
आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज हम चर्चा करेंगे अफगानिस्तान की जहां तालिबान की सरकार बनने की क्या तैयारी चल रही है और क्या भारत को तालिबान को आतंकी संगठन मानना चाहिए या नहीं? इसके बाद बात करेंगे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है, तो चर्चा करेंगे कि गाय राजनीति का हिस्सा कैसे बनी? साथ ही फिरोजाबाद से ग्राउंड रिपोर्ट सुनवाएंगे जहां डेंगू-मलेरिया से बुरा हाल है.
आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
1. तालिबान को आतंकी संगठन मानें या नहीं?
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान, सरकार गठन की तैयारी में है लेकिन पंजशीर अभी भी तालिबान की गिरफ्त से बाहर है. अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद ने पंजशीर में अब भी प्रतिरोध जारी रख रखा है. लगातार झड़प हो रही है. उधर तालिबान ने अफगानिस्तान फतेह का जश्न मनाने के सिलसिले में कल विक्टरी परेड निकाली. और सरकार गठन को लेकर भी उन्होंने कई बातें की हैं जैसे उनका कहना है कि देश में महिलाओं को सशक्त बनाया जाएगा और वह भी पुरुषों की तरह काम कर सकेंगी. अब ये कितना उस ओर टिके रहते हैं, ये वक़्त बताएगा.
वहीं, तालिबान के प्रश्न पर भारत में भी कम उथल पुथल नहीं है. कतर में भारत और तालिबान के बीच हुई औपचारिक बातचीत के बाद तमाम विपक्षी नेता मुखर हैं. असदुद्दीन ओवैसी से लेकर प्रियंका गांधी तक सरकार के खिलाफ खेमा खोले बैठ गए हैं. प्रियंका ने तो यह तक कह डाला कि जिनके नाम पर सरकार ने जहर घोला अब उन्ही से दोस्ती कर ली. तो अब जबकि अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिक लौट चुके हैं, एक तरफ उनके लौटने के बाद पंजशीर में झड़पें बढ़ी हैं, दूसरी तरफ सरकार गठन की तैयारियां हैं.
ऐसे में, इन अ नटशेल अगर समझना चाहें तो अफगानिस्तान में क्या हो रहा है अभी और सरकार के गठन को लेकर क्या कुछ जानकारियां हमारे पास हैं? भारत में ये जो एक सवाल विपक्ष के कुछ नेताओं की ओर से पूछा जा रहा है कि सरकार बताए कि वे तालिबान को आतंकवादी संगठन मानते हैं या नहीं. इन बयानों को किस तरह एड्रेस किया जाना चाहिए?
2. गाय कैसे बनी राजनीति का हिस्सा?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान गाय को लेकर बड़ा ही इम्पोर्टेंट कॉमेंट किया है. कोर्ट ने कहा कि गौरक्षा को किसी भी धर्म से जोड़ने की जरूरत नहीं है. और केंद्र जल्दी ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने पर विचार करे. दरअसल पूरा मामला यूं था कि जावेद नाम के एक व्यक्ति ने गोहत्या रोकथाम अधिनियम के तहत उस पर दर्ज मुक़दमे को खारिज़ करने की याचिका डाली थी. मुकदमा तो खारिज़ नहीं हुआ पर जावेद की याचिका ज़रूर कोर्ट ने खारिज कर दी.
कोर्ट ने कहा, गाय तो इस देश की संस्कृति है, आप किसी भी धर्म के हैं, मैटर ही नहीं करता. गोरक्षा आपकी जिम्मेदारी है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया. बहरहाल, ये तो हुई कोर्ट की टिप्पणी और सुझाव लेकिन आख़िर भारतीय समाज और उससे भी बढ़कर राजनीति में गाय किस तरह दाख़िल होती है? इतिहास में पहली बार इसका ज़िक्र कब आता है? पुराने दौर नेताओं के विचारों को अगर समझें, गाय को ले कर, मसलन गांधी-नेहरू को, तो वे क्या सोचते रहे हैं?
3. फिरोजाबाद में कैसे हैं हाल?
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल फीवर तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. बच्चे बड़ी संख्या में बीमार होते जा रहे हैं. अस्पतालों में लगातार बच्चों की भर्ती हो रही है. आप ऐसे समझिये कि फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में करीब 200 मरीज इस परेशानी से लड़ रहे हैं. दावा है कि बच्चों के सही इलाज की खातिर शहर के मेडिकल कॉलेज को अच्छे से तैयार किया गया है. लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त क्या कहती है? किस तरह की परेशानी डॉक्टर्स को आ रही है?
4. चौथे टेस्ट में क्या होगी विराट की अप्रोच?
आज भारत और इंग्लैंड के बीच लंदन के 'द ओवल' स्टेडियम में चौथा टेस्ट मैच खेला जाएगा. पांच मैच की टेस्ट सीरीज में भारत-इंग्लैंड फिलहाल 1-1 से बराबर हैं. नॉटिंघम में बारिश के चलते पहला टेस्ट मैच दोनों टीम्स के बीच ड्रा रहा. जब भारतीय टीम दूसरे टेस्ट मैच के लिए लॉर्ड्स के मैदान पर पहुंची तो वहां इंग्लैंड पर 151 रन से जीत हासिल की. लेकिन लीड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में मेजबान इंग्लैंड टीम ने भारत को एक पारी और 76 रन से हरा दिया.
लेकिन द ओवल के मैदान पर भारतीय टीम ने कुल 13 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से पांच मुकाबलों में हार और 1 में जीत मिली है. तो वहीं 7 मुकाबले ड्रा हुए हैं. लेकिन मजेदार बात ये है कि ये एक जीत द ओवल पर भारत को 50 साल पहले यानी 1971 में मिली थी. वही हमने देखा भारतीय मिडल ऑर्डर पिछले मैच में रन बनाने में नाकाम रहा तो क्या ऐसे में टीम को एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज की जरूरत है और अगर जरूरत है तो ये बदलाव किसकी जगह होगा? और मैच के पहले दिन विराट एंड कंपनी की क्या अप्रोच होगी?