
मिजोरम के आइजोल में मंगलवार को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया. इस दौरान आइजोल के पुलिस अधीक्षक राहुल अलवाल ने बताया कि पिछले 10 सालों में मिजोरम में 154 महिलाओं समेत 948 लोगों ने आत्महत्या की है. इन 948 लोगों में 84 फीसदी पुरुष और 16 फीसदी महिलाएं हैं. इस साल कुल 49 लोगों ने आत्महत्या की है.
दरअसल, मंगलवार को आइजोल में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर राहुल अलवाल ने बताया कि 2014 से जुलाई 2024 के बीच 948 लोगों ने आत्महत्या की है. एसपी ने बताया कि आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा 584 लोग 20-39 आयु वर्ग के हैं, जबकि दूसरे नंबर पर 40-59 आयु वर्ग के 201 लोग हैं.
ये भी पढ़ें- हार का विकल्प 'जीत' है, खुदकुशी नहीं, बच्चे को मजबूत बनाने में पेरेंट्स का होता है ये रोल
उन्होंने बताया कि आत्महत्या करने वाले 117 लोग 1-19 वर्ष की आयु के थे, जबकि 40 लोग 60 वर्ष से अधिक आयु के थे. आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम संघ द्वारा 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन इस दिवस का सह-प्रायोजक है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाना है कि आत्महत्या को कैसे रोका जा सकता है.
क्या है विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस?
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है. इसे मनाने का उद्देश्य आत्महत्या के बारे में बातचीत शुरू करना और यह दिखाना है कि इसकी रोकथाम संभव है. जागरुकता दिवस वर्ष 2003 से दुनिया भर में विभिन्न गतिविधियों के साथ आत्महत्या को रोकने के लिए विश्वव्यापी प्रतिबद्धता और कार्रवाई प्रदान करने के लिए मनाया जाता है.