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आज का दिनः सीएम योगी के मंत्रियों से पीएम मोदी ने क्या कहा?

बुद्ध पूर्णिमा पर नेपाल गए पीएम मोदी ने वापसी के दौरान लखनऊ में योगी कैबिनेट के साथ लंबी मीटिंग की. शेल कंपनियों में निवेश के मामले में आज सुनवाई होनी है. सुनिए 'आज का दिन' में.

योगी कैबिनेट के साथ पीएम मोदी योगी कैबिनेट के साथ पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर एक दिन के लिए नेपाल गए थे. 2014 में पहली बार पीएम बनने के बाद से मोदी की यह 5वीं नेपाल यात्रा थी. नेपाल से लौटते हुए पीएम उत्तर प्रदेश में रुके. पहले कुशीनगर के बौद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर वहां से सीधे लखनऊ पहुंचे. एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ उनकी अगवानी करने पहुंचे. और जैसी कि सोशल मीडिया के दौर में रवायत बन गई है तो प्रधानमंत्री का स्वागत-सत्कार योगी ने ट्विटर पर भी किया.

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हवाई अड्डे की तस्वीर के साथ लिखा- शेषावतार भगवान श्री लक्ष्मण जी की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन. इसके बाद पीएम का काफिला मुख्यमंत्री आवास पहुंचा. पीएम ने मुख्यमंत्री आवास पर पूरी योगी कैबिनेट के साथ लंबी मीटिंग की. फिर सभी लोगों ने साथ में डिनर किया. पीएम के साथ लिया गया ग्रुप फोटो भी सामने आया. लेकिन चार घंटे तक चली इस मीटिंग में क्या हुआ? क्या इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी कुछ संदेश या आदेश दिए गए?

क्या चली जाएगी हेमंत सोरेन की कुर्सी?

एक ओर जब यूपी में नरेंद्र मोदी योगी के नए मंत्रिमंडल से मुलाकात कर रहे थे तो वहां से कुछ सौ किलोमीटर दूर झारखंड में सियासी संकट पैदा होने की सुगबुगाहट तेज हो रही थी. IAS पूजा सिंघल के ब्लैक मनी का मामला हो, खदान पट्टे का केस या फिर शेल कंपनियों से जुड़े ब्लैक मनी का मामला. इन सबकी आंच अब धीरे-धीरे झारखंड सरकार पर आने लगी है.

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शेल कंपनियों में निवेश के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है जिसमें सीएम हेमंत सोरेन निशाने पर हैं और अदालत ने पिछली सुनवाई में सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी. इसके साथ ही खनन विभाग के भी दस्तावेजों को लेकर पूर्व सीएम रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर आरोप लगाए थे. इसकी भी आज सुनवाई होनी है.

जानकार बता रहे हैं कि चुनाव आयोग या हाईकोर्ट में CM पर लगे आरोप अगर साबित हो जाते हैं तो CM की विधायकी जाना तय है. अगर रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 9-A के ऑब्जेक्टिव मीनिंग की बात करें तो ये मामला गंभीर है. आरोप सही पाए जाने पर इलेक्शन कमीशन चाहे तो CM हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द कर सकता है. इससे पहले ECI ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनको नोटिस भी भेजा है. आगे की कार्रवाई उनके जवाब पर ही तय होगी. तो अब सवाल ये है कि शेल कंपनियों और खनन विभाग से जुड़ा पूरा मामला क्या है और हेमंत सोरेन इसकी जद में कैसे आ गए?

दुनिया में क्यों बढ़ गए गेहूं के दाम?

कुछ ही दिन पहले भारत में गेहूं के स्टॉक्स में आई कमी को देखते हुए कुछ मेजर फैसले लिए गए थे. उसमें से एक फैसला था गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का. शुक्रवार रात सरकार का ये ऐलान आया. भारत के अंदर सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया लेकिन विश्व के बाजार में भारत का ये फैसला बहुत बड़ी चिंता बन के आया, क्योंकि पहले से ही दुनिया भर में गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई बाधित हुई है. और भारत के एक्सपोर्ट बैन करने से यूरोपियन मार्केट पर इसका और ज्यादा असर देखने को मिला है.

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भारत सरकार के गेहूं निर्यात पर बैन के फैसले की G-7 देशों ने आलोचना की. जर्मनी के कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने कहा कि भारत के इस कदम से दुनियाभर में खाद्यान्न संकट बढ़ेगा. हम भारत से G-20 सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालने की अपील करते हैं. भारत सरकार का इस पर जवाब भी आया. उन्होंने कहा हम एक्सपोर्ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पहले अपने देश की स्थिति को सामान्य करना हमारी जिम्मेदारी है. तो अब सवाल ये है कि भारत के गेहूं के एक्सपोर्ट बैन करने से यूरोपियन मार्केट में कीमत क्यों बढ़ी हैं?

इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताजा हेडलाइंस, देश-विदेश के अखबारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

17 मई 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

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