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आज का दिन: बक्सर में एंबुलेंस का चार बार उद्घाटन, तौकते के लिए कितनी तैयार है सरकार?

केंद्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बक्सर में पांच एंबुलेंस का उद्घाटन किया. जब जांच पड़ताल कि गई तब पता चला की ये पहली दफ़ा नहीं है जब इन पांचों एंबुलेंस का उद्घाटन किया गया हो बल्कि इससे पहले चार बार और भी इनका उद्घाटन हो चुका है.

इसी एंबुलेंस को चार बार उद्घाटन हो चुका है इसी एंबुलेंस को चार बार उद्घाटन हो चुका है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

पिछले 24 घंटो में देश में 3 लाख से ज्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं. सरकारें सब कुछ कंट्रोल में होने का दावा कर रही हैं लेकिन ज़मीन पर ऐसा होता दिखाई नहीं पड़ता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकारों के साथ बैठक में वैक्सीनेशसन को गति देने की बात करते हैं ताकि तीसरी लहर को रोका जा सके. भारत सरकार भी  दावा भी कर रही है कि जुलाई तक 51.6  करोड़ वैक्सीन के डोज़ भारत में उपलब्ध होंगे. लेकिन गांवों में कोरोना के निपटने के लिए सरकार के पास के ठोस प्लान नहीं है. स्वास्थ्य समस्याएं चरमराई हुई हैं. एक मामला बिहार के सारण के अकिलपुर पंचायत का ही ले लीजिए यहां 25 हजार की आबादी के लिए एक उप स्वास्थ्य केंद्र है और वो भी एक मकान में चल रहा है और न तो उसमें मेज कुर्सी, बेड हैं और न डॉक्टर. और ऐसी हालत देश में ग्रामीण स्तर पर कई जगह है. हमारी इंडिया टुडे की data inteligence unit ने गांवों की मेडिकल रियेलिटी पर एक रिपोर्ट तैयार की जिसमें बताया गया कि 64 फीसदी से ज्यादा आबादी देश कि गांवों में रहती है लेकिन बात जब health infrastructure की आती है तो भारत का कुल 30 फीसदी health infrastructure भी गांवों में दिखाई  नहीं देता.

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देश में कोरोना के रोज़ाना मामलों में गिरावट आ रही है, स्वास्थ मंत्रालय भी कह रहा है कि कोरोना का पॉजिटिविटी रेट अब 20 फीसदी के भी नीचे आ गया है.  जो लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं उनके अंदर एंटीबॉडीज़ बन रही हैं लेकिन कोरोना से ठीक होने के बाद भी समस्याएं कम नहीं है. पोस्ट कोविड भी कई स्वास्थ्य समस्याएं लोगों में देखने को मिल रही हैं जैसे म्यूकोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस या इरेक्सटाइल डिस्फंक्शन. बच्चों के लिए कहा जा रहा है कि कोरोना का असर उन पर बहुत ज्यादा नहीं होता है लेकिन दूसरी लहर में उन पर भी असर देखा जा रहा है और कई केस ऐसे सामने आए हैं जहां बच्चों में कोरोना ठीक होने के बाद,  टेस्ट नेगेटिव आने के बाद MIS-C के लक्षण देखे जा रहे हैं.  MIS-C यानी की  multisystem inflammatory syndrome in Children. Adults में भी ये समस्या होती है जिसे MIS-A कहते हैं. तो ये समस्या उन एंटीबॉडीज़ की वजह से हो रही जो बच्चों में डिवेलप हुई हैं. इसमें बच्चों की किडनी, हार्ट, लंग्स डेमेज़ का खतरा बना रहता है. ये कोई बीमारी नहीं है लेकिन एक स्वास्थ्य समस्या है. . लेकिन इसमें एक मोड़ तब आया जब  गुजरात के  Akanksha Hospital and Research Institute से एक मामला आया, यहां एक नवजात जन्मा बच्चा, MIS-C से ग्रसित पाया गया .जब बच्चे और उसकी मां का आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया तो दोनों निगेटिव आएं, जिसके बाद Akanksha Hospital and Research Institute के डॉक्टरों ने ये अनुमान लगाया कि बच्चे की मां में कोरोना के asymptomatic symptoms ज़रूर रहे होंगे जिस कारण उनमें कोरोना के खिलाफ antibody बनी और वही एंटीबॉडी अब बच्चे में पाया गया है जो बच्चे में साइड इफैक्ट कर के MIS-C का रूप ले रहे हैं. तो क्या है MIS-C और  Akanksha Hospital and Research Institute के किए इस दावे के क्या मायने हैं? और इसका इलाज क्या है?

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तौकते तूफान ने दस्तक दे दी है, इसे लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है. कल, सुबह ये कर्नाटक और गोवा के तटीय इलाकों में रविवार को तबाही मचाने के बाद चक्रवात ‘तौकते’ उत्तर में गुजरात की ओर बढ़ गया. कर्नाटक में तो चक्रवात के कारण हुई घटनाओं की चपेट में आकर 4 लोगों की मौत हो गई.कड़ों घरों का नुकसान पहुंचा और बिजली के खंभे और पेड़ उखड़ गए. लोगों को घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई. Indian Meteorological Department की माने तो तौकते मुंबई, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड से होकर भी गुज़रने वाला है. तो कल उठे Tauktae तूफान कि स्थिती को देखते हुए राज्य सरकारे किस तरह कि तैयारी कर रही हैं?

राजनीति में लीपा पोती की पुरानी परंपरा है. सरकारें आती हैं तो कई बार पिछली सरकार की योजनाओं को फिर नए नाम या उसमें थोड़ा बहुत इधर उधर करके फिर से रिलॉन्च कर देती हैं. दिखाया ऐसे जाता है कि जैसे ये उनकी अपनी शुरु की गई योजना है. कहा जाता है न कि नई बोतल में पुरानी शराब. कई बार ऐसा होता है कि बोतलें बदलती रहती हैं लेबल बदलता रहता है उसमें शराब वही रहती है. बिहार में भी यही हो रहा है. यहां  केंद्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री और बिहार के बक्सर से सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे की मौजूदगी में बक्सर में पांच ambulance का उद्घाटन किया.  जब जांच पड़ताल कि गई तब पता चला की ये पहली दफ़ा नहीं है जब इन पांचों ambulance  का उद्घाटन किया गया हो बल्कि इससे पहले चार बार और भी इनका उद्घाटन हो चुका है. महामारी के समाने जब स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भूशायी हो गई हैं उधर जनता की आंख में धूल झोंककर ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि अजी देखिए सरकार तो कितना कर रही है. ख़ैर इस प्रकरण की जब कलई खुली तो इसे लेकर विपक्ष बिहार सरकार पर हावी हो गया है. सुनिए ग्राउंड से ये रिपोर्ट, एनालिसिस के अलावा देश दुनिया के अख़बारों से सुर्खियां और आज के दिन की इतिहास में अहमियत. अमन गुप्ता के साथ 'आज का दिन' में

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