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आज का दिनः रूस के सस्ते तेल के ऑफ़र को क्या स्वीकार करेगा भारत?

रूस-यूक्रेन के बीच चौथे दौर की बातचीत कहां तक पहुंची? क्या रूस से तेल-यूरिया ख़रीदेगा भारत? क्या कोरोना की अगली लहर की शुरुआत हो गई है? और महंगाई के आंकड़ों का असर रोजमर्रा में किस तरह से दिख रहा है?, सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:57 AM IST

रूस-यूक्रेन जंग को 20 दिन हो गए हैं. यूक्रेन का दावा है कि दक्षिणी शहर मारिया पोल पर रूसी बमबारी से अब तक 2,500 से ज्यादा मौतें हुई हैं. राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने कहा कि, मारिया पोल में हमारी सेना को कामयाबी मिल रही है. हमने यहां पर रूसी सेना को हराकर अपने युद्ध बंदियों को आजाद करा लिया और इसी कारण रूसी सेना शहर में तबाही मचा रही है. वहीं, दोनों देशों की वार-तकरार से यूरोप के देशों पर खतरा बढ़ गया है. पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुज मोराविकी ने कल कहा कि रूस के व्यापारियों, राजनेताओं और बाकी लोगों की संपत्ति को फ्रीज कर दिया जाए और इन संपत्तियों को उन निर्दोष लोगों की सेवा में लगा दें, जिन पर हमला किया गया है. दूसरी ओर कल एक दफा फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि वो इजरायल में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के लिए तैयार हैं. अब तक 20 लाख से ज्यादा यूक्रेनी शरणार्थी यूरोपीय देशों में पहुंचे हैं.  वहीं तीन बार की पीस टॉक में कुछ भी ना निकल पाने के बाद कल रूस-यूक्रेन के बीच चौथे दौर की पीस टॉक भी शुरू हुई जिसे आज भी जारी रखा जाएगा. बहरहाल, अभी यूक्रेन कैसे रूस की तरफ आगे बढ़ेगा और जो बातचीत हो रही है उससे क्या उम्मीद की जा सकती है?

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जंग के बाद अब बात थोड़ी अर्थव्यवस्था की करते हैं. रूस ने भारत को सस्ते कच्चे तेल और कमोडिटी देने का ऑफर दिया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत भी अब रूस के ऑफर पर विचार कर रहा है. रूस ने ना सिर्फ कच्चा तेल सस्ते में देने का ऑफर दिया है, बल्कि अदर कमोडिटीज को भी रूस सस्ते में देने का ऑफर दे रहा है. इसका पेमेंट भी डॉलर में नहीं बल्कि रुपये को रूबल में कन्वर्ट कर के होगा. ऐसे में भारत अगर रूस के प्रस्ताव को मानता है तो भारत में महंगाई से बड़ी राहत मिल सकती है. हालांकि रूस पर जिस तरह से पश्चिमी देश और अमेरिका सख्त हैं भारत के लिए ये प्रस्ताव स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है. रूस पर लगातार सैंक्शन्स भी बढ़ ही रहे हैं. ऐसे में क्या भारत के लिए ये पॉसिबल है कि रूस पर लगे बैन के बाद भी वो ये ऑफर स्वीकार कर ले, क्योंकि कई देश रूस के साथ व्यापार करने में संकोच कर रहे हैं? अगर भारत रूस का ऑफर स्वीकार करता है तो कितना बड़ा फायदा हो सकता है भारत को और क्या आगे ये जारी रहेगा?
 
पिछले दिनों ख़बर आई थी कि डेनमार्क और ब्रिटेन ने कोरोना के एक्टिव केसेस के बावजूद अपने यहां मास्क लगाने की अनिवार्यता ख़त्म कर दी. इसके अलावा कई देशों ने बहुत सारी पाबन्दियां हटा दीं. भारत मे भी मास्क लगाना तो ज़रूरी है लेकिन एक एक करके सारी पाबन्दियाँ हट ही गईं. केसेस में कमी इसकी वजह थी. लेकिन चीन के एक शहर शेन झेन में फिर से लॉक डाउन लगाया गया है. कहा गया है कि लगभग पौने दो करोड़ की आबादी वाले इस शहर में फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण सरकार ने ये फैसला लिया. उधर ब्रिटेन के चीफ मेडिकल ऑफिसर क्रिस व्हिटी ने नए कोरोना वैरिएंट्स को लेकर चेतावनी दी है. उनका कहना है कि वायरस के नए वैरिएंट्स आने की आशंका है। इनमें से कुछ खतरनाक हो सकते हैं, जिनके सामने वैक्सीन भी फेल हो जाएगी. क्रिस व्ह्यटी की ये भविष्यवाणी ऐसे समय आई है जब पिछले 24 घंटे में कोरोना के 13 लाख नए केसेस आए हैं.

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वहीं भारत सरकार ने कल 12-14 साल तक के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन को मंजूरी दे दी है साथ ही अगर आप कोरोना के आंकड़े पे नज़र डालें तो पिछले चौबीस घण्टों में दस हज़ार से ज्यादा मामले आए हैं. तो अब सवाल ये है कि चीन में और दुनिया भर में कोरोना केसेस में एक बार फिर हुए इजाफे से क्या  ये माना जाए कि दुनिया फिर से कोरोना की तरफ बढ़ रही है जिसको हम सही से एड्रेस नहीं कर रहे हैं?

इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के इतिहास की अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

15 मार्च 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

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