
‘आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे – भारत का बेहतर रिकवरी रेट ओमिक्रॉन की चिंताओं में कितनी बड़ी राहत? यूपी चुनाव में बीजेपी का चेहरा योगी या मोदी-शाह? ऑनलाइन शापिंग करने वालों के लिए क्या हैं RBI के नये नियम?
आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर जमशेद क़मर सिद्दीक़ी किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
ओमिक्रॉन की रिकवरी रेट से राहत?
दुनिया के तमाम देशों में ओमिक्रॉन का कहर जारी हैं। 35 से ज्यादा देशों में अब तक ओमिक्रॉन फैल चुका है और सबसे ज्यादा गंभीर हालात ब्रिटेन की बनी हुई है जहां रोज हज़ारों की तादाद में लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं. भारत में कल जो राहत भरी ख़बर निकल कर आयी, वो थी देश में ओमिक्रॉन के 104 मरीज़ों का रिकवर होना. तो सवाल खड़ा होता है कि जब भारत में लोग ओमिक्रॉन से रिकवर कर रहे हैं तो उस वक्त अमेरिका और ब्रिटेन में हालात बेकाबू क्यों होते जा रहे हैं. बता रहे हैं Gandhinagar के Indian Institute of Public Health के डॉयरेक्टर दिलीप मावलंकर
यूपी बीजेपी का चेहरा योगी या मोदी-शाह?
सत्ताधारी दल भाजपा ने तमाम योजनाएं, शिलान्यास और लोकार्पण का सिलसिला तेज़ कर दिया है. उत्तरप्रदेश में चुनावी अभियान शुरू करने से पहले भाजपा के इस चुनाव में चेहरे के तौर पर योगी को लेकर बड़ी कशमकश थी। और ये कश्मकश मिटी तब जब अमित शाह लखनऊ आ कर कह गए कि भाजपा योगी के ही चेहरे पर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने जा रही है. लेकिन इस समय भाजपा का चुनावी अभियान योगी से शिफ्ट हो कर फिर से मोदी के चेहरे पर जाता दिख रहा है. और बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से उत्तरप्रदेश में दौरे किये हैं. भाजपा की ये रणनीति और साफ हो गयी है. उत्तरप्रदेश के इस चुनाव में भाजपा का चुनावी अभियान का केंद्र किस तरह से प्रदेश से निकलकर दिल्ली जा पहुंचा है, बता रहे हैं आज तक रेडियो के हमारे सहयोगी सूरज कुमार
RBI के नए नियम
1 जनवरी आरबीआई नया नियम लाने जा रही है जिसके मुताबिक आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल्स कोई भी कंपनी अपने सर्वर पर, या अपनी साइट या ऐप पर स्टोर करके नहीं रख सकेगी. यानि कि हर बार खरीदारी करने के लिए या कोई भी पेमेंट करने के लिए आपको अपना कार्ड नंबर या उसकी पूरी डिटेल्स नए सिरे से भरनी पड़ेगी। अब क्योंकि भारत में एक बड़ा तबका डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है तो इसका असर इन सब पर पड़ेगा. आरबीआई को ये नियम लाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? वजह क्या है? बता रहे हैं सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र और फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी
24 दिसंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें...