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आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे- यूक्रेन की तबाही में लवीव क्यों है रूस की राह का रोड़ा? यूपी में क्यों दिख रहा केंद्र का ज़्यादा दख़ल? BSP को लेकर मायावती ने कौन से बड़े फ़ैसले किए? बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का क्या असर होगा?
आजतक रेडियो पर हम रोज लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’. जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की खबरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अखबारों की सुर्खियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे, लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन खबरों पर बात कर रहे हैं?
क्या योगी का बीजेपी में क़द नहीं बढ़ने देना चाहता केंद्र?
योगी आदित्यनाथ ने बीते शुक्रवार यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. बीजेपी के दोबारा चुनाव जीतने पर एक विमर्श शुरू हो चुका था कि अब योगी आदित्यनाथ का क़द पार्टी में और बड़ा होगा. कुछ लोग तो ऐसा भी दावा कर रहे हैं कि अब योगी मोदी के बाद पार्टी के चेहरे होंगे. लेकिन जिस तरह से चुनाव परिणाम के बाद केंद्र ने यूपी की जीत को अपने सिर पे सेहरे की तरह बांधा. अमित शाह ने जिस तरह शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय मंत्रियों के जुटान से लेकर सारी ज़िम्मेदारी अपने हाथ मे ले रखी था उसे देखकर कहा जा रहा है कि बीजेपी अभी भी योगी आदित्यनाथ को नम्बर 2 मानने के मूड में नहीं है. योगी आदित्यनाथ के बतौर मुख्यमंत्री दोबारा चुने जाने के बाद कहा गयाकि योगी आदित्यनाथ का अब मंत्रिमंडल चुनने में और पार्टी में निर्णायक भूमिका में दिखेंगे. लेकिन बीता शपथ ग्रहण समारोह और मंत्रिमंडल में शामिल चेहरे योगी के बढ़े क़द की गवाही नहीं दे रहे हैं. तो किस तरह से लगता है ऐसा कि योगी आदित्यनाथ ने भले दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हो लेकिन केंद्र, ख़ास कर मोदी और अमित शाह यूपी में दोबारा सरकार बनाने में अपनी भूमिका ज़ाहिर करने में हिचक नहीं रहे है? क्या मंत्रिमंडल में भी दिल्ली के पसंदीदा चेहरे ज्यादा शुमार किये गये हैं?
बसपा फिर खड़ी कर पाएंगी मायावती?
यूपी में ही चुनाव हारने के बाद बसपा और मायावती बड़े बदलाव के मूड में हैं. मायावती ने कल पार्टी के कई पदाधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही आजमगढ़ की जो सीत अखिलेश यादव के संसद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है, उसके लिए प्रत्याशी भी घोषित कर दिया.गुड्डू जमाली को आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में बसपा का प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया है. गुडडू इसके पहले AIMIM में थे. हाल ही में उन्होंने AIMIM छोड़ कर वापस बसपा जॉइन की है. कहा जा रहा है कि संगठन को लेकर भी कल मायावती ने बड़े फैसले किये हैं. तो क्या हैं ये फ़ैसले? और गुड्डू जमाली का राजनीतिक करियर कैसा रहा है अब तक जो पार्टी ने इतनी अहम सीट से इन्हें उतारा है?
लवीव पर क्यों बढ़े रूस के हमले?
रूस और यूक्रेन में चल रही जंग को महीने भर से ज्यादा बीत गए हैं. मारियुपोल और खारकीव इन दोनों शहरों को बर्बाद कर देने के बाद कल रूस ने दिन भर लवीव पर बम बरसाए. लबीव में सैन्य ठिकानों के अलावा कल थिएटर्स और अपार्टमेंट पर रूस हमले करता रहा. इन सब के बीच मारियुपोल में स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है. कल मारियुपोल के मेयर ने बताया है कि मारियुपोल से करीब ढाई लाख लोग पलायन कर चुके हैं और अभी भी 70 हजार लोग वहां फंसे हुए हैं. कल भी रूस ने वोलीन और खारकीव शहरों पर बम बरसाए हैं. और लबीव पर अब तक रूसी सेना के हमले जारी हैं. तो लवीव पर अचानक बढ़े रूसी हमलों की वजह क्या है?
क्या होगा बाइडेन के पुतिन को लेकर दिए बयान का असर?
रूस-यूक्रेन जंग के बीच पोलैंड दौरे पर पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि पुतिन जल्द ही सत्ता से बेदखल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि रूस ने खुद युद्ध चुना है और यह युद्ध एक दिन या एक महीने में खत्म नहीं हो सकता है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद रूस और यूक्रेन के बीच वार पलटवार का जो खेलचल रहा था अब अमेरिका की तरफ मुड़ गया है. सवाल ये है कि ऐसे समय मे जब अमेरिका युक्रेन की तरफ से अपनी सेना तक भेजने को तैयार नहीं है फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इतने आक्रामक बयान देने की ज़रूरत क्यों पड़ गई? क्या ये युद्ध एक बार फिर रूस बनाम यूक्रेन की बजाय रूस बनाम अमेरिका की तरफ जाता दिख रहा है?
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का क्या प्रभाव होगा?
अगर आज या कल आपको बैंक से जुड़ा काम है तो आपके लिए एक काम की ख़बर है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि 28 यानी आज और 29 मार्च को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहेंगी. दरअसल देशभर की बैंक यूनियन्स ने सरकार की कथित निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन हड़ताल करने का आह्वान किया है. जिसके बाद इन दो दिनों के लिए बैंक के बन्द रहने की बात कही जा रही है. आजतक रेडियो में हमारी सहयोगी ख़ुशबू इस बारे में और जानकारी लेकर आई हैं उनसे ही सुनते हैं. क्या है पूरी बात, किस बात की ये हड़ताल है और इस हड़ताल का असर कितना होगा?
इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
28 मार्च 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...