Advertisement

कब्रगाहों के लिए 2750 एकड़ जमीन, किसान-मंदिर-स्कूलों की जमीनों पर वक्फ बोर्ड नोटिस... कर्नाटक में क्यों बवाल मचा हुआ है?

हिंदू संगठनों ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर मुस्लिम कब्रिस्तानों के लिए 2,750 एकड़ सरकारी भूमि आवंटित करने के फैसले पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगा है. उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार वोटों की खातिर अल्पसंख्यकों को तरजीह दे रही है.

सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार. (फाइल फोटो) सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 20 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:47 AM IST

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर मुस्लिम कब्रिस्तानों के लिए 2,750 एकड़ सरकारी भूमि आवंटित करने के फैसले पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगा है. सिद्धारमैया सरकार जो पहले से ही राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा राज्य में किसानों, मंदिरों, स्कूलों, विधायकों और निजी व्यक्तियों की जमीन को वापस लेने के लिए कथित तौर पर नोटिस जारी करने को लेकर आलोचना का सामना कर रही है. सरकार के इस कदम को हिंदू समर्थक संगठनों ने अनुचित और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण बताया है.

Advertisement

इस सबके बीच हिंदू संगठनों ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि हिंदू मंदिरों की जमीन को नियमित करने की लंबे वक्त से लंबित मांग क्यों अनसुनी की गई. सरकारी जमीन पर बन 34 हजार से ज्यादा मंदिरों (सी-कैटेगरी) ने जमीन का मालिकाना हक मंदिर प्रशासन को ट्रांसफर करने की भी मांग की है.

हिंदू समर्थक कार्यकर्ता शरण ने कहा, 'कांग्रेस सरकार वोटों की खातिर अल्पसंख्यकों को तरजीह दे रही है.' उन्होंने ये भी कहा कि  1.2 लाख एकड़ से ज्यादा का मालिक वक्फ बोर्ड मुस्लिम कब्रिस्तानों के लिए जमीन क्यों नहीं मुहैया करा सकता?.'

वक्फ के पास है 1.20 लाख एकड़ जमीन: मंत्री

वक्फ मंत्री ज़मीर अहमद खान के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड के पास 1.20 लाख एकड़ जमीन है, लेकिन केवल 23,000 एकड़ ही अतिक्रमण से मुक्त है. 

उन्होंने कहा कि बीते दिनों वक्फ की अदालतों का आयोजन किया गया और अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वह अतिक्रमण की गईं वक्त की जमीनों के लिए नोटिस जारी करें. इसके बाद मंदिर, किसानों, स्कूलों, सरकारी बिल्डिंग, राजनेताओं की जमीन और ऐतिहासिक स्मारकों को भी नोटिस जारी किए हैं.

Advertisement

किसानों ने किया 25 नवंबर तक का वक्त

वहीं, उत्तर कर्नाटक के जिलों में किसानों ने वक्फ संपत्तियों के रूप में संशोधित जमीन रिकॉर्ड को सुधारने के लिए 25 नवंबर तक की समय सीमा निर्धारित की है. बीजेपी और जेडीएस राज्यभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं और 9 दिसंबर से बेलगावी में शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को उठाने का प्लान बना रहे हैं.

बता दें कि पिछले अप्रैल में तत्कालीन उपमुख्य सचिव ने राजस्व सचिव को 328 प्रस्तावों की जांच करने और बेंगलुरु, रायचूर, कलबुर्गी, हसन, उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में 2,750 एकड़ सरकारी या निजी (अधिग्रहण के बाद) भूमि कब्रिस्तानों के लिए आवंटित करने का निर्देश दिया था.

राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की वक्फ संपत्तियों की समीक्षा बैठक के दौरान, राजस्व विभाग को  21,767 संपत्तियों के खाता (भूमि रिकॉर्ड) को “वक्फ” में संशोधित करने और “जमीन” ऐप में इसे अपडेट करने का निर्देश दिया गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement