
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के लोग संकट में हैं और बेहद डरे हुए हैं. बड़ी संख्या में लोग वहां से बाहर निकलने की कवायद कर रहे हैं. अफगानिस्तान की सिख सांसद अनारकली कौर अपना देश छोड़कर भारत आई हैं. आजतक के साथ खास बातचीत में अनारकली कौर ने कहा कि मैं तो अपना देश, अपनी मां छोड़कर आई हूं.
अफगानिस्तान छोड़कर भारत आईं अफगानी सिख सांसद अनारकली कौर ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि अभी तक कुछ पता नहीं है. अफगानिस्तान में स्थिति ऐसी है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर जोरदार कब्जा किया. वहां पर अभी कोई सरकार नहीं है. करीब 10 दिन हो गए हैं अब तक वहां पर सरकार का गठन नहीं हो सका है. वहां की स्थिति के बारे में कुछ भी पता नहीं है लेकिन लोग बेहद डरे हुए हैं कि क्या होगा.
सांसद अनारकली कौर ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए लोगों को पता चल रहा है कि तालिबान के लोग कैसे लोगों के साथ सुलूक करते हैं. औरतों और बच्चों के साथ बुरी तरह से पेश आते हैं.
इसे भी क्लिक करें --- तालिबान से जंग की तैयारी? एक तरफ डटी अफगान जनता, दूसरी ओर पंजशीर में जुटने लगे पूर्व सैनिक
सांसद बनने के कठिन सफर तय करने वाली अफगानिस्तान की सिख सांसद अनारकली कौर ने कहा कि वहां के बारे में कुछ भी स्थिति साफ नहीं है. हमने सुना था कि लोग कहते हैं कि देश मां है. लेकिन कैसे यह हमें पता नहीं था. लेकिन अब जाकर पता लगा कि देश बिल्कुल मां है. हालांकि आने वाले कल की कोई गारंटी नहीं है कि वहां क्या होगा.
'तब बहुत मैसेज हुआ करता था'
20 साल की स्थिति बदल जाने के सवाल पर सांसद अनारकली कौर ने कहा कि बिल्कुल अब तो मैं कन्फ्यूज हूं. अफगानिस्तान के हालात ऐसे हैं कि वहां हर 10 साल, 15 साल या 20 साल में बदलाव आते हैं. जो कुछ होता है वो 10 साल, 20 साल में बर्बाद हो जाते हैं. जो लोग देश से बाहर निकलते हैं उन्हें तो बहुत मौके मिलते हैं लेकिन जो वहां रह जाते हैं उन्हें वहां मौका नहीं मिलता है.
जो लोग वहां छूट गए हैं उनके बारे में क्या मैसेज देंगी, के सवाल पर अनारकली कौर ने कहा कि अब क्या मैसेज देंगे. जब तालिबान नहीं आए थे तब काफी मौके थे तब हमारे पास बहुत मैसेज हुआ करते थे. लोगों को मैसेज दिया करते थे. तालिबान को मैसेज दिया करते थे कि हम शांति बनाए रखेंगे. फिलहाल मेरे पास अभी कोई मैसेज नहीं है. मैं तो अपना देश और अपनी मां छोड़कर आई हूं. उसे छोड़ना आसान बात नहीं है.