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'पर्दे के पीछे घोटाला, घाटे झेल रही कंपनियों ने BJP को दिया चंदा?', इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर केंद्र पर भड़के संजय सिंह

AAP सांसद संजय सिंह ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी को मिले चंदे पर कई बड़े सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी देश की महाभ्रष्ट पार्टी है. जो कंपनियां घाटे में हैं और टैक्स नहीं दे रही हैं, उन कंपनियों ने बीजेपी को चंदा दिया है. 2017 के पहले यह नहीं हो सकता था लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड का कांड करने के लिए सरकार ने नियमों में बदलाव किया.

AAP सांसद संजय सिंह AAP सांसद संजय सिंह
आशुतोष मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए हैं. उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड और इसके जरिए भारतीय जनता पार्टी को मिले चंदे पर सवाल खड़ा किया है. संजय ने कहा कि सुनियोजित तरीके से मोदी सरकार ने कई सालों में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पर्दे के पीछे से घोटाला किया. सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद है, जिनके आदेश से इस घोटाले का सारा डेटा सामने आ गया. अब इस घोटाले का खुलासा एक चेन में होगा. ‌33 कंपनियां हैं, जिन्हें पिछले 7 सालों में एक लाख करोड़ का घाटा हुआ है ‌और उन्होंने बीजेपी को 450 करोड़ का चंदा दिया है. 

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उन्होंने कहा कि17 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने जीरो टैक्स दिया है या उनको टैक्स में राहत मिल गई है. 6 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को 600 करोड रुपए का चंदा दिया है. एक कंपनी ऐसी है, जिसने अपने मुनाफे से तीन गुना ज्यादा चंदा दिया है. तीन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने 28 करोड़ रुपए का चंदा दिया है और जीरो टैक्स भुगतान किया है. एक कंपनी ऐसी भी है, जिसने अपने मुनाफे का 93 गुना चंदा दिया है. ‌

'भारती एयरटेल को मिली छूट एक रहस्य...'

संजय सिंह ने कहा कि भारती एयरटेल ने 200 करोड़ का चंदा बीजेपी को दिया है. 2017 से 2023 तक इस कंपनी को 77 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ. इस कंपनी को 8200 करोड़ रुपए के टैक्स की छूट मिली है. कुछ छूट इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली है लेकिन बाकी छूट कैसे मिली यह एक रहस्य है. 

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संजय सिंह ने कई कंपनियों के नाम लेकर उठाए सवाल

  • "डीएलएफ ने बीजेपी को 25 करोड़ का चंदा दिया है. इस कंपनी को सात साल में 130 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है और टैक्स में 20 करोड़ रुपए की छूट मिली है."
  • "एक कंपनी है स्टील सेटिंग इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जिसने 12 करोड रुपए का चंदा दिया है और इसका कुल घाटा पिछले सात साल में 150 करोड़ रुपए है. इसको एक करोड़ 60 लाख रुपए टैक्स में छूट मिली है."
  • "धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 115 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा‌. इसने बीजेपी को 24 करोड़ 99 लाख रुपए दिया है. कंपनी का घाटा 299 करोड़ का हुआ है और इन्होंने सात सालों में जीरो टैक्स भुगतान किया है." ‌ 
  • "पीआर एल डेवलपर्स ने 20 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा और 10 करोड़ बीजेपी को भेंट चढ़ाई. इस कंपनी को टैक्स में 4.7 करोड रुपए राहत मिली है, इसका घाटा 1550 करोड रुपए का है." 
  • "अरबिंदो फार्मा, शरद रेड्डी की कंपनी है, जिसने 15 करोड़ का बॉन्ड खरीदा है और पूरा भारतीय जनता पार्टी की भेट चढ़ा दिया है. इसको 7 सालों में 28 करोड़ का घाटा हुआ है. इस कंपनी को 7 सालों में 7 करोड़ 20 लाख के टैक्स की छूट मिली."
  • "नंदी प्राइवेट लिमिटेड ने 5 करोड़ का बॉन्ड खरीदा और पूरा बीजेपी को दिया. इन्होंने जीरो टैक्स दिया है, इनको भी 48 करोड़ का घाटा हुआ था." 
  • "एक कंपनी है मदनलाल लिमिटेड, जिसने 185 करोड़ 50 लाख का बॉन्ड खरीदा और 175 करोड़ रुपए बीजेपी को चंदा दिया. इनका कुल फायदा 2 करोड़ रुपए का है."

