
कर्नाटक के हासन जिले में वन विभाग ने अनधिकृत पेड़ों की कटाई और लकड़ी की तस्करी के आरोपों के बाद पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. यह घटना 126 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़े मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रताप सिम्हा के भाई विक्रम सिम्हा की गिरफ्तारी के एक दिन बाद आया है. हालांकि, विक्रम सिम्हा रविवार को कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए.
यह घटना तब सामने आई जब तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) ममता ने 16 दिसंबर को क्षेत्र का दौरा किया और अवैध पेड़ कटाई का पता लगाया. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को सतर्क किया और एफआईआर दर्ज की गई.
कर्नाटक सरकार ने हासन जिले के उप वन संरक्षक (डीसीएफ) मोहन कुमार सहित पांच अधिकारियों के खिलाफ निलंबन आदेश जारी किए. अन्य निलंबन में एक सहायक वन संरक्षक (एसीएफ), एक रेंज वन अधिकारी (आरएफओ), उप रेंज वन अधिकारी (डीआरएफओ) और एक स्टाफ सदस्य शामिल हैं.
हसन जिले में अदरक की खेती के लिए तीन एकड़ जमीन पट्टे पर देने के आरोपी विक्रम सिम्हा ने कथित तौर पर पट्टे के क्षेत्र से आगे जाकर खेती के लिए 12 एकड़ में पेड़ काट दिए.
विक्रम सिम्हा को कोर्ट से मिली जमानत
विक्रम सिम्हा रविवार को कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए. वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बेलूर में सीनियर सिविल जज के सामने पेश किया. सिम्हा के वकील न्यायाधीश के सामने पेश हुए और तर्क दिया कि वह मामले में जमानत के हकदार हैं. बहस सुनने के बाद जज ने उन्हें जमानत दे दी.
विक्रम सिम्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, सच्चाई की जीत हुई. 'मैं अब खुश हूं. मैं उस भूमि पर खेती करने के इरादे से गया था. मुझे इन आरोपों का सामना करना पड़ा. यह सब एक साजिश का हिस्सा है.'
भाई की रिहाई के बाद प्रताप सिम्हा ने ट्वीट कर दिया धन्यवाद
प्रताप सिम्हा ने आज ट्वीट किया. ट्वीट के जरिए उन्होंने मीडिया, सोशल मीडिया और न्यायाधीश का धन्यवाद किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, मैंने पीछे छिपने का कोई काम नहीं किया है और जो लोग छुपे हुए हैं वो बेंगलुरु जाने के दौरान अपनी कार में फोन ऑन नहीं करते हैं. माननीय न्यायाधीश को धन्यवाद. और आप सभी और मीडिया मित्रों को धन्यवाद जिन्होंने कॉल, सोशल मीडिया पर संदेशों के माध्यम से हमारा समर्थन किया.
प्रताप सिम्हा संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले को लेकर सुर्खियों में आए थे
बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले को लेकर सुर्खियों में आए थे. लोकसभा हॉल में जबरन वाले दोनों आरोपियों को सिम्हा के नाम पर ही विजिटर पास जारी किए गए थे. सांसद के भाई विक्रम सिम्हा पर राज्य वन विभाग ने बिना अनुमति पेड़ों को काटने और नंदगोंडानहल्ली गांव में लकड़ी की तस्करी के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी.
यह मामला तब सामने आया जब तहसीलदार ममता गांव के दौरे पर गईं. उन्हें वन विभाग की अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई के बारे में पता चला, तो तहसीलदार ने अधिकारियों को सतर्क किया और विक्रम सिम्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.