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'आदिपुरुष' पर रार, काठमांडू के मेयर ने लगाया बैन तो नेपाल सरकार ने लगाई फटकार

नेपाल की राजधानी काठमांडू में मेयर द्वारा फिल्म आदिपुरुष को दिखाए जाने पर बैन लगाए जाने के बाद अब नेपाल सरकार ने इसकी आलोचना की है. नेपाल सरकार के सूचना-संचार मंत्रालय ने अपनी गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगाने का अधिकार मेयर को नहीं है.

नेपाल में फिल्म को लेकर बवाल नेपाल में फिल्म को लेकर बवाल
सुजीत झा
  • काठमांडू,
  • 18 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

विवादित फिल्म 'आदिपुरुष' के बहाने सभी हिन्दी फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगाने के काठमांडू के मेयर के तुगलकी फरमान का अब नेपाल सरकार ने ही विरोध शुरू कर दिया है.

मेयर बालेन साह के निर्देश पर नेपाल सरकार की तरफ से सूचना-संचार मंत्रालय ने अपनी गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है. मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर आदिपुरुष सहित सभी फिल्मों के प्रदर्शन पर किसी प्रकार का रोक लगाए जाने को गैर कानूनी बताया गया है.

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फिल्मों पर रोक लगाने का अधिकार नहीं: नेपाल सरकार

बयान में कहा गया है कि आदिपुरुष के जिस डायलॉग पर लोगों को आपत्ति थी उसे म्यूट कर सिनेमाघरों म़ें चलाने की अनुमति दी गई थी. बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध किया जाना ठीक नहीं है. नेपाल के सेंसर बोर्ड की तरफ से भारत शब्द को हटा कर प्रसारण का प्रमाण पत्र देने के बाद इसका विरोध करना उचित नहीं है.

नेपाल में कौन सी फिल्म चलेगी या नहीं चलेगी इसको लेकर सरकार के तरफ से सेंसर बोर्ड बनाया गया है और इस तरह के विवाद में अंतिम निर्णय वही लेता है. इसलिए किसी अन्य को गैर कानूनी तरीके से अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर फिल्मों के प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात करना अनुचित है.

काठमांडू में फिल्म पर रोक

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बता दें कि नेपाल की राजधानी काठमांडू के सिनेमाघरों में पौराणिक फिल्म 'आदिपुरुष' का प्रदर्शन रोक दिया गया था. शहर के मेयर ने निर्माताओं से कहा था कि सीता के जन्मस्थान के बारे में गलती सुधारें और सही जानकारी दें.

मेयर ने फेसबुक पर लिखा कि जब तक दक्षिण भारतीय फिल्म 'आदिपुरुष' में निहित 'जानकी भारत की बेटी है' लाइन न केवल नेपाल में बल्कि भारत में भी हटा दी जाती है, तब तक काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (एसआईसी) में कोई भी हिंदी फिल्म चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

नेपाल के फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड ने भी कहा कि सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने की इजाजत तभी दी जाएगी, जब 'सीता को भारत की बेटी' बताने वाले डायलॉग को बदल दिया जाएगा. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सीता का जन्म जनकपुर में हुआ माना जाता है, जो नेपाल में स्थित है. शाह ने अपने फेसबुक पोस्ट में निर्माताओं से तीन दिनों के भीतर डायलॉग बदलने को कहा था. अब इसी को लेकर काठमांडू के मेयर और नेपाल का सूचना प्रसारण मंत्रालय आमने-सामने है.

जन भावना को चोट पहुंचाना मकसद नहीं: टी सीरीज

फिल्म आदिपुरुष के निर्माता कंपनी टी सीरिज की तरफ से काठमांडू के मेयर और नेपाल के फिल्म सेंसर बोर्ड को पत्र भेजते हुए कहा गया है कि फिल्म का उद्देश्य नेपाली जनता की भावना को चोट पहुंचाना नहीं है.

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जिस संवाद पर विवाद हो रहा है उस पर अपना पक्ष रखते हुए पत्र में कहा गया है कि 'आज मेरे लिए मत लड़ना, उस दिन के लिए लड़ना जब भारत की किसी भी बेटी को हाथ डालने से पहले दुराचारी तुम्हारा पौरुष याद कर के थर्रा उठे.'

इस पंक्ति में कहीं भी जानकी को भारत की बेटी नहीं कहा गया है बल्कि ये सम्पूर्ण बेटियों खास कर भारत की बेटियों के संदर्भ में कहा गया है.

आलोचना के बाद बदले जाएंगे डायलॉग

वहीं दूसरी तरफ फिल्म के कुछ डायलॉग को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल होने के बाद अब फिल्म मेकर्स ने उसे बदलने का फैसला किया है. इस बारे में फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने इस विवाद पर अपना पक्ष सभी के सामने रखा.

मनोज मुंतशिर का कहना है कि उन्होंने फिल्म के डायलॉग को इस अंदाज में इसलिए लिखा था ताकि बच्चे इससे कनेक्ट कर पाएं, समझ पाएं. ऐसे में उनसे पूछा गया कि इससे पहले कि ये फिल्म बच्चों तक पहुंचती इसके डायलॉग बदल दिए जाएंगे. 

मनोज मुंतशिर ने कहा, 'फिल्म में सिर्फ 5 डायलॉग हैं. एक फिल्म 4000 हजार डायलॉग से मिलकर बनती है. अगर 5 डायलॉग को पसंद नहीं किया गया तो 3995 डायलॉग को पसंद भी किया गया है. 4000 में से 5 बदलने से कुछ नहीं होगा. जो आपत्तिजनक शब्द हैं, जिनसे जनता को दिक्कत है हम बस उन्हें बदल देंगे. 
 

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