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वरिष्ठ टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने रविवार को कहा कि उनके धर्म ने उन्हें ऐसे पूजा स्थल को स्वीकार करना और गले लगाना नहीं सिखाया है जो 'नफरत, हिंसा और निर्दोषों के शवों' पर बनाया गया है. लोकसभा सांसद अभिषेक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह की पूर्व संध्या पर एक्स पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की.
अभिषेक बनर्जी ने पोस्ट किया, 'मेरे धर्म ने मुझे पूजा स्थल को स्वीकार करना और गले लगाना नहीं सिखाया है, चाहे वह मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारा हो, जो नफरत, हिंसा और निर्दोषों के शवों पर बनाया गया है.'
उनकी पार्टी टीएमसी ने सोमवार को कोलकाता में एक मेगा सर्वधर्म रैली का आयोजन किया है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगी. राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की रैलियां आयोजित की गई हैं. बीजेपी ने कहा कि जब देश अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का इंतजार कर रहा था, तब बनर्जी ने ऐसा बयान दिया.
भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि जिस राज्य में बोगतुई नरसंहार जैसी घटना होती है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कत्लेआम किया जाता है, वहां सत्तारूढ़ दल को इन चीजों के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे बयान टीएमसी को शोभा नहीं देते जो हिंसा की राजनीति में विश्वास करते हैं. वे ऐतिहासिक घटना के लिए लोगों द्वारा दिखाए गए जबरदस्त उत्साह के मद्देनजर निराशा के कारण ऐसे बयान दे रहे हैं. वे समझ गए हैं कि लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया है.