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आज का दिनः मंदी की ओर क्यों जा रही दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था?

अमेरिका में क्यों जताई जा रही है मंदी की आशंका? बाढ़ से असम को कितना नुकसान हो रहा है? क्यों भारत में बढ़ रहा हंगर रिस्क? यूक्रेनी सैनिकों ने क्यों किया सरेंडर?

जो बाइडेन (फाइल फोटो) जो बाइडेन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2022,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे - अमेरिका में क्यों जताई जा रही है मंदी की आशंका? बाढ़ से असम को कितना नुकसान हो रहा है? क्यों भारत में बढ़ रहा हंगर रिस्क? यूक्रेनी सैनिकों ने क्यों किया सरेंडर?

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

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अमेरिका में क्यों है मंदी की आशंका?

कोविड के आने से जो पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बिगड़ी तो अब तक सम्हल नहीं सकी. फिर इस पर  साढ़ेसाती साबित हुआ रूस यूक्रेन युद्ध  जिसने कई देशों की हालत और पतली कर दी। महंगाई का जो लेवेल है इस समय, उससे क्या विकसित और क्या विकासशील देश सब के सब प्रभावित हैं. और अब American multinational investment bank and financial services company, Goldman Sachs ने दावा किया है अब इसी का शिकार आर्थिक रूप से मजबूत देश अमेरिका भी हो हो सकता है. मौज़ूदा वक्त में अमेरिका में महंगाई तो बढ़ ही रही हैं , जीडीपी ग्रोथ भी कमजोर हुई है. हालत ये है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में मंदी आने के भी आसार जताए जा रहे हैं। इससे पहले कोरोना के पीक पर रहने के दौरान यानी साल 2020 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी झेलनी पड़ी थी लेकिन वो बेहद कम समय के लिए थी लेकिन अभी जो आसार जताए जा रहे हैं , वो निश्चित ही आने वाले समय में स्थिति के गंभीर होने का संकेत दे रहे हैं. तो अमेरिका की इकोनोमी पर मंडरा रहे इस मंदी के खतरे का कारण क्या है?

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असम में बाढ़ ने कितना नुकसान किया?

एक ओर जब देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री पार कर रहा है तो वहीं असम में मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने स्थिति ख़राब कर रखी है. राज्य के 20 जिलों में करीब दो लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. वहीं करीब 222 से ज्यादा गांव बाढ़ में घिर गए हैं. अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 33 हजार लोगों को सुरक्षित कैंप में पहुंचाया गया है.  दूसरी तरफ़ 15 मई से ही हाफलोंग श़हर की ओर जाने वाली सभी सड़कें और रेलवे लाइन बंद हैं. फिलहाल NDRF, सेना, SDRF के जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान में जुटे हुए हैं. तो वहां मौजूदा क्या स्थिति है वहां की और मौसम विभाग से मिल रही जानकारी के मुताबिक बारिश कब थम सकती है? कितना नुकसान हुआ है?

भारत में बढ़ेगी भुखमरी

International Food Policy Research Institute ने हाल ही में Global Food Policy Report जारी किया गया, जिसे मुताबिक 2030 तक भारत का हंगर रिस्क 23 फीसदी तक बढ़ सकता है, वहीं फूड प्रोडक्शन में 16 फीसदी की गिरावट भी आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 7 करोड़ 40 लाख लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं. वहीं जानकार बताते हैं कि वक्त के साथ-साथ हो सकता है ये आंकड़ा बढ़ कर 9 करोड़ हो जाए, साथ ही औसत कैलोरी खपत में भी गिरावट की संभावना बताई गई है. दूसरी तरफ दुनियाभर में 2050 तक 60 फीसदी तक फूड प्रोडक्शन में उछाल दर्ज होने की बात बताई गई है मगर इसके बावजूद कहा जा रहा है कि 50 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर होंगे. तो भारत में 2030 तक सात करोड़ से ज्यादा लोग हंगर रिस्क पर होंगे, इसका कारण क्या है? कौन-कौन से ऐसे प्वाइंट्स हैं जिन पर ध्यान देना होगा ताकि हंगर रिस्क से बचा जा सके?

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क्या यूक्रेनी सैनिकों ने टेक दिए घुटने?

एक रोज़ पहले ही ख़बर आई थी कि यूक्रेन की राजधानी कीव में रूस ने हमले कम कर दिए हैं, लेकिन कल ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मारियुपोल के स्टील प्लांट में छिपे 250 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों ने रूस के सामने सरेंडर कर दिया है. दरअसल, अज़ोवस्टल स्टील फैक्ट्री में फंसे घायल यूक्रेनी सैनिकों और विदेशी लड़ाकों को निकालने के लिए यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत चल रही थी. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'पिछले 24 घंटों में 51 घायल सैनिकों सहित 265 सैनिकों ने अपने हथियार डाल दिए. इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति का भी बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि वो शांति चाहते हैं. वहीं, इससे पहले यूनाइटेड किंगडम के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन की स्थिति पर एक अपडेट जारी किया था, जिसके मुताबिक फरवरी के बाद से रूसी सेना को काफी नुकसान हुआ है, जिस वजह से वो युद्ध में पिछड़ रहा है और अगले 30 दिनों में रूस की स्थिति बदलने की संभावना कम है. तो इस तरह की ख़बरों के बीच, यूक्रेनी सेना के मारियुपोल के स्टील प्लांट में, आत्मसमर्पण की कहानी क्या है?

इन ख़बरों पर विस्तार से चर्चा के अलावा ताज़ा हेडलाइंस, देश-विदेश के अख़बारों से सुर्खियां, आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.
 

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18 मई 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...

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