
केंद्र के कृषि कानूनों को लेकर किसानों में जो भी गुस्सा था वो थमा नहीं है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेसी मुख्ममंत्रियों को एक निर्देश दिया है. उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों से ऐसी कानूनी संभावना तलाशने के लिए कहा है जिससे किसानों को नए कानून से बचाया जा सके. तो जिन कानूनी रास्तों को कांग्रेस तलाश रही है वो क्या हैं? इनके कामयाब होने के चांस कितने हैं और इस राह में क्या-क्या रोड़े हैं? बता रहे हैं हमारे सहयोगी आनंद पटेल.
पांच महीने से ज़्यादा बीत गए हैं लेकिन भारत-चीन सरहद पर तनाव का पारा अब भी नहीं लुढ़का. भारत ने एलएसी पर निर्भय क्रूज मिसाइल भी तैनात कर दी हैं. ये मिसाइल ऐसी हैं कि तिब्बत में चीन के ठिकानों पर भी हमला करने में सक्षम हैं. इससे पहले भारत टी-90 को भी LAC पर तैनात कर चुका है. क्या है निर्भय क्रूज मिसाइल और भारत चीन का मसला अब किस ओर जाता दिख रहा है, यही समझने के लिए हमने बात की मेजर जनरल (रिटायर्ड) शशि अस्थाना से. शशि अस्थाना The United Service Institution of India के चीफ इंस्ट्रक्टर हैं और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े रहे हैं. वो बता रहे हैं कि निर्भय क्रूज मिसाइल और T90 टैंक में कितना दम है और क्यों पीछे ना हटना चीन की मजबूरी बन गई है.
और बिहार चुनाव की बात भी सुनिए. अगले महीने की एक तारीख से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी लेकिन मुख्य पार्टियों के बीच अभी तक गठबंधन की तस्वीर साफ नहीं है. ऐसे में राज्य में एक तीसरा मोर्चा बनता देख रहा है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की सियासी विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानि एसडीपीआई बिहार में किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतर रही है. एसडीपीआई बिहार में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की अगुवाई में बनने वाले प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस यानि पीडीए का हिस्सा है, इसमें दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की पार्टी बीएमपी भी शामिल है. तो इस तरह पप्पू यादव ने तीन छोटी पार्टियों को एक साथ लाकर बिहार में दलित-मुस्लिम-यादव वोटों का समीकरण बनाने की कवायद की है. बिहार में चुनाव से ठीक पहले बन रहे इसी तीसरे मोर्चे के दमखम को समझने के लिए हमने बात की हमारे सहयोगी कुबूल अहमद से, जो लगातार बिहार की सियासी हलचल पर नज़र रखे हुए हैं.
और ये भी जानिए कि 29 सितंबर की तारीख इतिहास के लिहाज़ से अहम क्यों है.. क्या घटनाएं इस दिन घटी थीं. अख़बारों का हाल भी पांच मिनटों में सुनिए और खुद को अप टू डेट कीजिए. इतना कुछ महज़ आधे घंटे के न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में नितिन ठाकुर के साथ.