'बीजेपी को मुनाफे से ज्यादा चंदा...'

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संजय सिंह ने कहा कि कितनी दरिया दिली दिखाई गई है, यह कंपनियां किसकी हैं, इनके बारे में ईडी जानकारी निकाले. आज ही सबके घर छापे पड़ जाएंगे. 6 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अपने मुनाफे से ज्यादा चंदा बीजेपी को दे दिया है. क्विक सप्लाई चेन लिमिटेड ने 410 करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा और 375 करोड़ रुपए बीजेपी को दिए. इस कंपनी को 144 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है. 

यह भी पढ़ें: 'छोटी सी कोठरी में शुरुआती 11 दिन कठिन थे...', संजय सिंह ने सुनाई जेल में बिताए 6 महीने की आपबीती

'इलेक्टोरल बॉन्ड का बड़ा कांड...'

AAP सांसद ने कहा कि अब कहां है ईडी और सीबीआई? फर्जी कंपनियां बनाकर हजारों करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. 2017 के पहले इस देश के अंदर चुनाव आयोग का एक कानून था, जिसमें ये प्रावधान था कि 3 सालों में किसी कंपनी को हुए मुनाफे का सिर्फ 7.5 प्रतिशत ही चंदा दे सकते हैं. नियम के मुताबिक घाटे की कंपनी चंदा नहीं दे सकती थी. मतलब साफ है कि शेल कंपनियां बनाकर आप किसी पार्टी को चंदा नहीं दे सकते थे. अब यहां मोदी का खेल 'इलेक्टोरल बॉन्ड का बड़ा कांड' शुरू हुआ. 

संजय सिंह ने बताया कि साल 2017 में मोदी सरकार ने इस नियम को बदल दिया. चुनाव आयोग ने इसका विरोध भी किया था. आयोग ने कहा था कि इससे शेल कंपनियां बनाकर राजनीतिक दलों को चंदा दिए जाने का रास्ता खुल जाएगा. उन्होंने कहा कि नियमों में बदलाव करके बड़ा घोटाला किया गया है. 2017 के पहले यह नहीं हो सकता था लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड का कांड करने के लिए नियमों में बदलाव किया. बीजेपी देश की महाभ्रष्ट पार्टी है. आजादी के बाद इस धरती पर सबसे भ्रष्ट पार्टी है भारतीय जनता पार्टी है.

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संजय सिंह ने मांग की है कि चंदा देने वाली इन कंपनियों से पूछताछ हो और बीजेपी नेताओं को गिरफ्तार किया जाए. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि तीन लाख शेल कंपनियों को बंद कर दिया गया, तो बताइए कि आखिर यह कंपनियां कौन सी हैं, जो कागजों पर बनी हैं और आपको चंदा दे दिया है. इन फर्जी कंपनियों से आपको चंदा कैसे मिला मोदी जी. 

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'बीजेपी के मामलों में ED, CBI चुप क्यों?'

इलेक्टोरल बॉन्ड डाटा के हवाले से संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जिन कंपनियों को घाटा हुआ है, उन्होंने बीजेपी को चंदा दिया और उन्हें टैक्स में माफी मिली. शेल कंपनी बनाकर बीजेपी को चंदा दिया गया. इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा देने के लिए 2017 में उस नीति में बदलाव किया गया, जिसमें घाटे वाली कंपनियों से चंदा लेने पर रोक थी. चुनाव आयोग की आपत्ति के बाद भी मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड का कांड किया.

संजय सिंह एक और सवाल उठाते हुए कहा कि जिस कंपनी को जीरो प्रॉफिट हुआ है, जीरो टैक्स दे रहा है या घाटे में चल रही है, उस कंपनी में क्या यह मनी ट्रेल नहीं है? ईडी और सीबीआई अब कार्यवाही क्यों नहीं कर रही हैं. विपक्षी दलों के मामले में ईडी और सीबीआई गामा पहलवान बन जाती है लेकिन बीजेपी के मामलों में चुप क्यों हैं. क्या यह एजेंसियां तमाशा देखने के लिए बैठी हैं? बीजेपी के इशारे पर ये एजेंसियां गजनी मोड में चली जाती हैं. 

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