
सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या से शुरू हुई पंजाब में आक्रामक बयानबाजी तो चल ही रही थी, इस सिलसिले में एक और नया बयान और नया बवाल जुड़ गया. ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार की 38वीं बरसी पर अकाल तख्त के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने लोगों को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने ब्ल्यू स्टार के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई नेताओं को जमकर कोसा. बात यहीं तक रहती तो ठीक थी. हरप्रीत ने कुछ ऐसी अपील कर दी जो पंजाब में शांति और खुशहाली चाहने वालों को चुभ सकती है.
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि दिन प्रतिदिन हमें धार्मिक स्तर पर कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं. जरूरी ये है कि हम अपनी इस लड़ाई को लड़ें. हमें अपने बच्चों को मार्शल आर्ट्स और अत्याधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग देनी होगी. ऐसे सेंटर बनाए जाएं जहां ये ट्रेनिंग दी जा सके. आगे हरप्रीत ने पंजाब के गांवों में चर्च की मौजूदगी पर भी सवाल उठा दिया. उन्होंने कहा कि ये हमें कमजोर करने की कोशिश है, सिखों को नींद से जगना पड़ेगा. हरप्रीत के इस बयान के बाद इसके अलग अलग मायने निकाले जाने लगे. कई नेताओं ने हरप्रीत के इस बयान का विरोध किया है. सवाल ये है कि उनकी ये अपील किस कंटेस्ट में थी, वो इन अपील्स के जरिये सिखों की किस कमजोरी की तरफ इशारा कर रहे थे? हाल ही में पंजाब ने एक बड़े सिंगर की खुलेआम हत्या देखी है, ऐसे में इस बयान का असर किस तरह हो सकता है?
क्यों लोकप्रियता खो रहे बोरिस जॉनसन?
विवादों में घिरे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई. ब्रिटेन के पीएम को उनके पद से हटाने के लिए लाया गया ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका, जॉनसन ने कंफीडेंस वोट पाने की लड़ाई 63 वोट से जीत ली. उनके समर्थन में 211 वोट पड़े और खिलाफ में 148. इससे पहले जॉनसन की अपनी ही कंजरवेटिव पार्टी की एक समिति के अध्यक्ष ने जॉनसन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की घोषणा की थी.
ब्रिटेन की संसद में नो कंफीडेंस मोशन संबंधी पत्रों के प्रभारी सर ग्राहम ब्रैडी ने बताया था कि ‘टोरी’ संसदीय दल के 54 सांसद इसकी मांग कर रहे हैं. जिसके बाद ये नो कंफीडेंस मोशन की तारीख निर्धारित की गई थी. कहा जा रहा है जॉनसन जितने बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आए, उतनी ही तेजी से उनका ग्राफ भी गिरा है. मामला यहां तक आ गया कि उनकी अपनी ही पार्टी में उनके खिलाफ बिगुल बज गया. ऐसी नौबत कैसे आई, बोरिस जॉनसन जो एक लोकप्रिय नेता थे, उनकी घटती लोकप्रियता के पीछे के कारण क्या रहे?
क्या है जेपी नड्डा के बंगाल दौरे का कार्यक्रम?
पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों बीजेपी ने नेताओं के टूटने का सबसे बुरा दौर देखा. उसके नेता बाबुल सुप्रियो फिर जॉय प्रकाश मजूमदार और फिर अर्जुन सिंह, एक-एक करके टीएमसी में शामिल हो गए. अब इन सब घटनाओं के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बंगाल दौरा आज से शुरू हो रहा है. अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान नड्डा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार नड्डा के इस दौरे से खासे उत्साहित हैं. उनका कहना है कि जेपी नड्डा का ये दौरा हमें तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए और मजबूत बनाएगा. नड्डा ऐसे वक्त पर बंगाल में होंगे, जब उनकी पार्टी इस राज्य में बड़ी मुश्किलों से गुजर रही है. एक-एक करके पार्टी छोड़ कर जाते नेता मुसीबत तो हैं ही, जो बचे हुए हैं उनके अंदर कंफीडेंस भरना भी एक बड़ा चैलेंज होगा. तो फिलहाल नड्डा के इन तीन दिवसीय दौरे का कार्यक्रम क्या-क्या है? और इन तीन दिनों में नड्डा क्या क्या करेंगे?
इन खबरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताजा हेडलाइंस, देश-विदेश के अखबारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
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