
नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) में गुरुवार को सीबीआई ने कहा कि इस मामले में अब तक 33 जगहों पर तलाशी ली गई है. 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 15 बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तारियां हुई हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि पेपर लीक मामले में कई साक्ष्य भी जुटाए गए हैं. जिनके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.
आधे जले पेपर के टुकड़े से मिला सुराग
एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि नीट (यूजी) 2024 का पेपर 5 मई 2024 को झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से पंकज कुमार द्वारा अवैध रूप से प्राप्त किया गया था, जो नीट के मास्टरमाइंड में से एक है. इस मामले में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल समेत कई अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है. फरार चल रहे पंकज का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है. सीबीआई ने कहा कि आधे जले प्रश्नपत्रों के टुकड़ों से सीबीआई इस परीक्षा केंद्र तक पहुंची थी.
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सीबीआई ने बताया कि NEET UG 2024 प्रश्न पत्रों वाले ट्रंक को स्कूल में लाया गया और 5 मई को उसे सुबह नियंत्रण कक्ष में रखा गया था. ट्रंक आने के कुछ मिनट बाद स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों ने अवैध रूप से इस मास्टरमाइंड को उस कमरे में जाने की अनुमति दी, जहां ट्रंक रखे गए थे. ट्रंक खोलने और ट्रंक से प्रश्नपत्रों तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक उपकरण जब्त कर लिए गए हैं.
हजारीबाग में हल किया गया पेपर
सीबीआई ने कहा कि नीट पेपर ट्रंक से हासिल करने के बाद उसे सॉल्वरों के एक सेट के जरिए हजारीबाग में हल किया गया था और हल किए गए पेपर को कुछ चयनित छात्रों के साथ साझा किया गया था जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे. सीबीआई ने कहा कि सभी सॉल्वर की पहचान हो गई है और कुछ की गिरफ्तारी भी हो गई है. इनमें कुछ सॉल्वर बड़े कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं.सीबीआई ने कहा कि कुछ अन्य लोग भी इस गड़बड़ी में शामिल थे जो उम्मीदवारों को लाने में शामिल थे.
CBI का ऑफिसियल बयान
नीट पेपर लीक केस में अभी तक की जांच पर सीबीआई ने आधिकारिक बयान दिया है. सीबीआई ने 23 जून 2024 से नीट पेपर चोरी और लीक मामले की जांच शुरू की. सीबीआई ने पटना के शास्त्रीनगर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 358/2024 केस को टेकओवर किया और जांच शुरू की. आईपीसी की धारा 407, 408, 409 और 120बी के तहत दर्ज पटना पुलिस की एफआईआर को टेकओवर करके सीबीआई जांच शुरू हुई.
जांच में सीबीआई को पता लगा कि नीट पेपर झारखंड के हजारीबाग के OASIS स्कूल से 5 मई 2024 यानी पेपर वाले दिन सुबह पंकज उर्फ आदित्या उर्फ साहिल ने चोरी किया. पंकज मास्टमाइंड है, जिसने स्कूल के प्रिंसिपल, एनटीए कोऑर्डिनेटर, सेंटर सुपरिटेंडेंट वायस प्रिंसिपल के साथ मिलकर पेपर चोरी किया.
पंकज फरार चल रहा था, जिसकी लोकेशन ट्रेस करके उसे गिरफ्तार किया गया. स्कूल के प्रिंसिपल अहसानुल हक, वाइस प्रिंसपल और दूसरे एसोसिट्स को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. पटना में जले हुए पेपर के जरिए सीबीआई हजारीबाग के सेंटर तक पहुंची, जहां से पेपर लीक हुआ था.
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जिन ट्रंक में नीट पेपर हजारीबाग के सेंटर में 5 मई की सुबह लाए गए थे, उन्हें सेंटर के कंट्रोल रूम में रखा गया. पेपर आने के कुछ मिनटों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल अवैध तरीके से कंट्रोल रूम में पंकज को भी अंदर ले गए. यहां पर आधुनिक टूल्स की मदद से ट्रंक को खोला गया और नीट के पेपर चोरी किए गए. इन टूल्स और ट्रंक को सीज किया गया है. खास बात यह है कि ट्रंक को इस तरह से टूल्स के जरिये खोला गया कि किसी को पता नहीं चल पाए कि ट्रंक टैम्पर हुआ है.
अवैध तरीके से चुराए गए पेपर्स को अलग-अलग मेडिकल स्टूडेंट्स से 5 मई की सुबह ही सॉल्वर गैंग से सॉल्व कराया गया और सेलेक्टेड स्टूडेंट्स (जिन्होंने पैसे दिए थे) उनके साथ प्रश्नों के उत्तर के साथ शेयर किया गया.
सॉल्वर गैंग से जुड़े अलग-अलग मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को पहचाना गया और गिरफ्तार किया गया. इन सॉल्वर्स गैंग से जुड़े स्टूडेंट्स को इसी मकसद के साथ 5 मई को हजारीबाग लाया गया, ये सभी नीट पेपर लीक साजिश का हिस्सा हैं.
साजिश का मास्टरमाइंड कौन?
पंकज इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड है, जिसने पेपर चोरी करने की साजिश तैयार की और अन्य आरोपियों को इसमें शामिल किया. पंकज के साथ कुछ और साजिशकर्ता भी थे, जिनकी गिरफ्तारी की गई.
इस ग्रुप को एक दूसरा ग्रुप असिस्ट कर रहा था, जिन्होंने कैंडिडेट्स के लिए जगह प्लान की थी. एक अलग ग्रुप कैंडिडेट्स को मोबलाइज करने में शामिल था. जिन छात्रों ने अवैध तरीके से सॉल्व किया गया पेपर लिया, उनकी पहचान करके लीगल एक्शन लिया गया.
अभी तक की जांच में सीबीआई ने 33 जगहों पर छापेमारी की, 36 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें से 15 गिरफ्तारियां बिहार पुलिस ने की थीं, वो भी सीबीआई की हिरासत में है. सीबीआई की जांच अभी भी जारी है.
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