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पैकिंग देखने में बिल्कुल असली, अंदर घी का 0.1 फीसदी भी अंश नहीं... फेस्टिव सीजन में हो जाएं सावधान

हमारी टीम ने इस नकली घी के सैम्पल्स को दिल्ली की एक लैब में जांच के लिए भेजा और इसकी जांच में पता चला है कि इस नकली घी में घी की 0.1 पर्सेंट भी मात्रा नहीं है. ये घी असल में घी है ही नहीं, और इसे नकली घी कहना भी गलत होगा. नकली घी का मतलब उस घी से होता है, जिसमें असली घी का भी कुछ अंश होता है और बाकी इसमें मिलावट की जाती है.

बाजार में नकली घी की जमकर बिक्री हो रही है बाजार में नकली घी की जमकर बिक्री हो रही है
आजतक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

हमारे देश में सिर्फ दिवाली के समय 2 लाख किलोग्राम घी का इस्तेमाल होता है और इस समय बाज़ारों में घी खरीदने के होड़ मची हुई है, ऐसे में कुछ लोग मिलावटी घी भी बेच रहे हैं. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है कि कहीं आप नकली घी तो नहीं खा रहे हैं? आजतक ने एक-एक लीटर घी के दो डिब्बों की जांच की. इन दोनों डिब्बों पर अमूल कम्पनी का नाम लिखा है, इन दोनों डिब्बों पर ही शुद्ध देसी घी लिखा है, दोनों डिब्बों पर इसे असली घी बताया गया है और दोनों डिब्बों पर QR कोड अंकित हैं. बाज़ार में जब आप घी खरीदने जाते हैं, तो वहां ये दोनों डिब्बे नहीं होते, तो हो सकता है कि आप नकली घी खरीदकर अपने घर ले आएं.

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कितना खतरनाक है नकली घी?

सबसे पहले आप ये जानिए कि नकली घी कितना खतरनाक हो सकता है? हमारी टीम ने इस नकली घी के सैम्पल्स को दिल्ली की एक लैब में जांच के लिए भेजा और इसकी जांच में पता चला है कि इस नकली घी में घी की 0.1 पर्सेंट भी मात्रा नहीं है. ये घी असल में घी है ही नहीं, और इसे नकली घी कहना भी गलत होगा. नकली घी का मतलब उस घी से होता है, जिसमें असली घी का भी कुछ अंश होता है और बाकी इसमें मिलावट की जाती है, लेकिन इस लैब रिपोर्ट के मुताबिक अमूल कम्पनी के नाम से बेचे जा रहे इस नकली घी में घी का अंश तो बिल्कुल भी नहीं है. 

कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं नकली घी से

जो असली घी होता है उसमें Hydro-Genated Fat नहीं होता. लेकिन इस नकली में इस FAT के कुछ अंश मिले हैं और ये FAT दिल के मरीजों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है और ये TRANS FAT है, जिससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा शुद्ध देसी घी में Vegetagle Fat भी नहीं होता, लेकिन इस नकली घी में भी इस Vegetagle Fat के होने की पुष्टि हुई है और ये वो Vegetagle Fat है, जिससे ह्रदय रोग हो सकता है और TYPE-2 डायबिटीज़ की भी बीमारी हो सकती है.

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इसके अलावा जांच में ये भी पता चला कि असली घी में Myristic Acid और Stearic Acid जैसे तत्व जरूर होते हैं और ये तत्व अगर किसी घी में ना हो, वो घी नहीं हो सकता. इस घी में भी ये दोनों तत्व नहीं मिले हैं, जिससे ये पता चलता है कि ये असल में नकली घी भी नहीं है. 

क्या है अमूल कम्पनी का कहना?

अमूल कम्पनी का कहना है कि ये घी जिस डिब्बे में बेचा जा रहा है, वो डिब्बे तीन साल पहले इस्तेमाल होते थे, नकली घी से लोगों को बचाने के लिए अमूल कम्पनी ने असली घी की पैकेजिंग को बदल दिया, लेकिन इसका गोरखधंधा करने वाले लोग इतने चालाक हैं कि उन्होंने पुराने डिब्बे में चिकनाई और दूसरी चीजों को असली घी की केमिकल वाली सुगंध के साथ बेचना शुरू कर दिया. बता दें कि इस समय भारत के बाज़ारों में जो पैकेट बंद घी बिक रहा है, उसमें अकेले अमूल कम्पनी के घी की हिस्सेदारी 20 पर्सेंट है. 

कितना है भारत में घी का बाजार?

हाथरस में नकली घी की कीमत- 240-260 रुपये प्रति किलो है, जबकि स्टैंडर्ड देसी घी की कीमत- 500-700 रुपये प्रति किलो है. भारत में घी का बाजार- 3.32 लाख करोड़ रुपये (वर्ष 2023) था, जबकि 2032 तक घी का बाजार- 6.9 लाख करोड़ रुपये होगा.

