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'98% भारतीयों में नेचुरल इम्युनिटी, भारत के लिए खतरा नहीं है कोविड', IIT कानपुर के प्रोफेसर का दावा

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर माहौल बन रहा है. दरअसल यह माहौल चीन में बढ़ते कोविड मामलों और भारत में फैल रही बेचैनी की वजह से है. इस बीच IIT कानपुर के प्रोफेसर ने कहा है कि लोग घबराएं नहीं. प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि भारत की 98 फीसदी आबादी में कोविड के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है.

कोविड मामलों को लेकर लोगों में बेचैनी कोविड मामलों को लेकर लोगों में बेचैनी
सिमर चावला
  • कानपुर,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:44 PM IST

चीन में बढ़ते कोविड मामलों और भारत में फैल रही बेचैनी के बीच IIT कानपुर ने कहा है कि लोग घबराएं नहीं. प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि भारत की 98 फीसदी आबादी में कोविड के खिलाफ प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है. हो सकता है कि कुछ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो और हल्की लहर आ जाए. इसके अलावा कोई बात नहीं होगी. क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टियां चलती रहनी चाहिए. चीन में संक्रमण के 500 मामलों पर सिर्फ एक मामला सामने आ रहा है.

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चीन में सिर्फ 20 फीसदी तक रोग प्रतिरोधक क्षमता 

अपने गणितीय मॉडल के आधार पर प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि अक्टूबर के अंत तक चीन में सिर्फ 5 फीसदी आबादी में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता थी. नवंबर में यह बढ़कर 20 फीसदी हो गया. नवंबर के बाद से चीन में संक्रमण तेजी से बढ़ा. चीनी सरकार संक्रमण के 500 से ज्यादा मामलों में केवल एक मामले की रिपोर्ट कर रही है. इस वजह से चीन से रोजाना आने वाले नए मामलों की संख्या काफी कम है.

'पहले से ही तय था वायरस का फैलाव'

प्रोफेसर के मुताबिक चीन की 30 फीसदी आबादी अभी भी इस वायरस की पहुंच से दूर है. मतलब आगे खतरा मंडरा रहा है. ओमिक्रॉन का वेरिएंट पूरी आबादी में फैल जाएगा. नए मामले और बढ़ेंगे. यह तब तक जारी रहेगा जब तक 90 फीसदी आबादी संक्रमित नहीं हो जाती. सीरो-सर्वे के जरिए कोविड के प्रसार को समझा जा सकता है. चीन का ऐसा कोई सर्वे उपलब्ध नहीं है. ओमिक्रॉन परिवार के वायरस टीके से प्राप्त प्रतिरक्षा को अलग करते हैं. ऐसे में चीन सरकार के जीरो कोविड नीति से हटने के बाद वायरस का फैलाव पहले से ही तय था.

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हर देश में ग्रोथ की अलग-अलग वजह 
 
प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि दुनिया के जिन देशों ने नेचुरल इम्युनिटी हासिल कर ली है, उन्हें कोई खतरा नहीं है. ब्राजील में मामलों में वृद्धि ओमिक्रॉन के एक नए, अधिक विषाणुजनित म्यूटेंट के प्रसार के कारण है. इसके अलावा आबादी का एक हिस्सा प्रतिरक्षा खो देता है. दक्षिण कोरिया में 25 फीसदी, जापान में 40 फीसदी और अमेरिका में 20 फीसदी आबादी प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल नहीं कर पाई है.

बूस्टर शॉट या बचाव की जरूरत नहीं

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा, भारत में चिंता की कोई बात नहीं है. फिलहाल न तो वैक्सीन के बूस्टर शॉट की जरूरत है और न ही नए साल की पार्टियों, शादियों पर रोक लगाने की. टीके केवल अल्पकालिक सुरक्षा देते हैं. भारत को इसकी जरूरत भी नहीं है.

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