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आज का दिन: PM मोदी ने कांग्रेस को बताया टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर, नेहरू और इंदिरा का भी जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को क्यों कह टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर? यूपी चुनाव में बीजेपी ने कैसे कवर किया किसान आंदोलन का लॉस? और क्यों चर्चा में हैं चीन के विंटर ओलंपिक्स?, सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते पीएम मोदी. लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते पीएम मोदी.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:22 AM IST

बजट पेश होने के बाद से ही विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलवार है. कुछ रोज़ पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा था कि मौजूदा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे के साथ खड़ा है. इसके साथ ही उन्होंने ‘दो भारत’.अरबपति बनाम बेरोज़गार और दिल्ली के शहंशाह बनाम राज्य का गौरव जैसी कई बातें कहीं थी और मोदी सरकार को घेरा था. तो अब कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में सरकार के ऊपर लगे इन्हीं आरोपों का जवाब दिया. और विपक्ष को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की. मसलन... रोज़गार, महंगाई, राष्ट्रीय एकता, मेड इन इंडिया जैसे मुद्दे..और इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग का लीडर बता दिया. पीएम ने कल जितनी बातें कहीं, उनमें से कई चीज़ें ऐसी हैं जिन पर सवाल भी उठते हैं. जैसा कि महंगाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री का जवाहर लाल नेहरू का लाल किला से दिया गया भाषण याद दिलाना कि नेहरू ने कहा था कि कभी-कभी कोरिया में हो रही लड़ाई के कारण भी देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो जाती है या फिर इंदिरा गांधी का दिया गया, गरीबी हटाओ का नारा याद दिलाते हुए बताना कि कांग्रेस ने देश से गरीबी तो कम नहीं की लेकिन 17 करोड़ गरीबों को लिस्ट से ज़रूर हटा दिया.  बहरहाल, प्रधानमंत्री के इन आरोपों और दावों के बाद ये सवाल उठता है कि 74 साल पहले आज़ाद हुए भारत से आज के भारत की तुलना करना कितना सही है?

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पश्चिमी यूपी में सब ठीक करने की कोशिश में जुटी भाजपा

किसान आन्दोलन के बाद यूपी चुनावों के सन्दर्भ में भविष्यवाणियों का दौर चला कि पश्चिमी यूपी में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है. बीजेपी ने इस लॉस को कवर करने के लिए अपने तमाम नेताओं के टिकट काटे. ताकि एन्टी इनकम्बेंसी का फैक्टर कुछ कम हो सके. लेकिन अब ऐसा कहा जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में सब कुछ ठीक करने की कोशिश में जुटी भाजपा की मुश्किल पूर्वांचल में बढ़ने जा रही है. दरअसल, पश्चिमी यूपी में भाजपा ने टिकट काटने की रणनीति, टिकट बंटवारे की स्ट्रेटजी जितनी मजबूती से फॉलो की , पूर्वांचल में इसका अभाव दिखा. फिर ॐ प्रकाश राजभर के ऐन वक्त पर सपा के साथ आने से पूर्वांचल के कुछ इलाके में बीजेपी और कमजोर बताई जा रही है. टिकट बंटवारे में अपना दल और निषाद पार्टी के गठबंधन से कुछ खुद के नेताओं के भी टिकट काटे पार्टी ने. तो उनकी नाराज़गी भी है. सो कुल मिला कर बीजेपी की राह जो एक समय पश्चिम के लिए जटिल बताई जा रही थी, अब वो कठिनाई पूर्वांचल की तरफ शिफ्ट हो गई है. तो इन बातों से सवाल ये उठता है कि पश्चिमी यूपी में जिस तरह बीजेपी ने एन्टीइनकम्बेंसी फैक्टर से बचने के लिए नेताओं के टिकट काटे, वो रणनीति पूर्वांचल में नहीं अपना सकी. तो इसको लेकर पूर्वांचल में एंटी ईनकम्बेंसी फैक्टर कितना असरदार दिख रहा है?

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चीन के विंटर ओलंपिक्स में पाकिस्तान ने हासिल की कूटनीतिक बढ़त? 

चीन के विंटर ओलंपिक्स की चर्चा खेलों की वजह से कम कूटनीतिक कारणों से ज़्यादा चल रही है. जहां भारत ने ओपनिंग और क्लोज़िंग सेरमनी के कूटनीतिक बहिष्कार का फ़ैसला लिया है, वहीं अमेरिका तो पहले से ही इस कोशिश में रहा कि अधिकतर देश इन खेलों में हिस्सा ना लें. खैर, पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का उत्साह अलग लेवल पर है. वो अपने उतने मंत्रियों के साथ बीजिंग पहुंचे हैं. पहुँचते ही उन्होंने शिनजियांग में उइगर मसले समेत तिब्बत, हॉन्गकॉन्ग, साउथ चाइना सी हर मुद्दे पर अपना समर्थन चीन को दे दिया. उम्मीद उन्हें बस यही है कि चीन किसी तरह भारत के ख़िलाफ़ पूरी तरह उनका साथ दे दे. इसी चाह में उन्होंने पुतिन से मिलने की भी जुगाड़ लगाई लेकिन रूसी विदेश मंत्रालय ने ऑफिशियली कहा था कि राष्ट्रपति सिवाय ज़िनपिंग के किसी से अलग मुलाक़ात नहीं करने वाले. खैर, चीन ने कश्मीर को लेकर बयान जारी किया है. कहा है कि वो कश्मीर मुद्दे को जटिल बनानेवाली किसी भी एकतरफ़ा कार्रवाई का विरोध करता है. तो इस मसले पर क्या ये माना जाए पाकिस्तान ने विंटर ओलंपिक्स के मौक़े पर पदक भले ना जीते हों लेकिन कूटनीतिक जीत हासिल की है? 

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कर्नाटक के हिजाब विवाद का क्या होगा कानूनी समाधान?

कर्नाटक में हिजाब विवाद पर राजनीति गरमाई हुई है. इसको लेकर सत्‍तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. बीजेपी का स्‍टैंड है कि यह धार्मिक प्रतीक है और शिक्षण संस्‍थानों और कॉलेजों में तय ड्रेस कोड का पालन किया जाना चाहिए. वहीं इसके उलट कांग्रेस ने मुस्लिम लड़कियों के हिज़ाब पहन कर क्लास करने का समर्थन किया है. मामला हाई कोर्ट में भी पहुंच गया है जिस पर आज सुनवाई होनी है. ऐसे में अब यहां ये समझना जरूरी है कि शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस को लेकर कानून क्या कहता है? क्या पहले भी इससे मिलता जुलता कोई विवाद कोर्ट पहुंचा है?

इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के इतिहास की अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ

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