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आज का दिन: किरण बेदी के पीछे कौन, क्यों चल रही थी खींचतान?

किरण बेदी की एलजी पद से विदाई के पीछे कौन हो सकता है और स्थानीय सरकार से उनकी खींचतान क्यों चल रही थी बता रहे हैं सीनियर जर्नलिस्ट डी सुरेश कुमार.

पुडुचेरी एलजी पद से हटाई गईं किरण बेदी (फाइल फोटो) पुडुचेरी एलजी पद से हटाई गईं किरण बेदी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

आने वाले महीनों में देश के पांच राज्यों के अंदर इलेक्शन होने हैं. पूरब में पश्चिम बंगाल और असम हो या फिर साउथ में केरल, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी. यही वजह है कि पॉलिटिकल गहमागहमी हाईट पर है. पश्चिम बंगाल, असम को लेकर हम बातचीत करते रहें हैं मगर आज बात पुड्डुचेरी की. अचानक ही इस छोटी सी जगह पर चीज़ें एक के बाद एक घटने लगी हैं. पहले तो कॉंग्रेस के कुछ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और सरकार अल्पमत में आ गई. फिर इसके कुछ ही घंटे बाद राष्ट्रपति कार्यालय से एक आदेश जारी हुआ जिसके अनुसार राष्ट्रपति ने निर्देश दिया कि डॉ किरण बेदी अब पुडुचेरी की उपराज्यपाल नहीं रहेंगी. तेलंगाना की राज्यपाल डॉ  सुंदरराजन को पुडुचेरी का कामकाज देखने के लिए कहा गया है. तो किरण बेदी की एलजी पद से विदाई के पीछे कौन हो सकता है और स्थानीय सरकार से उनकी खींचतान क्यों चल रही थी बता रहे हैं सीनियर जर्नलिस्ट डी सुरेश कुमार.

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पहले कोरोना वायरस का एक रूप ही दुनियाभर के लिए परेशानी का सबब बना, अब इसके नए नए रूप नए सिरे से परेशानी खड़ी कर रहे हैं. पहले तो कोरोना का यूके स्ट्रेन आया जो 82 देशों में फैल चुका है और भारत में इससे  187 लोग इंफेक्टेड पाए गए है, फिर साउथ अफ्रीका स्ट्रेन और अब ब्राज़ीलियन स्ट्रेन. आज बात इसलिए हो रही है क्योंकि यूके के नए स्ट्रेन के बाद साउथ अफ्रीका और ब्राजील वाले स्ट्रेन ने भी भारत में एंट्री पा ली है. इंडियन सेंटर फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि साउथ अफ्रीका से यहां लौटने वाले 4 लोगों में इस स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. तो सवाल है कि अब भारत की तैयारी इस नए हमले के खिलाफ क्या है. बता रहे हैं पब्लिक हेल्थ सिस्टम के विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्र कांत लहरिया. 

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टूल किट केस में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है और दिशा के खिलाफ दर्ज मामले की कॉपी मांगी है. आयोग ने ये सवाल भी पूछा है कि क्या दिशा की गिरफ्तारी के दौरान जो तय प्रोसीजर हैं उनका पालन किया गया था? साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसे कोर्ट में अपीयर होने से पहले पसंद का वकील भी नहीं मुहैया करवाया गया था. दिशा को जानने वाले कई एक्टिविस्ट्स ने ये दावा किया कि गिरफ्तारी के दौरान उसके माता-पिता को भी ये जानकारी नहीं दी गई थी कि उसे कहां ले जाया जा रहा है. उधर बाकी दो आरोपियों में से एक शांतनु को ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिली है पर निकिता जैकब को इंतज़ार है. पूरी जानकारी दे रही हैं आजतक रेडियो रिपोर्टर विद्या.

दुनिया के अलग-अलग देशों में भारतीय समुदाय के लोगों की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है लेकिन जब एक रिपोर्ट के हवाले से आपको ये पता चलता है कि दुनिया के करीब 15 देशों में 200 भारतीय मूल के लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी अहम पद पर तैनात हैं और इनमें अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे ताकतवर देशों के अहम पद भी शामिल हैं, तो आपके चेहरे पर हल्की सी खुशी की लहर तो दौड़ती ही है.. है ना? तो क्या है इस रिपोर्ट में, और इसे किसने बनाया.. हमारे साथी कुमार केशव बता रहे हैं…

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