैं और 1700 बैंक खातों का विवरण मिला है. इन सभी के सत्यापन की जरूरत है. साहिल के वकील मुजाहिद अंसारी ने अदालत को बताया कि खान जांच में सहयोग कर रहे हैं और उन्होंने दस्तावेज और बैंक विवरण भी जमा किये हैं.
मुंबई पुलिस ने साहिल के रूप में दूसरी गिरफ्तारी की
इससे पहले मुंबई पुलिस ने 6 जनवरी को दीक्षित कोठारी नाम के आरोपी को बेटिंग ऐप केस में गिरफ्तार किया था. साहिल खान दूसरे आरोपी हैं जो मुंबई से गिरफ्तार किए गए हैं. इस विवादित मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है, जो गैर कानून तरीके से हुए महादेव बेटिंग ऐप और रियल एस्टेट कंपनी के बीच हुए फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का पता लगाएगी.
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करीब 15 हजार करोड़ का घोटाला
एसआईटी कुछ वित्तीय और रियल एस्टेट कंपनियों और विवादास्पद महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों के बीच कथित अवैध लेनदेन की जांच कर रही है. बीते साल कोर्ट के आदेश के बाद माटुंगा पुलिस ने महादेव सट्टेबाजी ऐप को लेकर एफआईआर दर्ज की थी और फिर मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी थी. एफआईआर के अनुसार, यह करीब 15,000 करोड़ रुपये का घोटाला है. महादेव बैटिंग ऐप केस में साहिल खान और 31 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ जांच चल रही है.
ईडी और मुंबई पुलिस कर रही है जांच
पुलिस के मुताबिक, जांच में आरोपियों के बैंक खाते, मोबाइल फोन, लैपटॉप और सभी तकनीकी उपकरणों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रहा है. वहीं, मुंबई पुलिस ने 32 लोगों के खिलाफ एक अलग मामला दर्ज किया है.
'स्कैम में वरिष्ठ राजनेता और नौकरशाह शामिल'
वहीं, छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 24 अप्रैल को कहा कि उसने महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी एप्लिकेशन के कथित अवैध संचालन के संबंध में नई दिल्ली और गोवा से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. माना जा रहा है कि इस बेटिंग मामले में कई सीनियर राजनेता और ब्यूरोक्रैट्स भी शामिल हैं. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में अपनी जांच के तहत अब तक 9 लोगों को अलग से गिरफ्तार किया है.
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केंद्र ने महादेव बेटिंग ऐप पर लगाया बैन
केंद्र सरकार ने 5 नवंबर 2023 को महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. ED की सिफारिशों के बाद इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69ए के तहत आदेश जारी किए गए हैं. महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया था, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक 'कैश कूरियर' के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे. हालांकि, बघेल ने आरोपों को खारिज किया था.
ED ने दुबई से आए एजेंट को किया था अरेस्ट
ED ने एजेंट असीम दास को 5.39 करोड़ रुपये कैश बरामद करने के बाद रायपुर में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के मुताबिक एजेंट असीम दास को ऐप प्रमोटरों ने UAE से भेजा था. आरोप है कि उसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने का काम दिया गया था. जांच एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त किया गया कैश महादेव ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता 'बघेल' तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी.
ईडी ने 8 नवंबर को दर्ज किया था केस
महादेव बेटिंग ऐप और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर मुंबई पुलिस ने 8 नवंबर 2023 को केस दर्ज किया था. आरोपियों पर चीटिंग करने और जुआ खिलाने के आरोप लगे थे. इस मामले में माटुंगा पुलिस थाने में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत 30 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज हुआ, जिसे बाद में मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और बाद में इसकी जांच के लिए एक एसआईटी बनाई गई. दरअसल, इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता ने निचली अदालत में याचिका दायर की थी. इसमें ऐप और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माटुंगा पुलिस को केस दर्ज करने को कहा था. पुलिस ने बताया कि सौरभ, रवि आदि के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. इसमें आईपीसी की धारा 420 (चीटिंग), 120-B (साजिश), आईटी एक्ट (साइबर अपराध) और गैम्बलिंग एक्ट लगाया गया है. FIR के मुताबिक, आरोपियों ने लोगों को करीब 15 हजार करोड़ का चूना लगाया है.
