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आज का दिन: इशरत जहां एनकाउंटर केस में कोर्ट ने आरोपियों को क्यों बरी किया?

अहमदाबाद में पुलिस एनकाउंटर में इशरत जहां, जावेद शेख, अमजद राम और जीशान जौहर मारे गए थे. आज इस केस को शुरू से समझेंगे कब कब क्या हुआ. लेकिन सबसे पहले यही जानेंगे कि कोर्ट ने इन आरोपियों को क्यों बरी किया.

इशरत जहां एनकाउंटर केस इशरत जहां एनकाउंटर केस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 8:41 AM IST

15 जून, 2004 की तारीख़ याद करिए. अक्सर इसी चर्चा होती रहती है. इस दिन अहमदाबाद में पुलिस एनकाउंटर में इशरत जहां, जावेद शेख, अमजद राम और जीशान जौहर मारे गए थे. कहा जाता है ये चारों ही लोग आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और इनका इरादा था गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या. इस एनकाउंटर को लेकर खूब विवाद हुआ कि ये फे़क एनकाउंटर था. इसमें भी सबसे ज्यादा बात होती है मुंबई के पास मुम्ब्रा की रहने वाली 19 साल की लड़की इशरत जहां की. अब एक बार फिर से ये केस सुर्ख़ियों में है. कल CBI कोर्ट ने क्राइम ब्रांच के दो पूर्व आरोपी अधिकारियों गिरीश सिंघल, तरुण बारोट और मौजूदा एसआई अनाजू चौधरी को बरी कर दिया है. आज इस केस को शुरू से समझेंगे कब कब क्या हुआ. लेकिन सबसे पहले  यही जानेंगे कि कोर्ट ने इन आरोपियों को क्यों बरी किया.

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 देश की राजधानी के मौसम का तापमान नए रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है अब कल ही आपको हमने बताया था की पिछले 76 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है हीट वेव ने तो वहीं ये भी अनुमान है की तापमान इस पर 45 के पार जाने वाला है. खैर ये तो गर्मी ने बेहाल किया है लेकिन दिल्ली के मच्छर भी कम नहीं है. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से आम लोगों की परेशानी डबल हो गयी है. दिल्ली वाले समझ रहे होंगे कि इस बार मच्छर कितनी बड़ी समस्या हैं. लेकिन दिल्ली में मच्छरों पर सियासत भी अपने चरम पर है. जी ! दिल्ली की आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच मच्छरों को लेकर तू तू मैं मैं हो रही है. मच्छरों के बढ़ने के लिए बीजेपी आम आदमी पार्टी को घेर रही है तो आम आदमी पार्टी कई दलीलें देकर इसका जवाब दे रही है.

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आजकल एक बड़ा ही कॉमन फ्रेज़ है कि डेटा इज़ द न्यू ऑयल, तेल एक समय में सबसे इंपोर्टेंट संसाधन हुआ करता था वैसे ही आज डेटा भी उतना ही इंपोर्टेंट है. डेटा से मतलब आपकी जानकारी, आपके बारे में हर वो एक चीज़ जो आपने सोशल मीडिया पर डाल रखी हो, आपकी पसंद, ना पसंदीदा चीज़े, सब कुछ. अब आजकल फेसबुक, इंस्टा पर कौन नहीं है, आप वहां हैं मतलब आपका डेटा भी वहां है और आपके डेटा पर आपका पूरा अधिकार है वो डेटा राइट्स आपके मानव अधिकार में से एक हैं. लेकिन कई बार ऐसी खबरें आती हैं कि फेसबुक आपके डेटा के साथ खिलवाड़ कर रहा है. हाल ही में फेसबुक ने अपनी नई ह्यूमन राइट्स पॉलिसी पेश की है, जिसमें मानवाधिकार रक्षकों का समर्थन करने के लिए सभी सोशल नेटवर्क शामिल हैं. इस नई पॉलिसी का निर्धारण ह्यूमन राइट्स स्टेंडर्ड्ज के आधार पर किया गया है. फेसबुक द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करने का प्रयास किया जाएगा, जिसमें संयुक्त राष्ट्र मार्गदर्शक सिद्धांत व्यापार और मानवाधिकार भी शामिल है. तो क्या है ये पॉलिसी और फेसबुक तो ऐसी पॉलिसी पहले भी ला चुका है तो इस नई पॉलिसी में क्या अलग है और ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन में फेसबुक का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है तो क्या इस नई पॉलिसी में वाक़ई कुछ ऐसा है जो इस समस्या को फिक्स कर सकता है?

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कोरोना महामारी की वजह से तमाम खबरें ऐसी आ रही है जो हैरान करती हैं परेशान करती हैं. सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर इस संकट में कितनी चीज़ें गर्त में जाएंगी. अर्थव्यवस्था का हाल आपको पता है, बेरोजगारी महंगाई की मार किसी से छुपी नहीं है. अब एक खबर आपको ये बताते हैं. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने जेंडर गैप इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महिलाओं और पुरुषों के बीच पहले के मुकाबले भेद बढ़ा है. जिसमें 156 देशों की सूची में भारत का 140वां स्थान है और दक्षिण एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला तीसरा देश है. बताइए हम लोग 21वी सदी में बढ़ रहे है, महिला पुरुष की बराबरी की बात करते हैं और यहां ये रिपोर्ट कुछ और सच्चाई बता रही है.

इन ख़बरों पर विस्तार से बात के अलावा, देश दुनिया के अख़बारों से सुर्खि़यां होंगी और बताएंगे आज के दिन की इतिहास में अहमियत, सुनिए 'आज का दिन' अमन गुप्ता के साथ

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