
केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि वोटर आईडी के लिए आधार कार्ड प्राइम ऑथेंटिकेटर के रूप में है. रिजिजू ने कहा कि मतदाता सूची को शुद्ध करने के उद्देश्य से प्रमाणीकरण और पहचान के लिए कई दस्तावेजों में से एक आधार कार्ड है. केंद्रीय मंत्री आधार को मतदाता सूची से जोड़ने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि मतदाता सूची के प्यूरीफिकेशन (शुद्धीकरण) की प्रोसेस एक सतत प्रक्रिया है. इसमें राजनीतिक दलों समेत विभिन्न हितधारकों को शामिल किया जाता है, जिसमें मतदाताओं के नामांकन से शुरू होने वाले प्रत्येक चरण में निवास परिवर्तन, विवाह आदि के आधार पर परिवर्तन को प्रभावी करने के लिए नामावली में संशोधन शामिल है. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विभिन्न दस्तावेजों पर भरोसा करता है और भौतिक सत्यापन करता है.
प्रमाणीकरण और पहचान के लिए कई दस्तावेजों में आधार कार्ड
कानून मंत्री ने कहा कि यदि कोई हो आपत्तियां होती हैं तो उसका निस्तारण भी करता है. चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 में अन्य बातों के साथ-साथ परिकल्पना की गई है कि मतदाता सूची में प्रविष्टियों के प्रमाणीकरण के उद्देश्य से निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी को आधार संख्या की भी आवश्यकता हो सकती है. इसलिए, मतदाता सूची को शुद्ध करने के उद्देश्य से प्रमाणीकरण और पहचान के लिए कई दस्तावेजों में से एक आधार कार्ड है.
रिजिजू ने यह भी बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, वोटर आईडी डेटाबेस में नामांकित व्यक्तियों के संबंध में 1 जनवरी 2023 को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के अनुसार नामांकित व्यक्तियों की कुल संख्या 94,50,25,694 थी. अन्य जानकारी एकत्र की जा रही है और सदन के पटल पर रखी जाएगी.
'यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने पर अभी फैसला नहीं'
किरन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक सवाल का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि लॉ कमीशन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक इससे जुड़ा मामला अब 22वें लॉ कमीशन के पास है. सरकार ने 21वें लॉ कमीशन से यूनिफॉर्म सिविल कोड से संबंधित विभिन्न समस्याओं का परीक्षण कर अपने सुझाव देने का आग्रह किया था. 21 वें लॉ कमीशन का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गया था. उन्होंने ये कहा कियूनिफॉर्म कोड का मामला 22वें लॉ कमीशन के पास है जो विचार कर रहा है. जजों के चयन से जुड़ी प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के साथ इसे लेकर जारी गतिरोध को लेकर एक सवाल पर रिजिजू ने कहा कि सरकार ने एक संवैधानिक सर्च पैनल के गठन का सुझाव दिया है जिसमें हमारी ओर से नामित व्यक्ति भी हो. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट सर्च कमेटी के गठन को लेकर सहमत नहीं है.