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लखनऊ से पकड़ा गया था बेटिंग ऐप का हेड
इससे पहले 26 अप्रैल को महादेव बेटिंग ऐप के इंडिया हेड समेत दो शातिरों को UP STF ने लखनऊ से अरेस्ट किया था. इनके नाम अभय सिंह और संजीव सिंह है. अभय महादेव बुक गेमिंग कंपनी का इंडिया हेड है. महादेव बुक एप का नेटवर्क अभय का फुफेरा भाई अभिषेक दुबई से चलाता है. पकड़े गए अभियुक्त व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप के जरिए प्रयोग होने वाले कॉर्पोरेट सिम को पोर्ट कराकर दुबई भेजते थे.
चर्चा में कैसे आया महादेव बेटिंग एप?
ईडी ने दावा किया कि उसने महादेव बेटिंग एप के एजेंट असीम दास को 5.39 करोड़ रुपये कैश बरामद करने के बाद रायपुर में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के मुताबिक एजेंट असीम दास को ऐप प्रमोटरों ने UAE से भेजा था. आरोप है कि उसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को चुनाव खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने का काम दिया गया था. जांच एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त किया गया कैश महादेव ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता 'बघेल' तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी.
जांच में अब तक क्या-क्या सामने आया?
ईडी ने 15 सितंबर 2023 को एक प्रेस रिलीज जारी की थी. इसमें बताया था कि ईडी ने भोपाल के धीरज आहूजा और विशाल आहूजा की मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स की तलाशी ली थी. ये कंपनी महादेव ऐप के प्रमोटरों, परिवार, कारोबार से जुड़े लोगों और उन सभी सेलेब्रिटीज के लिए टिकट बुक करने का काम करती थी जो महादेव ऐप, रेड्डी अन्ना ऐप और फेयप्ले डॉट कॉम जैसी सट्टेबाजी वेबसाइट को एंडोर्स करते थे. ईडी के मुताबिक, सट्टेबाजी के जरिए जो नकद कमाई होती थी, उसे आहूजा ब्रदर्स बड़ी चतुराई से मेन टिकट प्रोवाइडर्स के पास जमा करवा देते थे. और बाकी वॉलेट बैलेंस से टिकटों की बुकिंग करते थे. ये भी पता चला है कि महादेव ग्रुप के कई कार्यक्रमों का ट्रैवल अरेंजमेंट रैपिड ट्रैवल्स ही संभालती थी.
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ये कंपनी संभालती थी हवाला कारोबार
ईडी ने महादेव ऐप के मनी लॉन्ड्रिंग के कारोबार में शामिल लोगों की पहचान भी की है. ईडी ने बताया कि कोलकाता का विकास छापरिया, महादेव ऐप के सारे हवाला कारोबार को संभाल रहा था. ईडी ने विकास छापरिया और उसके साथी गोविंद केडिया के ठिकानों पर तलाशी ली थी. इस दौरान पता चला कि केडिया की मदद से छापरिया ने अपनी कंपनियों- परफेक्ट प्लान इन्वेस्टमेंट, एग्जिम जनरल ट्रेडिंग और टेकप्रो आईटी सॉल्यूशन में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के जरिए भारतीय शेयर बाजार में भारी निवेश किया था.
ईडी ने उनके ठिकानों के साथ-साथ उनके सहयोगियों के ठिकानों की भी तलाशी ली और पाया कि छापरिया ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के साथ-साथ मेसर्स टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस एलएलसी, मेसर्स परफेक्ट प्लान इंवेस्टमेंट्स एलएलपी और मेसर्स एक्ज़िम जनरल ट्रेडिंग एफजेडसीओ जैसी अपनी संस्थाओं के जरिए, भारतीय शेयर बाज़ार में भारी निवेश किया.
महादेव ऐप और सौरभ चंद्राकार की कहानी
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सौरभ चंद्राकार के पिता भिलाई में नगर निगम के दफ्तर में अफसर थे. उसने अपने पिता के पैसों से जूस का कारोबार शुरू किया. इसी दौरान उसने सट्टा बाजार में पैर जमाना शुरू किया. इसके बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उप्पल के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्टा ऐप 'महादेव बुक' शुरू की. ईडी के मुताबिक, 2019 में सौरभ और रवि ने अपना पूरा कारोबार दुबई से चलाना शुरू कर दिया. उनके कारोबार को बढ़ाने में राज्य के पुलिसकर्मियों ने भी मदद की. अगस्त में ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को भी गिरफ्तार किया था.
अब तक कितनी जांच हुई?
ईडी से पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने महादेव ऐप के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने अब तक 75 एफआईआर दर्ज की है. जबकि 429 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 15 सितंबर को जारी प्रेस रिलीज में ईडी ने बताया था कि इस मामले में अब तक रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता के 39 ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है. अब तक की छापेमारी के दौरान ईडी ने 417 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है. इसके अलावा ईडी ने फरार संदिग्धों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है.