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आजतक ने किया स्टिंग ऑपरेशन

हमारी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) दिल्ली से खुदरा दुकानदार के रूप में उत्तर प्रदेश के हाथरस पहुंची और हमारी मुलाकात घी के एक बड़े सप्लायर विष्णु वार्ष्णेय से हुई. हमने त्योहार को देखते हुए बड़ी मात्रा में घी खरीदने की डिमांड रखी, उसने हमें भरोसा दिया कि वो ब्रांडेड कंपनियों के नकली डिब्बों में हमारे लिए घी पैक कर सकता है. सप्लायर विष्णु वार्ष्णेय हमें एक बड़ी नामी कंपनी की पैकिंग वाला घी 240 रुपये किलो में देने के लिए तैयार हो गया, जबकि उस कंपनी का स्टैंडर्ड घी आमतौर पर 600 रुपये किलो में मिलता है.

नकली घी में असली घी जैसी खुशबू

विष्णु ने हमें ये बताने से इनकार कर दिया कि वो ये घी कैसे और कहां बनाता है, लेकिन वो अपने घर के अंदर गया और हमें दिखाने के लिए एक सैंपल लेकर आ गया. विष्णु ने हमें जो सैंपल दिखाया, वो दिखने में घी जैसा था, उसकी खुशबू भी असली घी जैसी थी, लेकिन असल में ये वनस्पति तेल और रिफाइंड तेल का मिश्रण था, जिसमें घी के Essence मिलाए गए थे. हमने उसे ये दिखाने की कोशिश की कि हमें उसके घी का सैंपल अच्छा लगा. इसके बाद उसने अपने घी को पैक करने के लिए अमूल के नकली डिब्बे दिखाए. हमने ये भी पूछा कि क्या उसके पास दूसरे ब्रांड के भी डिब्बे हैं, उसने कहा कि फिलहाल नहीं हैं, लेकिन व्यवस्था हो जाएगी.

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पूजा वाला घी भी नकली

हाथरस में ब्रांडेड डिब्बों में नकली घी पैक किया जा रहा है. इसके बाद हमारी टीम ने हिडन कैमरे से घी बनाने वाले एक और व्यक्ति को पकड़ा, जो पूजा के लिए अपने ब्रांड का घी बनाता है और इसे पूजा सामग्री के नाम से बेचता है, लेकिन वास्तव में इसमें होता क्या है, इसे आप ऐसे समझ सकते हैं. हिन्दुओं के लिए घी के दीये के बड़ा महत्व है. चाहे वो नवरात्रि हो, दीपावली हो, या कोई दूसरा शुभ अवसर. लेकिन कभी आपने सोचा है कि क्या बाजार के 'पूजा वाले घी' में असली घी होता भी है या नहीं? इसके लिए मेहुल खंडेलवाल से बात की. जो हाथरस में पूजा सामग्री बनाने वाली एक फैक्ट्री के मालिक हैं. मेहुल खंडेलवाल ने दावा किया कि वो पूजा में इस्तेमाल होने वाला कई तरह का घी बनाते हैं, पर किसी ब्रैंड के नाम पर डुप्लीकेट प्रोडक्ट नहीं बेचते.

पैकेजिंग में स्पेलिंग का अंतर 

मेहुल खंडेलवाल ने ब्रांडेड कंपनियों जैसी दिखने वाली पैकेजिंग में घी पैक किया. उदाहरण के लिए उनका गोवर्धन ब्रांड... प्रसिद्ध गोवर्धन गाय घी के समान लगता है, लेकिन इसकी स्पेलिंग में थोड़ा अंतर है. मेहुल खंडेलवाल ने दावा किया कि वो घी बेच ही नहीं रहे हैं, उनके किसी प्रोडक्ट पर घी शब्द नहीं लिखा, वो सिर्फ पूजा सामग्री लिखते हैं. मेहुल खंडेलवाल के मुताबिक उनके सभी 16 या 17 घी प्रोडक्ट पूजा सामग्री की श्रेणी में आते हैं. ग्राहक पूजा वाला घी मांगता है, लेकिन वो उसे पूजा सामग्री के तौर पर बेचते हैं, वो घी शब्द का इस्तेमाल नहीं करते और इस तरह लोगों के भरोसे के सहारे उनका मोटे मुनाफे का बिजनेस मॉडल चल रहा है. 

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आजतक की खबर का असर

आजतक की खबर के बाद हाथरस का प्रशासन सतर्क हो गया और हाथरस के जिलाधिकारी ने चार अधिकारियों की एक कमेटी बना दी, जिसके बाद उन्होंने नकली घी के गोदामों पर छापेमारी शुरू कर दी. जल्द ही आरोपियों के खिलाफ FIR भी दर्ज की जाएगी.

(इनपुट- अभिषेक कुमार)

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