Advertisement

आज का दिन: प्राइवेट अस्पतालों में क्यों बर्बाद हो रही है कोरोना वैक्सीन?

प्राइवेट अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन को लेकर आए दिन खबरें आती रहती हैं कि प्राइवेट में वैक्सीन ज्यादा है और सरकारी में एक डोज के लिए चार दिन तक घूमना पड़ता है. सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए भारत में बनी सभी कोविड -19 वैक्सीन डोज का 25 प्रतिशत रिज़र्व्ड किया है.

देश में तेजी से जारी है मिशन वैक्सीनेशन (तस्वीर-PTI) देश में तेजी से जारी है मिशन वैक्सीनेशन (तस्वीर-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:37 AM IST

भारत में जो दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है उसमें से सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रही है Covisheild. कोविशील्ड वैक्सीन पर कई बार रिसर्च हो चुकी हैं उसकी इफ़ेक्टिवनेस को लेकर. लेकिन अब इस वैक्सीन की बहुत बड़े स्तर पर स्टडी की गई है आर्म्ड फोर्सेज की तरफ से. जिसमें हेल्थकेयर वर्कर  और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल थे और पता चला है कि कोविशील्ड वैक्सीन लगाने के बाद इन्फेक्शन में 93 फीसदी की कमी हुई है.

स स्टडी को इतनी अहमियत दी जा रही है क्योंकि सैंपल साइज 1.59 मिलियन यानि क़रीब 15 लाख 90 हज़ार है जो अब तक सबसे बड़ा सैंपल साइज है. तो ऐसे में इसकी फ़ाइंडिग्स कहीं ज़्यादा भरोसे के क़ाबिल हो जाती हैं लेकिन इसी के साथ एक खबर ये भी है की कोविशील्ड वैक्सीन प्राइवेट अस्पताल में पड़े पड़े बर्बाद भी हो रही है. सिर्फ यही वैक्सीन नहीं बल्कि covaxin भी.

इवेट अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन को लेकर आए दिन खबरें आती रहती हैं कि प्राइवेट में वैक्सीन ज्यादा है और सरकारी में एक डोज के लिए चार दिन तक घूमना पड़ता है. सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए भारत में बनी सभी कोविड -19 वैक्सीन डोज का 25 प्रतिशत रिज़र्व्ड किया है. हालांकि, पिछले 2.5 महीनों में, प्राइवेट अस्पतालों ने 7 फीसदी से भी कम का वैक्सिनेशन किया है. ऐसा हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से बयान आया है. अब ऐसा तो नहीं है कि प्राइवेट अस्पतालों को इंटरेस्ट नहीं रह गया है वैक्सिनेशन लगाने में. या कोई और वजह है. प्राइवेट हॉस्पिटल को जो 25 फ़ीसदी का रिजर्वेशन मिला है उसे फिर से एलोकेशन स्ट्रेटजी में बदलाव करने की ज़रूरत है?

Advertisement

 मेडिकल कोर्सेज में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को आरक्षण देने की मांग बहुत पहले से ही की जा रही थी, लेकिन वह लटका पड़ा था. गुरूवार को उसी के मद्देनजर यह फैसला आया कि अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट मेडिकल या डेंटल कोर्स के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी को अब से 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस कोटे वालों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. लेकिन इसमें इतना देर क्यों लगी और कहां अटका था पूरा मामला और ये कितना बड़ा फैसला है और इसके राजनीतिक मायने क्या है?

1 अगस्त से देश में कई नियम बदलने वाले हैं. हमेशा की तरह ज्यादातर बदलाव बैंकिंग सेक्टर, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन से जुड़े हैं. नए नियमों के मुताबिक, ATM से बार-बार पैसा निकालने के लिए लोगों को जेब ढीली करनी पड़ सकती है. बैंक चार्जेज के मामले में ICICI बैंकों के ग्राहकों के लिए नियम ज्यादा बदल गए हैं. हालांकि एक खुशखबरी ये है कि अब बैंक हॉलिडे पर भी लोगों को सैलरी, पेंशन वगैरह का पेमेंट किया जा सकेगा.

Advertisement

इन सब ख़बरों पर विस्तार से बात के अलावा हेडलाइंस और आज के दिन की इतिहास में अहमियत सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

30 जुलाई 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement