Advertisement

राजस्थान में स्कूली बच्चों की फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन से 25 हजार में बन रहे फर्जी आधार कार्ड, CBI ने दर्ज किया मामला

सीबीआई ने तीन लोगों - गणपत सिंह, तोगाराम और कन्हैया लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता के अनुसार ये तीनों लोग कथित तौर पर उनकी ई-मित्र आईडी और आधार आईडी से आधार कार्ड बना रहे थे.

राजस्थान में फर्जी आधार कार्ड रैकेट की जांच करेगी सीबीआई. राजस्थान में फर्जी आधार कार्ड रैकेट की जांच करेगी सीबीआई.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:51 AM IST

राजस्थान में कथित तौर पर 25,000 रुपये में जाली दस्तावेजों और फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक गिरोह के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की है. अधिकारियों ने कहा कि तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि बड़े पैमाने पर चल रहे इस रैकेट की शुरुआती जांच में सामने आया है कि फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए स्कूली बच्चों की उंगलियों के निशान और रेटिना स्कैन के साथ-साथ पैर की उंगलियों के निशान का भी इस्तेमाल किया गया है.

Advertisement

कई जिलों में चल रहा है फर्जीवाड़ा

अधिकारियों ने कहा कि यह मामला उस न्यूज रिपोर्ट से सामने आया जिसमें सांचौर में एक सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के एक प्रोग्रामर मनोहर लाल द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में जाली आधार कार्ड के मामले सामने आए हैं.अधिकारियों ने कहा कि सांचौर भारत-पाकिस्तान सीमा से 150 किमी दूर है. इस शिकायत के तीन दिनों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने 9 जुलाई को मामला केंद्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर दिया था, जिसे कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने 30 जुलाई को सीबीआई को भेज दिया था. बाद में, सीबीआई ने तीन लोगों - गणपत सिंह, तोगाराम और कन्हैया लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के अनुसार ये  तीनों लोग कथित तौर पर उनकी ई-मित्र आईडी और आधार आईडी से आधार कार्ड बना रहे थे.

Advertisement

यह भी पढ़ें: फर्जी आधार कार्ड के जरिए संसद भवन में घुसने की कोशिश नाकाम, तीन आरोपियों को CISF ने पकड़ा

बता दें कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी ई-मित्रों व आधार केंद्रों की जांच कराने का फैसला लिया है. इसके तहत आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट का भी परीक्षण कराया जाएगा. ई-मित्र संचालकों द्वारा नि:शुल्क सेवाओं व सशुल्क सेवाओं की राशि की जानकारी केंद्र के बाहर लिखा जाना अनिवार्य किया गया है. फर्जी आधार कार्ड का मामला इसलिए भी चिंता का सबब है क्योंकि सीमावर्ती इलाकों से घुसपैठ की घटनाएं सामने आती रही हैं. शक है कि इस फर्जीवाड़े की जड़ें देश के दुश्मनों तक न फैली हों. इससे पहले आजतक के स्टिंग में भी जयपुर में फर्जी आधार कार्ड के एक रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था. 

यह भी पढ़ें: फर्जी तरीके से बेल कराने वाले गैंग का भांडाफोड़, 54 फर्जी आधार कार्ड बरामद

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement