
महज 22 महीने की एक बच्ची अरिहा 14 महीनों से बिना मां-बाप के जर्मनी में रह रही है. अरिहा के मां-बाप अब जर्मनी सरकार से बेटी की वापसी को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. अरिहा की मां धारा शाह अपनी बच्ची की कस्टडी पाने के लिए गुजरात में बीजेपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठी है. उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी मदद करें.
प्रधानमंत्री मोदी ही एकमात्र उम्मीद
धारा शाह की अपील है कि अब सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ही उनकी मदद कर सकते हैं. धारा का कहना है कि मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनकी बेटी को उन तक पहुंचाने में मदद करें.
मां धारा का कहना है कि उनकी बेटी फिलहाल किसी ईसाई परिवार के पास है और उसने जर्मन भाषा बोलना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि मामले की सुनवाई में सालों लग सकते हैं. लेकिन तब तक उन्हें अरिहा की कस्टडी मिलनी चाहिए या उसे किसी रिश्तेदार को सौंप देना चाहिए.
धारा का कहना है कि जब तक प्रधानमंत्री मोदी उनकी मदद नहीं करते, वह इसी तरह धरने पर बैठी रहेंगी. उनकी अब एकमात्र उम्मीद प्रधानमंत्री मोदी ही हैं.
बता दें कि बेटी अरिहा की कस्टडी की मांग को लेकर उसके माता-पिता जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं.
क्या है मामला?
जर्मन प्रशासन ने अरिहा के माता-पिता पर उनके बच्चे का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसे अपनी कस्टडी में ले लिया था. अरिहा के पिता वर्क वीजा पर जर्मनी में बतौर इंजीनियर काम करते थे.
लेकिन इस पूरे मामले पर अरिहा के माता-पिता का कहना है कि एक मामूली दुर्घटना में बच्ची को चोट लग गई थी. बता दें कि अरिहा के माता-पिता मूल रूप से गुजरात से है. लेकिन बीते सात दशकों से मुंबई के भयंदर में रह रहे हैं.