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आज का दिन: मोदी की पेट्रोल-डीजल पर VAT घटाने की बात क्यों लॉजिकली सही है?

पेट्रोल-डीज़ल के दाम को लेकर मोदी की बात पर भड़क क्यों गए राज्य? विदेश मंत्री बिलावल क्या भारत से सुधारेंगे रिश्ते? कराची यूनिवर्सिटी हमले का चीन कनेक्शन? दिल्ली में क्यों शुरू हुई नाम बदलने की राजनीति? सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ

सांकेतिक तस्वीर. सांकेतिक तस्वीर.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:03 AM IST

आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे... पेट्रोल-डीज़ल के दाम को लेकर मोदी की बात पर भड़क क्यों गए राज्य? विदेश मंत्री बिलावल क्या भारत से सुधारेंगे रिश्ते? कराची यूनिवर्सिटी हमले का चीन कनेक्शन? दिल्ली में क्यों शुरू हुई नाम बदलने की राजनीति? 

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

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पेट्रोल-डीज़ल के दाम को लेकर मोदी की बात पर भड़क क्यों गए राज्य?

कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की. बैठक में कोविड को लेकर ज़रूरी सतर्कता बरतने और तैयारियों पर बात हुई ही. लेकिन भाषण के दौरान पीएम ने महंगाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ते पेट्रोल-डीजल पर एक ऐसी बात कह डाली, जो कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नागवार गुजरी. दरअसल, मोदी ने पेट्रोल और डीजल में वैट घटाकर जनता को राहत नहीं देने के लिए सीधे-सीधे 7 राज्यों का नाम लिया, ये सभी ग़ैर-बीजेपी शासित राज्य हैं. पीएम ने इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल के करेंट रेट भी बताए और उनकी तुलना बीजेपी रूल्ड स्टेट्स से की. उन्होंने कहा, पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी घटा ली थी और राज्यों से भी वैट को लेकर कटौती की बात कही थी. कुछ राज्यों ने तो आगे बढ़कर जनता की सेवा के लिए करों में कटौती की लेकिन कुछ राज्य अभी भी वैट में कटौती करने को तैयार नहीं हैं.  

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प्रधानमंत्री ने इन सभी राज्यों से वैट कम करने की अपील भी की. लेकिन विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार पर धावा बोल दिया. ममता बनर्जी से लेकर उद्धव ठाकरे, के चंद्रशेखर राव और दूसरे नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. तो इस मुद्दे पर केंद्र और ग़ैर-बीजेपी शासित राज्यों के बीच ठन गई है. लेकिन सवाल ये उठता है कि कोविड के लिए बुलाई गई मीटिंग में प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की बात क्यों छेड़ी? ये जानते हुए भी कि राज्यों के रिएक्शन आएंगे, पीएम के इस बयान के पीछे क्या मंशा दिखती है? राज्य सरकारें वैट घटा भी लें तो जनता को कितना ही फायदा मिलेगा, क्योंकि तेल की कीमत तो लगातार बढ़ती जा रही है?

विदेश मंत्री बिलावल क्या भारत से सुधारेंगे रिश्ते?

पाकिस्तान की सत्ता से इमरान ख़ान की विदाई के बाद वहां नई सरकार ने कमान संभाल ली है. वज़ीर-ए-आज़म शहबाज़ शरीफ़ अपनी कैबिनेट का विस्तार कर रहे हैं. राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी ने कल एक युवा चेहरे को मंत्री पद की शपथ दिलाई. बिलावल भुट्टो ज़रदारी उनका नाम है. सत्तापलट होते ही उनके विदेश मंत्री बनने की चर्चाएं आम थीं, जिस पर कल मुहर भी लग गई. 33 वर्षीय बिलावल भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन हैं. सियासत उनको विरासत में मिली है. उनकी मां बेनज़ीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं, जबकि उनके पिता आसिफ़ अली ज़रदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं. बिलावल 2018 में पहली बार पाकिस्तान के सांसद चुने गए थे. मगर वो सरकार में मंत्री का पद पहली बार संभाल रहे हैं और वो भी विदेश मंत्री का पद. तो कितना टफ़ रहने वाला है ये उनके लिए और क्या चुनौतियां हैं उनके सामने?

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कराची यूनिवर्सिटी हमले का चीन कनेक्शन?

पाकिस्तान में नई सरकार तो आ गई है, लेकिन बुरी ख़बरें आना बंद नहीं हुई हैं. मुल्क की आर्थिक राजधानी कराची के यूनिवर्सिटी कैंपस में मंगलवार शाम को फिदायीन हमला हुआ. एक बलोच महिला ने इस हमले को अंजाम दिया, जिसमें तीन चीनी महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई थी और चार लोग घायल भी हुए थे. इस हमले की जिम्मेदारी बीएलए यानी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली. हालांकि पाकिस्तान में चीनियों पर हमले की ये पहली घटना नहीं थी, इससे पहले भी पाकिस्तान में कई हमले चीनीयों को टारगेट कर के हुए.पिछले साल जुलाई में ही दो चीनी नागरिकों पर नकाबपोश लोगों ने गोलियां चला दी थीं। इसी साल मजदूरों को ले जा रही एक बस पर हमला किया गया था, जिसमें कई चीनी इंजीनियरों की मौत हो गई थी. तो पाकिस्तान में बलूच अलगाववादियों के निशाने पर चीनी नागरिक क्यों हैं, कराची हमले का चीन से क्या कनेक्शन है?

दिल्ली में क्यों शुरू हुई नाम बदलने की राजनीति?

अपने प्ले रोमियो एन्ड जूलिएट में विलयम शेक्सपीयर लिखते हैं. What's in a name? मतलब नाम में क्या रखा है? शेक्सपियर कहते हैं कि आप ग़ुलाब का कोई और नाम भले रख दें, ख़ुशबू उसकी वही रहेगी. लेकिन जब हम इतिहास पढ़ते हैं तो पाते हैं कि वक़्त के साथ शहरों, जगहों के नाम बदले गए, राजधानियां चेंज हुई. इसे समझने के लिए आपको ज़्यादा दूर जाने की भी ज़रूरत नहीं. मुगलसराय का पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन हो जाना, इलाहाबाद का प्रयागराज और गुड़गांव का गुरुग्राम हाल-फिलहाल की ही बात है. अब इस लिस्ट में नया नाम जुड़ा है साउथ दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस के पास मोहम्मदपुर गांव का. एमसीडी को चला रही बीजेपी ने मोहम्मदपुर का नाम बदल कर माधवपुरम कर दिया है. दिल्ली बीजेपी चीफ आदेश गुप्ता कल मोहम्मदपुर पहुंचे और वहां माधवपुरम नाम का नया बोर्ड लगा दिया. उन्होंने कहा कि मोहम्मदपुर के बाद अभी दिल्ली के 40 गांव ऐसे हैं जिनका मुगलों के जमाने में बदला गया था और अब उन्हें सुधार कर नया नाम दिया जाएगा. तो बीजेपी नेता ने भले ही वहां माधवपुरम नाम का बोर्ड लगा दिया. लेकिन आधिकारिक और कागजी तौर पर अभी माधवपुरम नाम होना बाकी है. तो अब गांव के नाम बदलने पर राजनीति तो जोर-शोर से शुरू हो गई है लेकिन वहां के स्थानीय लोगों का क्या रिएक्शन है? UP के बाद दिल्ली में बीजेपी को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

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इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

28 अप्रैल 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

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