
राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क में पिछले एक साल में 75 बाघों में से 25 बाघ लापता हो गए हैं. यह जानकारी राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वार्डन पवन कुमार उपाध्याय ने सोमवार को पार्क अधिकारियों को दी. यह पहली बार है जब एक साल में इतनी बड़ी संख्या में बाघों के लापता होने की आधिकारिक रिपोर्ट सामने आई है. इससे पहले, जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के बीच रणथंभौर नेशनल पार्क से 13 बाघ लापता होने की सूचना मिली थी.
लापता बाघों की जांच के लिए कमेटी बनी
सोमवार को वन्यजीव विभाग ने लापता बाघों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित की. यह समिति निगरानी रिकॉर्ड की समीक्षा करेगी और यदि पार्क अधिकारियों की ओर से कोई चूक पाई जाती है, तो कार्रवाई की सिफारिश करेगी. अधिकारियों ने बताया कि इस समय प्रमुख ध्यान उन 14 बाघों पर है, जो 17 मई से 30 सितंबर के बीच से गायब हो गए थे और जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है.
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मुख्य वन्यजीव वार्डन पवन कुमार उपाध्याय ने कहा, "समिति अपनी रिपोर्ट दो महीने के भीतर प्रस्तुत करेगी. हम कुछ निगरानी में खामियां पहचान चुके हैं, जिन्हें हम ठीक करना चाहते हैं. हाल ही में मैंने साप्ताहिक निगरानी रिपोर्ट्स एकत्र करना शुरू किया है, जिससे यह पता चला कि इन बाघों को ट्रैप कैमरों पर रिकॉर्ड नहीं किया गया. इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है."
पार्क अधिकारियों का कहना है कि पार्क में बाघों की अधिक संख्या के कारण संघर्ष हो रहा है, क्योंकि एक ही इलाके में बाघों के बीच क्षेत्रीय लड़ाई होती है. 75 बाघों में युवा बाघ और शावक भी शामिल हैं. पार्क का 900 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इन बाघों को समायोजित करने में मुश्किलों का सामना कर रहा है.
भारत के वन्यजीव संस्थान (2006-2014) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह पार्क लगभग 40 वयस्क बाघों को ही सुरक्षित रूप से आश्रय दे सकता है.