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आज का दिन: जिनके सर्टिफ़िकेट पर मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा उनका मुआवजा कैसे मिलेगा?

अब तक कोविड का शिकार हुए लोगों के लिए मुआवज़े की बात गाहे-बगाहे उठती रही है और वो इस लिहाज़ से कि जिन लोगों के परिजन, कोविड के कारण अब दुनिया में नहीं रहे तो उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार कुछ मुआवज़े की राशि तय करे और लोगों को ये मदद पहुंचाएं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

भले अब कोविड से हर रोज़ आने वाले संक्रमितों की संख्या कम हो गयी है लेकिन तब भी लोग संक्रमित हो रहे हैं और जान गंवा रहे हैं लेकिन कुछ महीने पहले तो स्थिति और वीभत्स थी जब औसतन हर आदमी का कोई न कोई रिश्तेदार, जानकार या परिजन करोना की चपेट में आया था या उसकी जान गई थी. सरकारी आंकड़ों की माने तो भारत में अब तक कुल 4,45,  768 लोगों ने अपनी जान गवा दी है.

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ऐसे में, शुरुआत से अब तक कोविड का शिकार हुए लोगों के लिए मुआवज़े की बात गाहे-बगाहे उठती रही है और वो इस लिहाज़ से कि जिन लोगों के परिजन, कोविड के कारण अब दुनिया में नहीं रहे तो उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार कुछ मुआवज़े की राशि तय करे और लोगों को ये मदद पहुंचाएं. इस क्रम में कोर्ट तक मामला पहुंचा, कोर्ट ने कहा भाई सरकार जल्दी से अपना रुख़ स्पष्ट करे, क्या और किसे कितना मुआवज़ा दिया जाएगा, इस लिहाज़ से. अब इस बाबत, केंद्र ने कल सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट एसोसिएशन ने कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिजनों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की सिफारिश की है। ऐसे में, ये पूरा मामला था क्या जो अब यहाँ तक पहुंचा है और क्या वाक़ई कोविड से मरने वालों को ये सहायता राशि दी जाएगी या ये अभी महज़ प्रपोजल है? और बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके सर्टिफिकेट में यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी कोविड के कारण मौत हुई है, उनके बारे में कोर्ट की क्या गाइडलाइन्स हैं?

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत को 48 घण्टे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन उनकी मौत को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. शुरुआती दौर में आत्महत्या लग रही इस मौत में न जाने कितनी कड़ियां जुड़ती चली जा रही हैं जिससे मामला पेचीदा होता जा रहा है. पहले उनके सुइसाइड नोट को लेकर काफी चर्चा हुई जिसके आधार पर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया लेकिन ये मामला इतने आशंकाओं से घिरा हुआ है कि अब तक जांच करने वाली टीम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है. तमाम साधु-संतों ने नरेंद्र गिरी की मृत्यु को साजिश बताते हुए जांच की कार्यवाही को भी अपर्याप्त बताया है. अब सवाल ये उठता है जब ये जब यह मोटामोटी कहा जाने लगा गया था कि उनका निधन आत्महत्या है फिर कल अचानक से ये साज़िश की बातें कहाँ से आ गईं और इन बातों में कितना दम है?  उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कहती है?


भारतीय मिसाइल अग्नि-5 एक ऐसी मिसाइल जिसके सेना में शामिल होने के बाद भारत उन एलीट देशों की लिस्ट मे शामिल हो जाएगा, जिनके पास न्यूक्लियर हथियारों से लैस इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। इससे पहले भारत जून में अग्नि प्राइम का भी टेस्ट कर चुका है और फिलहाल अग्नि 6 पर भी काम जारी है। यानी कि भारत हर तरह आगे बढ़ने की जद्दोजहद कर रहा है। पर भारत की इस उपलब्धि से चीन तक तमतमाया हुआ है और वो शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने की बात करने लगा है। ऐसे में, बात ये कि आखिर अग्नि 5 मिसाइल इतना खास क्यों हैं और ये पहले की मिसाइल से किस तरह अलग है?

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इन सब ख़बरों पर विस्तार से बात के अलावा हेडलाइंस और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ. 

23 सितंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

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