
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जहां वहां के स्थानीय लोग डरे हुए हैं तो वहीं दूसरे देशों में रह रहे अफगानी अपने परिजनों की सलामती को लेकर बेहद चिंतित हैं. भारत में भी बड़ी संख्या में अफगानी रहते हैं और आजतक ने उनसे उनकी मनोदशा और अफगानिस्तान में रह रहे परिजनों की स्थिति को लेकर जानने की कोशिश की.
भारत अफगानिस्तान एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अहमदाबाद की गुजरात युनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए आई अफगानी लड़कियां अब अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं. उनका कहना है कि अगर वो अब अफगानिस्तान वापस जाती हैं तो उन्हें मार दिया जाएगा क्योंकि तालिबान कभी लड़कियों की पढ़ाई को नहीं मानता.
आजतक से बातचीत करते हुए एक अफगानी युवती ने बताया कि मेरी बहन जो अस्पताल में काम करती है उसे पिछले 3 दिनों से घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया. इसी तरह एक अफगानी लड़की रोते-रोते कहती है कि मेरी 3 बहनें हैं और मेरी मां भी है, लेकिन मुझे नहीं पता कि उनके साथ अब क्या होगा. मुझे मेरी छोटी बहनों के लिए काफी चिंता है.
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आजतक से बात करते हुए एक अन्य अफगानी युवती ने कहा कि मुझे अपने परिजनों की बहुत चिंता है. उन्होंने कहा कि मेरी 3 बहनें हैं जो मां और पूरे परिवार के साथ वहीं पर फंसी हुई हैं.
'कुछ भी नहीं पता कि क्या होगा'
उन्होंने बताया कि मेरी एक छोटी बहन है, वह 19 साल की है. वह मुझे मैसेज करती है कि अगर तालिबानी यहां आए और वे लोग अपने लड़ाकों से मेरी साथ शादी करने की जिद करते हैं तो मैं खुदकुशी कर लूंगी.
उन्होंने आज के हालात के बारे में बताया कि अभी तो लोग सेफ हैं. लेकिन भविष्य में क्या होगा. पता नहीं कल क्या होगा. हम लोग डरे हुए हैं. वहां पर ऐसा पहली बार हुआ है और कुछ भी नहीं पता कि क्या होगा.
आजतक के साथ बातचीत में एक अन्य अफगानी छात्रा ने कहा कि अभी तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है. अचानक से अब सब खत्म हो गया है. लेकिन पहले सपना था कि मैं जल्द से जल्द कोर्स पूरा करने का सोच रहे थे और मास्टर डिग्री करना चाह रही थी. लेकिन अब सब कुछ थम सा गया है. लेकिन अभी स्थिति बहुत खतरनाक है. सब यही सोच रहे हैं कि पता नहीं क्या होगा. हम लोग डरे हुए हैं कि वे तालिबान लोग क्या करेंगे.
'पहले भी कई बार मुकर चुके हैं अफगानी'
तालिबान की ओर से आम लोगों को कुछ नहीं किए जाने के वादे पर एक अन्य अफगान युवती ने कहा कि तालिबान पहले भी अपनी बातों से मुकरे हैं. पहले कुछ कहते हैं और फिर मुकर जाते हैं. 3 महीने पहले उन्होंने कहा था कि पहले हम बात करेंगे फिर आएंगे.
अफगान युवती ने कहा कि उन्होंने अपनी ही बात का मान नहीं रखा. फिलहाल वो लोग सामने कुछ नहीं कर रहे हैं लेकिन अंदर बहुत लोगों को मार रहे हैं. अत्याचार कर रहे हैं.
भारत में रहे रहे अफगानियों की मदद करे सरकारः अजीम
दूसरी ओर, अफगानिस्तान में फंसी अपनी मां और बहन को याद कर एक अफगानी छात्र भावुक हो गया. अफगान मूल का अजीम मुखलिस भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रहा है. अजीम ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है.
आजतक से बात करते हुए अफगानी छात्र अजीम ने बताया कि अफगानिस्तान के बिगड़े हालातों की चिंता सबसे ज्यादा अब भारत में रहने वाले उन अफगानियों को सताने लगी है जिनके मां, बहन, भाई या रिश्तेदार अब भी तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान में रह रहे हैं.
भोपाल में रह रहे अजीम मुखलिस उनमें से एक है जो काबुल से भारत 2014 में पढ़ाई करने आए थे. 2019 में भोपाल में एमबीए किया और मध्य प्रदेश में मिक्स्ड मार्शल आर्ट में गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं. अजीम की मां, बहन सभी अफगानिस्तान में रह रहे हैं.
अजीम ने बताया कि अफगानिस्तान में रह रहे परिजनों से उनकी अब मुश्किल से बात हो रही है. पहले किसी भी समय बात हो जाती थी, लेकिन अब वहां फोन पर बेहद सीमित समय के लिए बात हो पा रही है. परिवार के लोग बता रहे हैं कि वहां हालात बेहद खराब हैं.
अजीम इस बात से बेहद चिंतित है कि अफगानिस्तान में उनकी मां, बहन और परिवार के अन्य लोग फंसे हुए हैं और वहां से बाहर निकलना चाहते हैं लेकिन वहां सभी फ्लाइट्स बंद हैं. उन्होंने बताया कि वह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि उनका परिवार अफगानिस्तान में रहे क्योंकि वहां अब सब कुछ बर्बाद हो चुका है और भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि भारत में रहे रहे अफगानियों की मदद की जाए.
अजीम को सबसे बड़ी चिंता इस बात की सता रही है कि उन्होंने भारत मे रहकर पढ़ाई की है. भोपाल के एक निजी कॉलेज से उन्होंने एमबीए की डिग्री ली, लेकिन तालिबान को भारत में रहकर पढ़ने वाले लोग पसंद नहीं और ना ही वो भारत की डिग्री को मान्यता देता है इसलिए यदि इन हालातों में उन्हें वापस अपने देश जाना पड़ा तो वहां नौकरी भी नहीं कर सकेंगे.