Advertisement

आज का दिन: भारत में कब से मिलने लगेगी रूस की स्पूतनिक कोरोना वैक्सीन?

'आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे कि स्पूतनिक कब से मिलने लगेगी और उसका असर कितना है, रूस-पाक की बढ़ी करीबी से भारत कैसे निपटेगा, इकोनॉमी के किस आंकड़े ने दी टेंशन और प्रशांत किशोर के दिल मे क्या है.

स्पूतनिक वैक्सीन स्पूतनिक वैक्सीन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:25 AM IST

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर नितिन ठाकुर किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

Advertisement

स्पूतनिक कितनी असरदार?

सप्लाई-डिमांड को बराबर करने के लिए अब स्पूतनिक को भी मैदान में उतारा जा रहा है. औपचारिक घोषणा होना बाक़ी है लेकिन हमने सोचा कि बताया जाए इसका असर कैसा है. हमारी सहयोगी स्नेहा मोरदानी ने बताया कि वैक्सीन आने का प्रोसेस क्या रहेगा, असर और साइड इफेक्ट्स के मामले में ये कहां ठहरती है.

प्रशांत किशोर के दिल में क्या है?

पीके ने बहुत चुनाव लड़वाए हैं और फ़िलहाल उनकी मसरूफियत बंगाल-तमिलनाडु में हैं. कई लोगों के दिलों में सवाल है कि वो इसके बाद क्या करनेवाले हैं. उनकी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा क्या है. आज के पॉडकास्ट में सुनिए उनसे ख़ास बातचीत का दिलचस्प हिस्सा.

रूस-पाक की करीबी का तोड़ क्या? 

अचानक ही रूस और पाकिस्तान क़रीब दिखने लगे हैं. चीन से तो पाकिस्तान पहले ही नज़दीक है और चीन के प्रति भी रूस नरम पड़ा है. कुल मिलाकर तिकड़ी बनकर उभर रही है. भारत को तीनों से अपने रिश्ते भी संतुलित रखने हैं और तीनों का मिलकर सामना भी करना है. अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विद्वान हर्ष पंत इन नए बनते समीकरणों पर क्या कह रहे हैं वो सुनिए.

Advertisement

सरकारी आंकड़ा टेंशन क्यों दे रहा है?

इकोनॉमी के बिना हर बात अधूरी है, ख़ासकर कोरोना काल में हर किसी की नज़र अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पर टिकी है. सांख्यिकी मंत्रालय ने आँकड़े जारी करके बताया है कि मार्च में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.52% हो गई है. फरवरी में औद्योगिक उत्पादन दर घटकर -3.6% रह गई. इंडिया टुडे हिंदी पत्रिका के संपादक अंशुमान तिवारी सरल भाषा में समझा रहे हैं कि इन आँकड़ों का असर हम और आप पर क्या होगा?

इसके अलावा आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है वो भी सुनिए और साथ में देश-विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी.

आज का दिन सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement